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Friday, 4 May 2018

लाल डोरा के बाहर बने मकानों को चुन-चुनकर ढहाने के संबंध मे।

लाल डोरा के बाहर बने मकानों को चुन-चुनकर ढहाने के संबंध मे।

विनय कमर 


चंडीगढ़ 
सभी ग्रामीण आपका ध्यान आकर्षित करना चाहते है कि जबसे यूटी बनी है तभी से प्रशासन लाल डोरा के बाहर छोटे-छोटे प्लाटों की रजिस्ट्री करता आ रहा हैयह जानते हुए भी की इतने छोटी जगह पर खेती-बाड़ी नहीं हो सकती है। लाल डोरा के बाहर हर किसी प्रकार का निर्माण अवैध है लेकिन इसके बावजूद यह सब कुछ होता रहा और प्रशासनिक अधिकारी सोते रहे। ग्रामीण आज यह पूछ रहे है की :-
1. अगर छोटे प्लाटों में खेती-बाड़ी नहीं हो सकती है तो इनकी रजिस्ट्रीया क्यों की गयी?
2. जब लोग इन प्लाटों पर मकान बना रहे थेतब निर्माणों को उसी समय क्यों नहीं रोका गया?
3. जब मकान बनकर तैयार हो गए तब बिजली-पानी के कनेक्शन क्यों दिए गए?
4. यदि यह सब कुछ अवैध थातो प्रशासन ने यहाँ रहने वालों के वोटराशन कार्डआधार कार्ड क्यों बनवाये?
5. ये सारी मूलभूत सुविधाएँ देने के बाद क्या यह नहीं समझा जाये कि इन बसे हुए लोगों को मान्यता दे दी गई है?
प्रशासन खुद कुम्भकर्णी नींद सोता रहा और आज उन्हें कोई नैतिक अधिकार नहीं है कि खून पसीने की कमाई से बनाये गरीबों के मकान ढहाए जाए जो  की उनके साथ धक्काशाहीअन्याय और अत्याचार हो रहा है और इसे तुरंत रोका जाए। साथ ही इसका स्थाई समाधान किया जाए|
    महोदय  अगर यह सब अवैध निर्माण होता रहा है तो समय- समय पर रहते सम्बंधित अधिकारी कहा थेउनकी जवाबदेही तय कर उनके खिलाफ भी आपराधिक मामला दर्ज किया जाएजिन्होंने यह सब होने दिया।


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