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Monday, 24 November 2025

NT24 News : ब्रह्मज्ञान ईश्वर की अनुभूति है, ईश्वर का आगमन है....

 ब्रह्मज्ञान ईश्वर की अनुभूति है, ईश्वर का आगमन है – साध्वी श्रेया भारती

चंडीगढ़, राखी: गुरुदेव श्री आशुतोष महाराज जी के मार्गदर्शन में दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान एवं श्री राम कृपा सेवा ट्रस्ट द्वारा चंडीगढ़ के सेक्टर-34 स्थित प्रदर्शनी ग्राउंड में 23 से 29 नवंबर 2025 तक दिव्य श्री राम कथा का भव्य आयोजन हो रहा है। प्रतिदिन सायं 6 से 9 बजे तक आयोजित इस कथा का वाचन संस्थान के संचालक एवं संस्थापक श्री आशुतोष महाराज जी की परम शिष्या, कथा व्यास साध्वी सुश्री श्रेया भारती जी अपनी मंडली सहित कर रहीं हैं। कथा के द्वितीय दिवस कथा का शुभारंभ ब्रह्म मोहिंद्रा (पूर्व कैबिनेट मंत्री पंजाब), संजय टंडन (बीजेपी सह प्रभारी हिमाचल प्रदेश), बलबीर सिंह सिद्धू (पूर्व कैबिनेट मंत्री पंजाब), डॉक्टर संदीप कौरा (फाउंडर चांसलर ऑफ शहीद उधम सिंह स्किल डिवेलपमेंट यूनिवर्सिटी पंजाब) हरदेव सिंह नेहरा (तहसीलदार), अरुण वर्मा (डायरेक्टर ऑफ इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड चंडीगढ़) ने प्रभु की ज्योति को प्रज्वलित करके किया। रमेश महाजन (सीनियर आर्किटेक्ट) ने धर्मपत्नी संग आज का यजमान पूजन किया। द्वितीय दिवस कथा का वाचन करते हुए साध्वी श्रेया भारती जी ने रामचरितमानस की महिमा पर प्रकाश डालते हुए कहा कि रामचरितमानस की रचना भले ही सदियों पूर्व हुई हो, परन्तु इसमें निहित धर्म की स्थापना का सन्देश हर युग, हर काल और हर देश की सीमाओं से परे है। और वर्तमान युग की समस्त समस्याओं का निवारण प्रस्तुत करता है। साध्वी जी ने कहा कि संसार में अनेक प्रकार के रोग-शोक, जन्म-मृत्यु, काम, क्रोध, लोभ, मोह तथा अहंकार जैसे दुष्प्रभावों में उलझकर मानव जीवन के वास्तविक उद्देश्य से भटक जाता है। ऐसे समय में प्रभु स्वयं अवतीर्ण होकर धर्म की स्थापना कर संसार के उपद्रवों को शांत करते हैं। प्रभु श्री राम के दिव्य चरित्र एवं जन्मोत्सव प्रसंग का वर्णन करते हुए साध्वी श्रेया भारती जी ने कहा कि प्रभु धर्म की स्थापना के लिए साकार रूप धारण करते हैं और उनके इस उद्देश्य में हम सभी को उनका सहयोग करना चाहिए। सौभाग्यशाली होती हैं वे आत्माएं जिन्हें ये सुअवसर मिलता है। साध्वी जी ने कहा कि आज समाज को श्री राम जी की, उनके मूल्यवान आदर्शों की आवश्यकता है जिसे आधुनिक मानव भूल बैठा है। आज का मानव अज्ञानतावश श्री राम-चरित्र को छोड़, चलचित्रों और बाह्य आकर्षणों की ओर दौड़ रहा है। ऐसे समय में आवश्यकता है ज्ञान-दीप प्रज्वलित करने की, क्योंकि समय और समाज की पुकार ब्रह्मज्ञान है—जो मनुष्य को मानवता की ओर अग्रसर कर दानवता का नाश कर सकता है। ब्रह्मज्ञान के विषय में साध्वी जी ने स्पष्ट करते हुए बताया कि यह ईश्वर की साक्षात अनुभूति है—जब अंतःकरण में ज्ञान का प्रकाश होगा तब अज्ञानता का अंधकार अपने आप समाप्त हो जाएगा। द्वितीय दिवस की कथा को विराम प्रभु श्री राम की भव्य आरती द्वारा दिया गया जिसने पूरे परिसर को दिव्यता से आलोकित कर दिया। प्रभु की पावन आरती में कई गणमान्य अतिथि, सामाजिक प्रतिनिधि एवं शहर की प्रतिष्ठित हस्तियाँ उपस्थित रहीं। यह कथा 29 नवम्बर तक यूँ ही भक्ति-रस वितरित करेगी। अतः सभी भक्तों, परिवारों और श्रद्धालुओं से आग्रह है कि वे इस दिव्य कथा में अवश्य पधारें, प्रभु श्री राम की कृपा का लाभ प्राप्त करें तथा ब्रह्मज्ञान द्वारा ईश्वर-अनुभूति कर जीवन को ईश्वरीय प्रकाश से रोशन करें। अंत में कथा में आए हुए सभी भक्तजनों में भंडारे का वितरण किया गया।

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