Saturday, 25 August 2018

नीरू बाजवा और अमृत मान की केमिस्ट्री फिल्म “आटे दी चिड़ी ”


नीरू बाजवा और अमृत मान की केमिस्ट्री फिल्म 
“आटे दी चिड़ी ”
एन टी 24 न्यूज़

चंडीगढ़
यह हमेशा माना जाता है कि किसी भी फिल्म के हिट होने के लिए सब से जरूरी है उसकी कहानी और स्क्रिप्ट। पर जब पॉलीवूड कि सब से बड़ी सुपरस्टार नीरू बाजवा और हिट गीतों के बादशाह अमृत मान इक्कठे आएं तो किसी भी फिल्म के ब्लॉकबस्टर होने कि इस से ज्यादा ग्रंटी नहीं हो सकती । इंडस्ट्री का यह नया जोड़ा इस साल कि सब से बड़ी ब्लॉकबस्टर फिल्म आटे दी चिड़ी लेकर तैयार हैं । नीरू बाजवा और अमृत मान इस फिल्म में मुख्य किरदार निभाएंगे। इनके बिना गुरप्रीत घुग्गी, बी.एन. शर्मा, कर्मजीत अनमोल, सरदार सोही, अनमोल वर्मा, निशा बानो, निरमल ऋषि, गुरप्रीत भंगू और हार्बी संघा खास किरदार निभाएंगे । आटे दी चिड़ी को डायरेक्ट किया है रब्ब दा रेडियो और सरदार मोहम्मद जैसी फिल्मों से प्रसिदी प्राप्त कर चुके हैरी भट्टी ने।इस प्रोजेक्ट को प्रोडूस किया है तेग प्रोडक्शंस और चरनजीत सिंह वालिआ ने । जिस तरह यह फिल्म अभी रिलीज़ भी नहीं हुई जो एक बात लोगों का धयान अपनी और खींच रही है वो है इस फिल्म के मुख्य किरदारों की केमिस्ट्री । अमृत मान और नीरू बाजवा दोनों एक साथ बहुत ही अच्छे लग रहे हैं । सेट की तस्वीरें इस बात का सबूत हैं कि दोनों पूरी तरह से तैयार हैं थिएटर में धूम मचाने के लिए । इस बारे में नीरू बाजवा ने कहा, "सारे सेट का माहौल बहुत ही मिलनसार और घरेलू था कि हमें कभी लगा ही नहीं कि हम काम क्र रहे हैं। यह पूरा सफर छुट्टियों की तरह बीता। मैं और अमृत पहले ही लौंग लाची फिल्म के एक गीत लोगो मुच्छ दे में काम क्र चुके हैं । उनके साथ काम करने का अनुभव बहुत ही अच्छा रहा।मुझे लगता है कि अगर आस पास कि एनर्जी सही हो तो अब अच्छा ही होता है ।
" अमृत मान ने कहा, "जैसे यह मेरी लीड के रूप मैं पहली फिल्म है तो मैं बहुत ही ज्यादा डरा हुआ था। पर सेट पर हर कोई इतना सहयोगी था कि मैं अपने आप को खुशकिस्मत समझता हूँ कि मैं इस प्रोजेक्ट का हिस्सा बन सका। नीरू बाजवा के साथ काम करना एक अद्धभुत अनुभव रहा । " फिल्म के प्रोडूसर चरनजीत सिंह वालिआ ने कहा, "शूटिंग से पहले हम कास्ट को लेकर बहुत ही ज्यादा दुविधा में थे कि कौन कौनसा किरदार निभाएगा। पर हमने आखिर कर जब फैसला ले लिया तो अब हमें पूरा विश्वास है कि कोई भी इन किरदारों को नीरू बाजवा और अमृत मान से अच्छा नहीं निभा सकता था । "आटे दी चिड़ी विश्वभर में 19 अक्टूबर 2018 को रिलीज़ होगी ।

Neeru Bajwa and Amrit Maan again in ‘Aate Di Chidi’.....विनय


Neeru Bajwa and Amrit Maan again in
‘Aate Di Chidi’

NT24 News
Chandigarh
It is always said that to make any movie hit, the most important part is the script and story. But when the biggest female superstar of pollywood Neeru Bajwa and flag bearer of hit songs Amrit Maan come together, there is no better guarantee for a film to be blockbuster. This fresh pair of the industry is all set with the biggest blockbuster of the year ‘Aate Di Chidi’.
     This movie will cast Neeru Bajwa and Amrit Maan as lead pair and the stellar star cast of the movie includes Gurpreet Ghuggi, BN Sharma, Anmol Verma, Karamjit Anmol, Harby Sangha and veteran actor Sardar Sohi.  The genre of ‘Aate Di Chidi’ is a comedy and it will giggle audience out by showcasing Punjab’s issue s in a humorous way. The movie is helmed by Harry Bhatti. It’s a presentation by Teg Productions. This movie is shot in Punjab and Canada.
   As the movie is yet to release, the one thing that is pulling the eyeballs is the chemistry of the lead pair. Amrit Maan and Neeru Bajwa both are looking amazing together. Pictures from the set are proof that they are all set to put the theatres on fire.   
     About this Neeru Bajwa quoted, “The environment of the set was so friendly and homely that we didn’t feel we were working. The whole process was like we were on a vacation. Amrit and I had already worked together in song Logo Muchh De from the movie ‘Laung Laachi’. It was an amazing experience working with him and I feel when the energy of the surrounding is positive ultimately everything falls into place.
      Amrit Maan said, “As this is my debut movie as a lead so I was very nervous and excited at the     same time. But everyone on the set was so supportive that I feel I am blessed to be part of such a wonderful project. Working with Neeru Bajwa is a once in a lifetime experience.
      “ Prior to shooting, we were very confused regarding the cast that who will play whom but when we finally came up with the decision. Now as the shoot is done we are quite sure that no one would be able to justify these characters as Neeru Bajwa and Amrit Maan did”, Charanjit Singh Walia, the producer of the film quoted.
AATE DI CHIDI WILL RELEASE WORLDWIDE ON 19TH OCTOBER 2018.

राखी बांधें 26 अगस्त , रविवार को । बहनों को शगुन में भाई दे हेलमेट

राखी बांधें 26 अगस्त , रविवार को । बहनों को शगुन में भाई  दे हेलमेट

एन टी 24 न्यूज़
चंडीगढ़
राखी  श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन ही आती है। 25 अगस्त को दोपहर 3 बजकर 16 मिनट से पूर्णिमा तिथि शुरू हो जाएगी जो 26 अगस्त की शाम 5 बजकर 25 मिनट तक रहेगी। इस बार रक्षाबंधन पर  कुंभ राशि  एवं  धनिष्ठा नक्षत्र रहेगा और पंचक प्रारम्भ हो जाएगा लेकिन इसका असर राखी बांधने में कोई नहीं रहेगा । यह पर्व 26 अगस्त 2018 दिन रविवार को मनाया जाएगा। इस दिन भद्रा सूर्याेदय पूर्व ही समाप्त हो जाएगी अतः 26 अगस्त रविवार को 
                            भद्रा विचार
रक्षा बंधन के दिन भद्रा सूर्योदय से पूर्व ही समाप्त हो जाएगी ।, सावन पूर्णिमा का आरंभ 25 अगस्तशनिवार 15:16 बजे, सावन पूर्णिमा समाप्त - 26 अगस्तरविवार 17:25 बजे 
सुबह 7:43 से दोपहर 12:28 बजे तक एवम दोपहर -2:03 से 3:38 बजे तक. 
इस अशुभ समय में न बांधें राखी, 
काल चौघड़िया,  दोपहर 12:28 से 2:03, 
यम घंटा .दोपहर 3:38 से 5:13 बजे
राहुकाल. शाम 4:30 से बजे तक
रक्षा बंधन , मुहूर्तपर क्यों है आवश्यक ?
रक्षा बंधन के समय भद्रा अर्थात अशुभ समय नहीं होना चाहिए। संयोगवश इस वर्ष राखीरविवार , अवकाश के दिन पड़ रही है और शाम तक भद्रा रहित शुभ मुहूर्त रहेगा।  वैज्ञानिक युग में अधिकांश लोग मुहूर्त जैसे विशेष समय को महत्व नहीं देते , उल्टा इसे मजाक में ब्राहम्णवाद,रुढ़िवादढकोसला आदि कहते है। उनका कहना है कि रब्ब ने सारे दिन एक जैसे बनाए हैं और हर समय ठीक है तथा जब ठीक लगे तभी वह काम कर लेना चाहिए। परंतु शुभ मुहूर्त के महत्व को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।ज्योतिषीय मान्यता है कि शुभ समय में आरंभ किये गए कार्य में सफलता अधिक रहती है तथा उस कार्य में शुभता की वृद्धि की संभावना अधिक रहती हैं l
क्यों बांधें राखी ? बहन को हैल्मेट क्यों दे भाई शगुन में ?
आधुनिक युग में भाई - बहन एक दूसरे की पूर्ण सुरक्षा का  भी ख्याल रखें । नारी सम्मान हो।  समाज में महिलाओं पर हो रहे अत्याचारों में कमी आएगी। हैल्मेट लड़कियों को सड़क पर सुरक्षा प्रदान करेगी । भाई-बहन को स्नेहप्रेम ,कर्तव्य एवं दायित्व में बांधने वाला राखी का पर्व जब भाई का मुंह मीठा करा के और कलाई पर धागा बांध कर मनाया जाता है तो रिश्तों की खुशबू सदा के लिए बनी रहती है और संबंधों की डोर में मिठास का एहसास आजीवन परिलक्षित होता रहता है। फिर इन संबंधों को ताजा करने का अवसर आता है भईया दूज पर । राखी पर बहन ,भाई के घर राखी बांधने जाती है और भैया दूज पर भाई ,बहन के घर तिलक करवाने जाता है।  ये दोनों त्योहार ,भारतीय संस्कृति की अमूल्य धरोहर हैं जो आधुनिक युग में और भी महत्वपूर्ण एवं आवश्यक हो गए  हैं जब भाई और बहनपैतृक संपत्ति जैसे विवादों या अन्य कारणों से अदालत के चककर काटते नजर आते हैं । राखी  का पर्व टूटे संबंधों को बांधने का भी एक महत्वपूर्ण पर्व है। पुत्रियों के मायके आने का जहां सावन एक अवसर हैरक्षा बंधन सबको बांधने का एक बहाना है। बाबुल का आंगन गुलजार करने का एक मौका है। भाई - बहनों के मध्य चल रहे गिले शिकवों को भुलाने  का एक सुअवसर है। इसी लिए धागा बांधने के बाद मिठाई खिलाने से दिल का गुबार मिठास में घुल जाता है। भारतीय उत्सवों का मजा परिवार संग ही आता है। अतः रक्षा बंधन एक पारिवारिक मिलन है। सावन और सावन के सोमवारों से चलता हुआ यह सिलसिला तीज से होता हुआ कृष्णोत्सव तक निर्बाध चलता रहता है । रक्षाबंधन सुरक्षा का मात्र सूत्र ही नहीं रह जाता अपितु एक वचनबद्धता और जिम्मेवारियों का बंधन बन जाता है। एक सम्मान सूचक तंत्र की जगह ले लेता है जिसमें अपनेपन का एहसास समा कर स्नेह का बंधन बन  जाता है । इस धागे का संबंध अटूट होता है। जब तक जीवन की डोर और श्वांसों का आवागमन रहता है एक भाई अपनी बहन के लिए और उसकी सुरक्षा तथा खुशी के लिए दृढ़ संकल्पित रहता है ।
इस विधि से बांधे राखी 
बहनें भाई को लाल रोली या केसर या कुमकुम से तिलक करें , ज्योति से आरती उतारते हुए उसकी दीर्घायु की कामना करे और मिठाई खिलाए। और राखी बांधते हुए ईश्वर से उसकी लंबी आयु की और रक्षा की कामना करें,  भाई उपहार स्वरुप बहन को शगुन या उपहार अवश्य दे। पुलिससैनिक बल तथा सैनिकों को भी रक्षार्थ राखी बांधी जाती है । पुरोहित अपने जजमानों के रक्षा सूत्र बांधते हैं और उनके पालन पोषण का वचन लेते हैं। पुरोहित वर्ग को कलाई पर  रक्षासूत्र की मौली के तीन लपेटे देते हुए इस मंत्र का उच्चारण करना चाहिए- 
येन वद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबलः!, तेन त्वामबुध्नामि रक्षे मा चल मा चल !!
गृह सुरक्षा हेतु करें उपाय
वास्तु शास्त्र के अनुसार यदि मौली को गंगा जल से पवित्र करके गायत्री मंत्र   की एक माला करके अपने प्रवेश द्वार पर तीन गांठों सहित बांधें तो घर की सुरक्षा पुख़्ता हो जाती है और चोरीदरिद्रता तथा अन्य अनिष्ट से बचाव रहता है ।
                                        रुठे भाई को मनाने के लिए
यदि आपका भाई किसी कारणवष रुष्ट है तो शुभ मुहूर्त पर एक पीढ़ी पर साफ लाल कपड़ा बिछाएं। भ्राता श्री की फोटो रखें। एक लाल वस्त्र में सवा किलो जौ, 125 ग्राम चने की दाल, 21 बताशे, 21 हरी इलायची, 21 हरी किशमिश,125 ग्राम मिश्री, 5 कपूर की टिक्कियां ,11 रुपये के सिक्के रखें और पोटली बांध लें । मन ही मन भाई की दीर्घायु की प्रार्थना करते  तथा मन मुटाव समाप्त हो जाने कामना करते हुए पोटली को 11बार फोटो पर उल्टा घुमाते हुएपोटली को शिव मंदिर में रख आएं। भाई दूज पर आपका भाई स्वयं टीका लगाने आ जाएगा । 
कौन से रंग का तिलक और राखी हो अपने भ्राता श्री के लिए ?
मानवीय जीवन में रंगों का विशेष महत्व होता है। आज ही रंगों का चुनाव कर लें बांधने और बंधवाने वाले भाई- बहन । 
भाई की चंद्र राशि के अनुसार cgu  रक्षा क्वच बांधें  । 
मेष राशिः मंगल कामना करते हुए कुमकुम का तिलक लगाएं और लाल रंग की डोरी बांधें।संपूर्ण वर्ष  स्वस्थ रहेंगे ।, बृषभः सिर पर सफेद रुमाल रखें और चांदी की या सिलवर रंग की राखी बांधें।रोली में अक्षत मिला लें । मन शांत और प्रसन्न रहेगा ।, मिथुनःहरे वस्त्र से भाई का सिर ढांकेंहरे घागे या हरे रंग की राखी आत्मविश्वास उत्पन्न करेगी ।, कर्कःचंद्रमा जैसे रंग अर्थात सफेदक्रीम धागों से बनी मोतियों वाली राखी भइया का मन सदा शांत रखेंगी ।, सिंहः गोल्डन रंग या पीलीनारंगी राखी और माथे पर सिंदूर या केसर का तिलक आपके भाई का भाग्यवर्द्धन करेगा ।, कन्याः हरा या चांदी जैसा धागा या रक्षासूत्र करेगा भाई की जीवन रक्षा ।, तुलाः शुक्र का रंग फिरोज़ीसफेदक्रीम का प्रयोग रुमालराखी और तिलक में प्रयोग करेंजीवन में सुख समृद्धि बढ़ेगी ।, बृश्चिकः यदि भाई इस राशि के हैं तो चुनिये लाल गुलाबी और चमकीली राखी या धागा और खिलाएं लाल  मिठाई ।, धनुः गुरु का पीताम्बरी रंग भाई की पढ़ाई में लगाएगा चार चांद। बांधिए उन्हें पीली रेशमी  डोरी ।, मकरः ग्रे या नेवी ब्लू रुमाल से सिर ढकें , नीले रंग के मोतियों वाली राखी बचाएगी बुरी नजर से ।, कुंभः आस्मानी या नीले रंग की डोरी से बनी राखी या डोरी भाग्यशाली रहेगी ।, मीनः हल्दी का तिलक , लाल ,पीली या संतरी रंग की राखी या धागा शुभता लाएगा ।
भाई  क्या उपहार दें बहन को ?
आप भी अपनी बहन को राखी के अवसर पर कुछ उपहार देना चाह रहे हैं तो आपको कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए ताकि उपहार आपकी बहनों के लिए शुभ और लाभप्रद रहे ना कि अशुभ फलदायी ।आज के संदर्भ में जहां रक्षा बंधन में बहन की रक्षा और उसकी सुरक्षा एक मुख्य बिंदु है , वहां यदि बहन दोपहिया वाहन का प्रयोग करती है तो उसे उसकी राशि के रंग अनुसार एक अच्छी हेलमेट गीफट करना अधिक उपयोगी, सार्थक एवं सुरक्षात्मक रहेगा । ऐसे गिफ्ट होते हैं अशुभ
 वास्तु के अनुसारबहनों को किसी भी परिस्थिति में नुकीली या काटने की वस्तुएं जैसे मिक्सीचाकू का सेटआइनाफोटो फ्रेम्स आदि । इसके साथ ही रुमाल और तौलिया भी बहनों को बतौर गिफ्ट नहीं देना चाहिए । इन्हें भी अशुभ माना जाता है । 


गिफ्ट होगा बहनों के लिए शुभ और लाभदायी
रक्षाबंधन पर बहन को रक्षा के संकल्प के साथ भाई को बहन के भविष्य की सुरक्षा को ध्यान में रखकर उपहार का चयन करना चाहिए। वैसे तीन तरह के उपहार जो बहनों के लिए सबसे शुभ माने जाते हैं वह हैं वस्त्रगहनेपुस्तकेंमिठाइयांमीठी वाणीसोने-चांदी के सिक्केज्योतिषशास्त्र में बहनों का कारक बुध ग्रह को माना गया है इसलिए बुध से संबंधित चीजें जैसे हरे वस्त्रशिक्षा सामग्रीनकदीचेकबॉड दे सकते हैं । मां लक्ष्मी होती हैं प्रसन्न एक ओर जहां रुमाल और तौलिया उपहार देना बहनों के लिए अशुभ होता है वहीं उसे पहनने के लिए वस्त्र देना शुभ माना गया है । इसकी वजह यह है कि स्त्रियों में देवी लक्ष्मी का वास माना गया है । विवाहित कन्याओं को गृहलक्ष्मी भी कहा गया है। इसलिए शास्त्रों का मत है कि भाई यदि बहनों को वस्त्र उपहार देते हैं तो उन्हें देवी लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है ।
पुराणों तथा आधुनिक युग में रक्षा सूत्र
इंद्र की पत्नी ने इंद्र को ही राखी बांधी थी। यम को उनकी बहन यमुना ने । लक्ष्मी जी ने राजा बली को। द्रौपदी ने कृष्ण के हाथ में चोट लगने पर ं साड़ी का पल्लू बांधा था और इस पर्व पर वचन लिया।चीरहरण के समय भगवान कृष्ण ने द्रौपदी की रक्षा की । चित्तौड़ की महारानी करमावती ने हुमायूं को चांदी की राखी भेजी थी। सिकंदर को राजा पुरु की पत्नी ने राखी बांधी थी।सामाजिक संस्थाओं से संबद्ध महिलाएं ,पुलिस कर्मियोंसैनिकों ,जवानों और राजनेताओं को आधुनिक युग में बांध रही हैं । राखी इलैक्ट्र्ानिक हो या डिजाइनर ,या ई मेल हो या डाक द्वारा भेजे गए चार धागे..... मुख्य बात है उसके पीछे परस्पर विश्वासदायित्व,कर्तव्यनिष्ठा और स्नेह। इसी प्रकार भाई  अपनी बहन को राखी के फलस्वरुप क्या उपहार देता है  महत्वपूर्ण है रक्षासूत्र की भावना और उसकी लाज ।, इतिहास साक्षी है कि भ्रातृ विरोध ने ही देश  को विदेशियों के हाथ सौंप दिया। भक्त प्रहलादभक्त ध्रुव की रक्षा   के लिए भगवान ने क्या कुछ नहीं किया ! उसी तरह रक्षा सूत्र के बंधन की मर्यादा का निर्वाह करना चाहिए तभी यह परंपरा सार्थक सिद्ध होगी । 
मदन गुप्ता सपाटू , ज्योतिर्विद् ,98156-19620


Wednesday, 22 August 2018

आशा केंद्र वेलफेयर सोसाइटी ने किया पौधरोपण...... vinay kumar


आशा केंद्र वेलफेयर सोसाइटी ने किया पौधरोपण
एन टी24 न्यूज़

चण्डीगढ़
सेक्टर 15 में आशा केंद्र वेलफेयर सोसाइटी की तरफ से पौधरोपण का कार्यक्रम रखा गया जिसमें मुख्य अतिथि के तौर पर पूर्व महापौर व पार्षद श्रीमती राजबाला मलिक, पार्षद महेश इंदर सिंह सिद्धू, सोशल वेलफेयर विभाग की निदेशक रेनू बाला व नगमा खान आदि उपस्थित थे। पौधरोपण कार्यक्रम में कई फलदार व औषधीय पौधे रोपे गए ।

ABVP organised tringa march in Panjab Universty


ABVP organised tringa march in Panjab Universty

NT24 News
Chandigarh
ABVP a loge with 600 students across Panjab Universty participated in march with 37m long tringa.  March started from VC office and ended at student centre via science departments. While addressing students Harmanjot Singh said “tringa is only thing which unites us, we are organising tringa march to show that campus are still standing for unity of country whereas some organisations are trying to defame country, this march is answer to those organisations. Saurbh kapoor state secretary said, “this time students from all departments participated in march, and to make this effort successful I thanks the students of PU

CII organises vendor development Session in Regional MSME


CII organises vendor development Session in Regional MSME Conclave TATA Motors, BHEL, invite MSMEs to become vendors 
Dominance of Informal Sector in MSME Obstacle to Financial Access: RBI

                                                 NT24 News

Chandigarh
  CII Northern Region organised the sixth edition of Regional MSME Conclave in Chandigarh today. The Conclave aimed to create awareness amongst the MSMEs about the various means facilitating affordable credit and expanding their market base. It also emphasised on the essence of smart manufacturing for the growth of MSMEs. A special session on vendor development was organised as part of the summit wherein Tata Motors and Bharat Heavy Electricals Limited (BHEL) gave presentations on their vendor registration processes and bidding requirements. They invited MSMEs to explore opportunities and associate with them as vendors. Mr Anil Yadav, General Manager – FIDD, Reserve Bank of India informed about RBI’s High-Level Empowered Committee on MSMEs, which deals with the challenges faced by these enterprises and is involved in grievance redressal to the extent possible. He also shared that Town Hall meetings on MSME are convened with the purpose of helping MSMEs through a number of interventions. While making a presentation, Mr Prashant Sardar, DGM, SIDBI shared the activities undertaken by the institution for promotion, development and financing of SMEs. He informed the delegates present about CriSidEx, CRISIL-SIDBI MSE Sentiment Index, which is a continuous sentiment survey to track the micro and small enterprises. He also mentioned about MSME Pulse, a quarterly comprehensive report, which attempts to provide the banks and NBFCs with insights for making information-oriented business decisions.Mr Harbinder Singh Sokhi of BSE-SME Exchange shared that the institution appoints merchant bankers registered with SEBI for handholding the MSMEs. These merchant bankers, besides helping with documentation, will be with these enterprises for three years. They will provide a platform to MSMEs to promote themselves, sustain and grow their business.  Mr Iqbal Singh, Managing Director, Innovative Financial Management urged the MSMEs to look at equity as an asset class for acquisition plans or value addition to their business. Not only it will lead to transparency, scalability and credibility, this will reduce servicing cost of loans as well, he emphasised. Earlier, while delivering the welcome remarks, Dr Dinesh Dua, Chief Executive Officer & Whole Time Director, Nectar Lifesciences Ltd mentioned about the bottlenecks which deter the growth of MSMEs. He remarked that their economic viability is threatened by lack of access to financial aids. Dr Dua informed the delegates that CII has created an online Finance Facilitation Centre to facilitate credit availability to the SMEs. CII, through its Centres of Excellence, has been propagating cluster approach to enhance the competitiveness and linkages with the large industry for MSMEs, he shared.

NSS volunteers plant saplings at PGGC 11


NSS volunteers plant saplings at PGGC 11

NT24News

Chandigarh
NSS volunteers at PGGC 11 celebrated Akshya Urja Diwas by planting hundred saplings on the college campus. Over 300 volunteers took part in the plantation drive and spread awareness on the urgent need of planting more trees. Prof Rama Arora, Principal, Mr Ranjjan Verma, Dean College Instruction ,Prof Renu Trikha, NSS Coordinator  also planted saplings to motivate students. The Department of  Botany collaborated with NSS in organizing the event.