Sunday 13 May 2018

Municipal Corporation Chandigarh organized “Walk with Nature”



Municipal Corporation Chandigarh organized “Walk with Nature”


Rinda Gupta

Chandigarh
May 13, 2018  
The Municipal Corporation Chandigarh today organized a “Walk with Nature” programme under Swachh Bharat Mission. The walk led by Sh. Davesh Moudgil, Mayor of Chandigarh  and Sh. Jitender Yadav, IAS, Commissioner, MCC started from Bougainvillea garden, sector 3, here today. Sh. Manoj Bansal, Chief Engineer, Sh. N.P. Sharma and Sh. Sanjay Arora, Superintending Engineer, B&R and Public Health respectively, all the Executive Engineers of B&R, Public Health, Horticulture, Electricity joined the walk. The team of officers travelled through Bougainvillea garden, Sector 3, Leisure Valley, Rose Garden, Shanti Kunj, Bamboo Valley, Hibiscus Garden, Fragrance Garden and Garden of Palms, Sector 42. Sh. Hardeep Singh, MCC councilor, who was on his regular walk, also joined the team from Bamboo valley, sector 23.During the visit, the Mayor and Commissioner directed the engineers to prepare a proposal to widen and clean the N-choe before monsoon. The Mayor asked the officials to get it cleaned with the help of some NGO by “Sharmdaan” and under the Swachh Bharat Mission programme. The Commissioner asked the concerned engineers to repair footpath areas, wherever damaged, renovation and repair of toilet blocks, pruning of trees, provision and proper supply of tertiary treated water supply. He also asked the SE, public health to talk with the concerned, who are responsible for causing foul smell by grounded their sewer lines in the N-choe. The Commissioner said that these type of walks with Nature will be made a regular feature because it aside from  boosting individual’s activity level, hanging out at a park, garden or amongst many trees is great for not only for physical fitness but the mental wellbeing too. It reduces cognitive fatigue and stress and can be helpful with depression and anxiety, he added.

देश रक्षा कल्याण मंच द्वारा क्रिकेट टूर्नामेंट का आयोजन


देश रक्षा कल्याण मंच द्वारा  क्रिकेट टूर्नामेंट का आयोजन


विनय कुमार

चंडीगढ़
13 मई 2018 :
देश रक्षा कल्याण मंच द्वारा मनीमाजरा में आयोजित क्रिकेट टूर्नामेंट के फाइनल मैच का उद्घाटन भारतीय जनता पार्टी चंडीगढ़ के प्रदेश अध्यक्ष संजय टंडन के करकमलों द्वारा किया गया | इस मौके पर उनके साथ जिलाअध्यक्ष शक्ति प्रकाश देवशाली, स्थानीय पार्षद विनोद अग्रवाल, भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चाके अध्यक्ष कृष्ण कुमार आदि भी उपस्थित थे | कार्यक्रम की जानकारी प्रदान करते हुए मीडिया विभाग के संयोजक रविंदर पठानिया ने बताया कि मैच के शुरू होने से पहले मुख्यातिथि संजय टंडन ने दोनों टीमों को शुभकामनाएँ प्रदान की और उसके बाद स्वयं बल्लेबाजी करके मैच की शुरुआत की | मैच समाप्ति के उपरान्त उन्होंने विजेता टीम को पुरस्कार भी बांटे | अपने उद्बोधन में भाजपा प्रदेशाध्यक्ष संजय टंडन ने सभी खिलाडियों को बधाई देते हुए कहा कि खेल में एक की जीत और एक की हार होती है परन्तु दोनी ही स्थिति में कुछ न कुछ सीखने को अवश्य मिलता है | अच्छा खिलाडी उसमे से कुछ न कुछ सीख प्राप्त करता है | उन्होंने अंत में इस टूर्नामेंट को आयोजित करने वाले मंच के सभी पदाधिकारियों को सफल आयोजन की बधाई दी और कहा कि इस प्रकार के आयोजनों से खिलाडियों की प्रतिभा उनके सामने निकल कर आती है और वो कुछ कर गुजरने के लिए निरंतर अपने आप में सुधार लाते रहते हैं |

Second Innings Association meet at UT Guest House


Second Innings Association meet at UT Guest House

Varinda Gupta 

Chandigarh 
Second Innings Association (SIA) welcomed the large number of tri-city senior citizens and other dignitaries including the youngsters who came to attend the meeting. President Sh. R K Garg briefed the audience about the programme and then the Patron Sh. S S Lamba took over and discussed about the solar & photovoltaic energy. The UT administration issued a notification in May 2016 and asked all residents owning houses more than one kanal to fix up the solar panels in their houses within 2 years, last date being 18th May 2018, noncompliance of which will be treated as bye-law violation. Mr. Lamba further explained the difficulties being faced by the residents/owners in fixing the costly solar panels and batteries which will cost anything between 3 lacs to 8 lacs depending upon the size of the house. The administration was urged to rationalise the policy and making it voluntary till the administration is able to put its house in order. There after Mr. D S Oberoi discussed about the health problems of the senior citizens. Professor Bhupinder discussed about the road safety measures. Then President Sh. R K Garg addressed the audience regarding the irregularities of contract entered into Arya Infra Toll and Municipal Corporation, Chandigarh. He pointed out that tender and various paper work was not done diligently and if challenged in the court of law it will fall flat. He also disclosed details of contract entered between Lion Services and Municipal Corporation which is costing Rs. 4 crore a month for cleaning of southern part of Chandigarh by using manual labour and GIS machine. The terms and conditions fishy manner. He also discussed about the property issues faced by senior citizens and invited suggestions to bring quality life to all the aged senior citizens. He also called all the audience to be active in dealing with the problems faced by the residents of tri-city particularly the single old ladies.Thereafter author and motivational speaker Sh. Vivek Atray, IAS (Retd.) addressed the senior citizens and motivated them to lead a better, happy and satisfied life, pointing out the state of society these days. He also discussed the relationship between the young and elder generations and suggested ways and means to achieve cordial relations in the families.The meeting ended with thanks to all the guests and SIA decided to send representation on the above issues to the Chandigarh Administration for necessary resolution.

नार्दर्न इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टैक्नोलॉजी के छात्रों ने प्रदर्शित किये फाइनल डिग्री प्रोजेक्ट


नार्दर्न इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टैक्नोलॉजी के छात्रों ने प्रदर्शित किये फाइनल डिग्री प्रोजेक्ट

विनय कुमार
चंडीगढ़,
13 मई, 2018:
नार्दर्न इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टैक्नोलॉजी (निफ्ट)मोहाली ने आज यहां होटल माया पैलेसचंडीगढ़ मेंफैशन मार्केटिंग एंड मैनेजमेंट (एफएमएम) तथा गारमेंट मैन्युफैक्चरिंग टैक्नोलॉजी (जीएमटी) में एमएससी कर रहे छात्रों के फायनल डिग्री प्रोजेक्ट प्रस्तुत कियेजिन्हें तीन माह तक इंडस्ट्री के विशेषज्ञों और फैकल्टी की निगरानी में तैयार किया गया है।
डिग्री प्रोजेक्ट्स की ज्यूरी के सदस्यश्री चंद्रकांत निरालाहेडइंडस्ट्रियल इंजीनियरिंग कम प्रोडक्शन डिपार्टमेंटनाहरलुधियाना तथा सुश्री अलीशा कपूरहेडविजुअल मर्चेंडाइजिंगएच एंड एमने डिग्री परियोजनाओं का मूल्यांकन किया । इस वर्ष एफएमएम विभाग की ओर से 12 तथा जीएमटी की ओर से रिसर्च प्रोजेक्ट प्रस्तुत किये गये थे। एफएमएम के छात्रों के शोध मे जिन पहलुओं पर जोर दिया गयावे हैं- बच्चों के ब्रांड के संबंध में उपभोक्ताओं की पसंद काविश्लेषणऑनलाइन फैशन खरीदारी के लिए संपर्क की आवश्यकताई-कॉमर्स में प्रोडक्ट फोटोग्राफी का महत्व तथा उपभोक्ताओं के व्यवहार पर विजुअल मर्चेंडाइजिंग तकनीकों का प्रभाव। दूसरी ओरजीएमटी के छात्रों ने प्रो-एसएमवी विधि का उपयोग करके सिलाई लाइन में उत्पादकता में वृद्धिरैंक्ड पोजिशनल वेट मैथड का उपयोग करके लाइन बैलेंसिंग पर केस स्टडीएर्गोनॉमिक्स के संदर्भ में मैनुअल मैटीरियल हैंडलिंगप्री-प्रोडक्शन प्लानिंग को समझने और निर्यात उन्मुख खरीद पर केस स्टडी पर फोकस किया था । निफ्टके डायरेक्टर जनरलश्री डीपीएस खरबंदाआईएएसने प्रेस को संबोधित किया और मास्टर डिग्री कोर्स पूरा होने पर छात्रों के लिए करियर अवसरों के बारे में जानकारी दी तथा उन्हें शुभकामनाएं दीं । निफ्ट के डायरेक्टरश्री के एस बराड़ ने कहा, ‘छात्रों द्वारा प्रस्तुत प्रोजेक्ट्स में बाजार की स्थितियों और उत्पादक प्रतिस्पर्धा का गहरा विश्लेषण प्रस्तुत किया गया है।एनआईआईएफटी के रजिस्ट्रारश्री इंद्रजीत सिंह ने कहा, ‘छात्रों द्वारा प्रस्तुत परियोजनाएं उद्योगों के लिए आवश्यक विषयों पर हैं। निफ्ट में एमएससी कार्यक्रम गारमेंट इंडस्ट्री के लिए एक सपोर्ट सिस्टम की तरह हैंजिनके तहत उद्योग और फैकल्टी सदस्यों की सीधी निगरानी में छात्र अपने रिसर्च प्रोजेक्ट तैयार करते हैं।
कुल मिलाकर तीन पुरस्कार निर्धारित थे- सर्वश्रेष्ठ डिग्री प्रोजेक्टसबसे नयी तरह का प्रोजेक्ट और उद्योगों के लिए सर्वाधिक प्रासंगिक प्रोजेक्ट। संस्थान के डायरेक्टररजिस्ट्रार और जूरी सदस्यों द्वारा पुरस्कार प्रदान किये गये । निफ्ट मोहालीउद्योग और वाणिज्य विभागपंजाब के प्रशासनिक नियंत्रण में है और माननीय मंत्री उद्योग एवं वाणिज्य मंत्रीपंजाब सरकार,श्री सुंदर शाम अरोड़ा के कुशल नेतृत्व व सक्षम मार्गदर्शन के तहत काम कर रहा है। जीएमटी तथा एफएमएम के छात्रों ने सबसे प्रतिष्ठित एक्सपोर्ट एवं रिटेल घरानोंजैसे शाही एक्सपोर्ट्सकैप्सन्सलाइमरोडवेरो मोडाराधनिक एक्सपोर्ट्सवुडलैंड आदि के साथ काम किया और चिंताजनक क्षेत्रों को खोजने का प्रयास कियाताकि उपयुक्त सुझाव दिये जा सकें। ये प्रोग्राम रिटेल क्षेत्र और गारमेंट मैन्युफैक्चरिंग टैक्नोलॉजी की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए डिजाइन किया गया है।  परिधान विनिर्माण उद्योग की आवश्यकता को पूरा करता है।

9 साल बाद मनीष निगम का इंडस्ट्रियल यूथ एसोसिएशन की प्रधानगी पर कब्जा ।


9 साल बाद मनीष निगम ने चंडीगढ़ इंडस्ट्रियल युथ एसोसिएशन के अध्यक्ष पद पर किया कब्जा 


विनय कुमार 

चंडीगढ़  

चंडीगढ़ इंडस्ट्रियल युथ एसोसिएशन के शनिवार दिनाक 12 /05 /2018 को हुए वार्षिक समारोह में सर्वसम्मति से मनीष निगम को अध्यक्ष पद के लिए नामित किया गया l वर्तमान में वो चंडीगढ़ इंडस्ट्रियल युथ एसोसिएशन महासचिव थे । इस एसोसिएशन में लगभग दोसो सदस्य है जो CIYA के एग्जीक्यूटिव कमिटी के सदस्य के साथ मिलकर  समय समय  पर इंडस्ट्रीज के बेहतरी के लिए कदम उठाते रहते है । वही चंडीगढ़ इंडस्ट्रियल युथ एसोसिएशन के निवतर्मान अध्यक्ष अवि भसीन अब CIYA के चेयरमैन बनाये गए है।
      सिया के प्रधान बनने के बाद अपने पहले संबोधन में सभी मेंबरों को संबोधन करते हुए साइंटिफिक वर्क्स के मालिक  मनीष निगम ने कहा कि मैंने 9 साल तक सिया में जनरल सेक्टरी पद इमानदारी से काम करते हुए अपना 100% सहयोग दिया और आज आप सब मेंबरों और फाउंडर मेंबरों के सहयोग से जो मुझे सिया की सेवा करने के लिए मौका मिला है उस पर में 100%  खरा उतरूंगा और उन्होंने कहा व्यापारियों जो भी समस्या होगी वह मेरी समस्या होगी और मैं अब व्यापारियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर उनकी समस्याओं का हल करवाने की कोशिश करूंगा।
    समारोह के अंत में पूर्व अध्यक्ष अवि भसीन ने सभी को धन्यवाद भाषण दिया और सभी सदस्यों का सहयोग देने के लिए बधाई दी l उन्होंने आगे बताया के मनीष निगम कायस्थ सभा ट्राइसिटी के अध्यक्षबीजेपी स्माल एंड माइक्रो इंडस्ट्रीज सेल के कन्वेनर एवं RWA मोयियाज़ रॉयल सिटीजीरकपुर के महासचिव भी है । इस वार्षिक समारोह में  CIYA  चंडीगढ़ के निम्नलिखित सक्रिय सदस्य के अलावा  करीब 125 सदस्य उपस्थित रहे ।  हरिंदर सिंह सलचदीपक शर्मा,  रितेश अरोड़ा , दीपक अरोड़ा , महेश जैन , अभय गुप्ता , दीपक पराशर , हरसिमरन सिंह , मनु वोहरा , अरुण शर्मा , करण वासुदेवा , दीपक कुमार , रमनदीप सिंह , जरनैल सिंह। 


दि एम्प्रेस स्टोरी - फैशन एवं लाइफ स्टायल प्रदर्शनी संपन्न


दि एम्प्रेस स्टोरी - फैशन एवं लाइफ स्टायल प्रदर्शनी संपन्न

- महिला सशक्तिकरण पर एक अद्वितीय सत्र भी आयोजित हुआ



विनय कुमार
चंडीगढ़,
13 मई, 2018:
अनोखे लाइफस्टाइल शोज आयोजित करने में अग्रणी संगठन, ए मिलियन डॉलर एफेयर ने महिलाओं के सशक्तिकरण पर एक विशेष कार्यक्रम के साथ ही दि एम्प्रेस स्टोरी नामक दो-दिवसीय प्रदर्शनी का आयोजन किया, जो रविवार को होटल हयात रीजेंसी में सफलतापूर्वक संपन्न हो गयी। 
प्रदर्शनी की शुरुआत, विभिन्न क्षेत्रों की सफल महिलाओं की उपस्थिति में एक विशेष चर्चा के साथ हुई। आमंत्रित सोशलाइट्स ने इस मुद्दे पर चर्चा की कि फैशन व लाइफस्टायल को महिलाओं की शक्ति एवं समाज में उनके योगदान की दृष्टि से कैसे प्रतिबिंबित किया जाना चाहिए। विशेष अतिथि के रूप में आमंत्रित महिलाओं ने ही प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। शोकेस की कांसेप्ट के अनुरूप महारानियों जैसे वस्त्र धारण की हुई मॉडल्स ने उन्हें बधाई दी। मॉडल्स की ड्रेस व एक्सेसरीज का प्रबंध लंदन चिक्स की ओर से था। 
'मेरा मानना है फैशन वह है जिसे हम आंतरिक रूप से महसूस करते हैं। हमारे वस्त्र या जिस तरीके से हम उन्हें धारण करते हैं, उससे हमारे आत्मविश्वास का पता चलता है। आत्मविश्वास और साहस से भरपूर महिला ही एक असली फैशनिस्टा हो सकती है। उसी स्त्रीत्व को ध्यान में रखते हुए, हमने प्रदर्शनी के समानांतर महिला सशक्तिकरण पर एक सत्र आयोजित किया, जिसमें सोशलाइट्स, पेज3 लेडीज, समाजिक कार्यकर्ता व सौंदर्य प्रतियोगिताओं की विजेताओं आदि ने भाग लिया' फैशन विशेषज्ञ व स्टाइलिस्ट, नेहा अमित सिंगला ने कहा, जो ए मिलियन डॉलर अफेयर की डायरेक्टर हैं। 
विशिष्ट अतिथियों में शामिल थीं- मिसेज इंडिया वल्र्डवाइड फाइनलिस्ट श्वेता सिंह चौधरी, आर्चर्स मिसेज इंडिया 2018 की विजेता गुरमीत कपूर, ग्लेडरैग्स मिसेज इंडिया 2017 की फाइनलिस्ट व मिसेज इंडिया इंटरनेशनल 2017 की रनरअप रूबी सिंह,, मिसेज इंडिया स्प्लेन्डिड स्टार 2017 पलवी सोढी; डॉ. विभा बावा (आयुर्वेदाचार्य, नॉर्थ इंडियाज क्वीन विनर); फिटनेस प्रोफेशनल जस के. शान, टैरो गिल्ड ऑस्ट्रेलिया की सदस्य एवं प्रोफेशनल टैरो रीडर निमरत चड्ढा; हॉपर इंटरनेशनल स्मार्ट स्कूल की प्रिंसीपल रीतिका सिंह; उद्यमी, सामाजिक कार्यकर्ता व फैशनिस्टा तजिंदर कौर सोनिया, सामाजिक कार्यकर्ता रिपनदीप कौर तथा शर्मिता भिंडर । 
दि एम्प्रेस स्टोरी प्रदर्शनी में, फुटवियर व आभूषणों से लेकर विभिन्न नये डिजाइनों के अद्भुत नमूने प्रदर्शित थे। डिजाइनर वियर सेक्शन में, डिजाइनर लेबल चेरी फ्रिल्स ने पाकिस्तानी शैली के परिधान प्रदर्शित किये थे। आद्याश्री का क्लासिक पेस्टल कलेक्शन और खूबसूरत गाउन पेश करने वाले रबनूर सेठी का बहुप्रतीक्षित समर कलेक्शन भी यहां था। बेलाज एथनिक स्टूडियो और मेहक खंडपुर के गाउन दर्शकों का मन मोह रहे थे, तो अदाह बाइ मुनीश एंड शिल्पा गोहरी, मोनिका पिट्टीज हाउत कॉउचर, पूजा एम (दुबई) का शुकराना और आंगन बाइ समीरा एंड दीक्षा जैसे डिजाइनर लेबल भी मौजूद थे।
गीतांजली फुटवियर पर रत्नों से निर्मित सुंदर और सुरुचिपूर्ण फूलों की डिजाइन वाले उत्पादों ने विजिटर्स को आकर्षित किया। जूतों की श्रेणी के तहत, नवीनतम रुझानों से प्रेरित शैनन फैशन अपने उत्तम दर्जे के फुटवियर कलेक्शन के साथ आया था। विविधता में इजाफा करते हुए, आभूषण खंड में, रांझा का फेंटेसी ज्वेलरी कलेक्शन प्रमुख रहा। एलिगेंस लेबल और जाहरा ज्वेल्स ने मन मोह लिया। आभूषण सेक्शन में दिखाए गए हार व अंगूठियां देखने लायक थीं। राइडोक्स होम डेकर ने भी ध्यान खींचा।

अवि भसीन बने सिया के चेयरमैन


अवि भसीन बने सिया के चेयरमैन

संदीप भारती

चंडीगढ़
चंडीगढ इंडस्ट्रीज यूथ एसोसिएशन (CIYA) ने आज अपना 9वां वार्षिक समारोह औद्योगिक क्षेत्र के अलटिस होटल में बड़े ही धूम-धाम से मनाया। जिसमें सिया के सभी कमेटी के सदस्यों की सहमती से अवि भसीन को सीया का चेयरमैन और मुनिष निगम को एक वर्ष के लिए सिया का नया प्रधान घोषित किया है। उपयुक्त जानकारी देते हुए सिया के नवनियुक्त चेयरमैन अवि भसीन ने बताया कि आज ही के दिन सिया ग्रुप की नीव रखी गई थी और आज इसे पूरे 10 वर्ष हो गए हैं। इन 10 वर्षों में सिया ने औद्योगिक क्षेत्र के लिए कई महत्वपूर्ण कार्य किए हैं। औद्योगिक क्षेत्र के व्यापारियों और सरकारी आला अधिकारियों के सहयोग से कई विकास के कार्य में अपना योगदान दिया हैं। उन्होंने कहा कि सिया हमेशा से ही व्यापारियों व औद्योगिक क्षेत्र के हित के लिए कार्य करता आया है और भविष्य में भी करता रहेगा। उन्होंने कहा कि उन्होंने पिछले 8 वर्षों में औद्योगिक क्षेत्र में सडक़े, पार्क, सिवरेज की समस्या, पार्किंग की समस्या, बिजली के कटों में कटोती इत्यादि महत्वपूर्ण कार्यों को करवाया। प्रशासनों के मसलों पर भी कार्य कर औद्योगिक क्षेत्र की समस्याओं का हल करवाया। उन्होंने कहा कि जो भी कार्य किया वह पूरे निस्वार्थ भाव से किया है और आने वाले समय में भी वह अपना पूरा सहयोग देंगे।
                अवि भसीन ने कहा कि आज सिया ग्रुप के साथ 200 से ज्यादा उद्यमी जुड़ गए हैं। ज्यादातर युवा उद्यमी सिया के साथ जुड़े हैं और नई-नई तकनीकियों को अपना कर अपने उद्योग को बढ़ा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सिया ग्रुप शहर के सभी जाने-माने संगठनों से ज्यादा लोकप्रिय संगठन बन गया है। उन्होंने सिया के नये प्रधान मुनिष निगम को बधाई देते हुए कहा कि मुनिष निगम सिया के साथ कई वर्षों से जुड़े हैं और आशा करते हैं कि वह सीया को और ऊचाईयों तक पहुंचायेंगे ।
इस अवसर पर हरिन्द्र सिंह सलैच, दीपक शर्मा, रितेश अरोड़ा, अरूण शर्मा, दीपक अरोड़ा, महेश जैन, मन्नु बोहरा, दीपक पराशर, हरसिमरन सिंह, अभय गुप्ता, जरनैल सिंह, दीपक कुमार, रमनदीप सिंह, कर्ण वासुदेवा इत्यादि उपस्थित है। अवि भसीन, चेयरमैन,



कविता में " माँ " का वर्णन

 "मां"

'मां' का वर्णन करने की  योग्यता मुझ जैसे अदने से लेखक में तो कहां मिलेगी ओर ना ही मुझे कोई ऐसा शब्दकोश दिखाई देता है जो मां के किरदार का विस्तार से वर्णन कर सके। समुंदर की गहराईयों से भी गहरी, ममता से भरी, करुणामयी इस धरा पर अगर कोई विराजमान है तो वो है पूजनीय "मां"।मैं उन लेखकों में से नहीं हूं जिनको दुनिया जानती है और ना ही मैं उन महापुरुषों के पांवों की धूल के ही समान हूं जिनके द्वारा लिखे गए शब्दों का उच्चारण करने मात्र से ही एक सुखद अनुभव होता है। मेरा ऐसा मानना है की हर नन्हे बच्चे की "माँ" ही दुनियां है और सारा संसार भी उसे "मां" के आगे छोटा नज़र आता है। समय के बदलाव के साथ साथ बहुत सी चीजें बदली ओर आजकल वैसे ही समाज में अपने माता, पिता, गुरुओं की यादगार हर वर्ष मनाने के लिए कोई ना कोई दिन का चयन किया गया जिस दिन हर कोई उनको शुभकामनाएं/श्रदांजलि दे सके।   "मां" की याद में 13 मई का दिन निर्धारित किया गया जिसे "मदर्स डे" के रूप में मनाया जा रहा है।लेकिन "माँ" तो हर सांस में बसी है तो फिर यह कहना की आज "मां" का दिन है अपने आप में बहुत छोटा महसूस होता है। "माँ" दूर है या पास, जीवित है या सवर्ग में वास कर रही है, हर पल उसका एहसास होता है और लगता है की वो हमारे पास है।
           जननी जन्म भूमि स्वर्ग से महान है इसलिये कहा गया है की इस धरती पर ना केवल मानव जाति का ही जन्म हुआ है अपीतु धरती पर जन्म लेने वाले पशु,पक्षी, वनस्पति, जंगल,पहाड़ ओर झरने आदि भी हैं। मानव जीवन का संचार भी इसी वसुंधरा की देन है।  जन्म भूमि यानी की वो मिट्टी जिस के होने से हमारी " मां  " का जन्म  हुआ वो सबसे पूजनीय है ओर दूसरे शब्दों में हम इसे मातृभूमि ओर देश भी कहते हैं।  बच्चे का जन्म भी माता के पेट से ही होता है और जन्म देने से पहले कोई भी "मां"अपने बच्चे को 9 महीनों तक अपने पेट में ही रखती है और इस लिए बच्चे का( लड़का/लड़की ) सम्बन्ध उसकी "मां" के साथ धरती पर उसके जन्म लेने से पूर्व ही स्थापित हो गया होता है। मां की कोख में 9 महीने तक रहने के बाद बच्चे को संसार में आने का सौभाग्य प्राप्त होता है। माँ की कोख में 9 महीने  तक रहने से " मां बच्चे " में जो रिश्ता बनता है, हर सांस का एहसास होता और " मां " के अंदर बच्चे के प्रति जो ममता जागृत होती है उसका शब्दों में वर्णन नहीं किया जा सकता।
      बच्चा पैदा होने के बाद सबसे पहले "मां"शब्द ही बोलता है। जन्म के बाद बच्चे का आहार उसकी माता के दूध से ही शुरू होता है। बच्चों को पालने के लिए मां को दिन रात तपस्या करनी पड़ती है। रातों को जागना पड़ता है, बच्चे को साफ रखना, उसका मल मूत्र उठाना, समय पर नहलाना, समय पर सुलाना ओर समय पर उसे दूध पिलाने के लिए"मां" इतना व्यस्त हो जाती है की उसे अपनी कोई सुध बुध ही नहीं रहती। धीरे धीरे बच्चे बड़े होने लगते हैं और फिर"माँ" को उनको स्कूल भेजने के चिंता घेरे रेती है। हर "मां" चाहे वह ग़रीब हो या अमीर हो उसे यही चिंता रहती है की उसका बच्चा अच्छे स्कूल में पढ़े, पढ़ लिखकर एक बड़ा आदमी बने ओर इसीलिए अपनी आर्थिक स्थिति के अनुसार हर "माँ" अपने बच्चे को बेहतरीन स्कूल में दाखिला दिलवाने  की कोशिश करती है। 
          बच्चे तो रात को समय पर सो जाते हैं लेकिन उनकी मां को नींद कहाँ आती है। रात को सोने से पहले बच्चों के स्कूल बैग ओर बच्चों ने स्कूल में सुबह जो स्कूल ड्रेस डालकर जानी होती है उसे तैयार कर के रखती है। बच्चों के उठने से पहले वह सुबह उठ जाती है, पहले उनका सुबह का नाश्ता तैयार करती है, उनको नहा धुला कर  लाती है, ब्रेकफास्ट करवाती है, बच्चों के लिए लंच बॉक्स का प्रबंध करती है ओर बच्चों के स्कूल बैग में डालकर उनको बस्ता थमाती है। बच्चे जब तक छोटे हैं तब तक उनको स्कूल बस तक छोड़ने ओर लाने का काम भी करती है। स्कूल से छुटी के बाद बच्चों को स्कूल के काम करने में भी मदद करती है। "माँ" ही है जो बच्चों के अंदर अच्छे संस्कारों को भरती है। वह बच्चों को सच्चाई का मार्ग अपनाने को कहती है, गुरु और बड़ों का आदर करना सिखाती है, मेहनत करना, एक दूसरे से प्रेम करना, इर्ष्या से दूर रहना और अपने देश और मातृभूमि के प्रति वफादार रहने का पाठ पढ़ाती है। कहते हैं की बच्चे "मां" में ओर "माँ" बच्चों में बसती है लेकिन ",मां" द्वारा जैसे भी संस्कार बच्चों को दिए जाते है वही संस्कार बच्चों के साथ सारी उम्र चलते हैं।
         जैसे जैसे बच्चे बड़े होते गए उनकी ज़रूरतें भी बढ़ती जाती हैं ओर बच्चों के प्रति "मां" की चिंताएं भी बढ़ने लगती हैं। स्कूल की पढ़ाई खत्म कर बच्चे कालेज पहुंचते हैं तब घर के खर्चे बड़ने शुरू हो जाते हैं लेकिन "माँ" कभी बच्चों को किसी चीज़ की कमी नहीं होने देती, खुद तंग रह कर भी बच्चों की ज़रूरतों को पूरा करती है। बच्चे जब भी कालेज से आते उनको ताज़ा खाना बना के परोसती है ओर बच्चों ने जो झूठा छोड़ दिया उसी को खाकर तसल्ली कर लेती है । बच्चे बीमार हैं तो उनको डाक्टर के पास ले जाती लेकिन खुद बीमार हो कर भी बच्चों से अपनी बीमारी छुपाती है ताकी बच्चे परेशान ना हो जाएं। बेटा जब रात को देर से आए तो दरवाज़े के अंदर बार चक्कर लगाती रहती और आधी रात तक जागने के बाद भी उसे खाना बना कर खिलाती है। बेटे की गलतियों को बर्दाशत करने और माफ करने की हिम्मत केवल "माँ" के पास ही है।बेटे/बेटी की जब नौकरी लगती तो परमात्मा का शुक्र करतीहै, मंदिर में प्रसाद चढ़ाती है ओर खुशी से फूली नहीं समाती।  बेटी की शादी हो जाने पर सदैव उसके सुखी जीवन की कामना करती है । बेटे की शादी होने के बाद "मा" से सास बन जाती है और कुदरती है की "मां और बेटे" के प्यार में थोड़ा सा अंतर आता है क्योंकि बेटे का प्यार "माँ और पत्नी" में बंट जाता है ओर "मां" के जीवन में यह एक बड़ा परिवर्तन कहलाता है।फिर जब पोते/पोतियां घर में आते हैं और यह फिर जब "मां" से उसे नानी बनने का सौभाग्य प्राप्त होता है तो "माँ" से बनी दादी/नानी का प्यार सूद सहित वापिस लौट आता है और वह बच्चों के बच्चों की होकर, उनसे घुल मिलकर अपने जीवन के आखरी पलों को सुनहरा बना लेती है। इस बात को झुठलाया नहीं जा सकता की "मां" अपना सारा जीवन अपने बच्चों पर ही न्यौछावर कर देती है।
        "मां" तो वो पेड़ है जो सारी उम्र बच्चों का पालन पोषण करता है, उनको फल देता है, धूप और वर्षा से उनकी रक्षा करता है और बदले में सिवाए प्यार के चंद बोलों के इलावा  कुछ भी लेने की आशा नहीं रखता। कई बच्चे "मां" की इज़्ज़त नहीं करते और बुढ़ापे में उसके साथ बुरा व्यवहार करते हैं लेकिन "मां" कभी भी अपने बच्चों का बुरा नहीं सोचती, हमेशा उनके लिए दुआएं ही देती है। कहावत है की "पूत कपूत होत है मात नाँ हो कुमात" यानी की अगर बेटा बुरा व्यवहार भी करता है तो भी माता उसका भला ही मांगती है ओर उसका बुरा नहीं चाहती। उनसे पूछ के देखो जिनकी "मां" नहीं होती की "मां" किसे कहते हैं। अंधकार को उजाले में परिवर्तित करने वाली, बच्चों के अंदर अच्छे संस्कारों को भरने वाली संसार की हर " मां " को शत शत नमस्कार।

         " मां की कोख से हम दुनियां में आए,
           हमें पालने में मां ने कितने कष्ट उठाए,
           मां के दूध का कर्ज ना कोई चुका पाए,
           बेटा इतना तो करे,मां वृदाश्रम ना जाए।"

बृज किशोर भाटिया।

Department of Public Relations Chandigarh Administration


Department of Public Relations Chandigarh Administration 

Sandeep Bharti



Chandigarh,
13th May 2018: 
To expedite disposal of old cases, executions, cases of heinous crime against women and children, cases of accused in custody and juveniles, senior citizens and other categories, the Punjab and Haryana High Court, Chandigarh has devised the methodology of preparing Annual Action Plans. Recently the Apex Court appreciated the efforts of Punjab and Haryana High Court, Chandigarh and directed other High Courts to emulate the Punjab and Haryana High Court, Chandigarh.   
A meeting in this regard with District and Sessions Judges, District Judges, Family Courts and Presiding Officers of the Labour Courts in the States of Punjab and Haryana and Union Territory, Chandigarh was held today in Chandigarh Judicial Academy under the Chairmanship of Hon’ble Mr. Justice Ajay Kumar Mittal, Acting Chief Justice, Punjab and Haryana High Court, Chandigarh to sensitize the Judicial Officers for taking effective steps to ensure expeditious disposal of old cases particularly executions. 
 Hon’ble Mr. Justice Ajay Kumar Mittal, Acting Chief Justice impressed upon the Judicial Officers to work tirelessly 24x7 with dedication, honesty and sincerity and to live upto the expectations of the society at large.
Hon’ble Mr. Justice Rajesh Bindal, Chairman, State Court Management Systems Committee, while highlighting the salient features of Action Plan 2018-19 asked the District and Sessions Judges to give personal attention and effectively the disposal of old cases and executions. 
Hon’ble Mr. Justice T.P.S. Mann, Hon’ble Mr. Justice Augustine George Masih, Hon’ble Mr. Justice Gurmeet Singh  Sandhawalia, Hon’ble Mrs. Justice Rekha Mittal, Hon’ble Mr. Justice Surinder Gupta, Hon’ble Mr. Justice Amit Rawal, Hon’ble Mr. Justice Anupinder Singh Grewal, Hon’ble Mr. Justice Ramendra Jain, Hon’ble Mr. Justice Raj Shekhar Attri, Hon’ble Mr. Justice Gurvinder Singh Gill, Hon’ble Mr. Justice Arvind Singh Sangwan, Hon’ble Mr. Justice Anil Kshetarpal, Hon’ble Mr. Justice Avneesh Jhingan, Hon’ble Mr. Justice Mahabir Singh Sindhu and Hon’ble Mr. Justice Sudhir Mittal also actively participated in the discussion during Interactive Sessions.
The District and Sessions Judges pointed out that the shortage of Public Prosecutors and delay in receipt of reports from the Forensic Science Laborites are the main impediments in expeditious disposal of Criminal Trials. 
In the second session, Hon’ble Mr. Justice Rajesh Bindal being Chairman of Hon’ble Computer Committee interacted with the Officers regarding Ongoing Projects of Computerization in the District and Subordinate Courts in the States of Punjab and Haryana and Union Territory, Chandigarh and impressed upon them to make optimum use of information and communication technology in providing services to the litigants. 
Taking further the initiative of Government of India to avoid use of plastic water bottles in official meetings, seminars, conferences, workshop etc., the High Court has also instructed to dispense with use of plastic water bottles. These instructions were strictly followed during the entire meeting. The participants were also impressed upon to propagate and strengthen Swach Bharat Mission by avoiding the use of plastic water bottles. 


दो दिन का अंतरराष्ट्रीय कान्क्लेव सम्पन्न हुआ



    चिकित्सा जगत में भविष्य रीजेनेरेटिव मेडिसिन का
स्टेम सेल थेरेपी से मिलेगा ताउम्र दवाओं से छुटकारा - डॉ प्रभु मिश्रा ,
प्रसिडेंट  सोसाइटी ऑफ रेजेनेरटीव एस्थेटिक एंड फंक्शनल मेडिसीन डॉ प्रभु व मेयो हॉस्पिटल के राजेश गुलिया व  डॉ मनीष खन्ना प्रेसिडेंट इंडियन स्टेम सेल स्टडी ग्रुप के प्रयासों से  आज दो दिन का अंतरराष्ट्रीय कान्क्लेव सम्पन्न हुआ 

वृंदा गुप्ता 

चंडीगढ़
क्या होती हैं स्टेम कोशिकाएं?
स्टेम कोशिका या मूल कोशिका या स्टेम सेल ऐसी कोशिकाएं होती हैं, जिनमें शरीर के किसी भी अंग को कोशिका के रूप में विकसित करने की क्षमता मिलती है। इसके साथ ही ये अन्य किसी भी प्रकार की कोशिकाओं में बदल सकती है। वैज्ञानिकों के अनुसार इन कोशिकाओं को शरीर की किसी भी कोशिका की मरम्मत के लिए प्रयोग किया जा सकता है।
नई चिकित्सा प्रणाली है स्टेम सेल ट्रीटमेंट
अपने वास्तविक रूप में स्टेम कोशिका ऐसे अविकसित कोशिका हैं जिनमें विकसित कोशिका के रूप में विशिष्टता अर्जित करने की क्षमता होती है। इसी से क्लोनिंग और जैव प्रोद्योगिकी के क्षेत्र का विकास भी हुआ है जिसे कोशिका चिकित्सा कहते हैं| इन कोशिकाओं का स्वस्थ कोशिकाओं को विकसित करने के लिए प्रयोग किया जाता है।
क्या है इनका इतिहास?
1960 में कनाडा के वैज्ञानिकों अर्नस्ट.ए.मुकलॉक और जेम्स.ई.टिल की खोज के बाद स्टेम कोशिका के प्रयोग को बढ़ावा मिला। स्टेम कोशिका को वैज्ञानिक प्रयोग के लिए स्नोत के आधार पर भ्रूणीय, वयस्क तथा कॉर्डब्लड में बांटा जाता है। वयस्क स्टेम कोशिकाओं का मनुष्य में सुरक्षित प्रयोग लगभग 30 वर्षो के लिए किया जा सकता है। अधिकांशत: स्टेम सेल कोशिकाएं भ्रूण से प्राप्त होती है। ये जन्म के समय ही सुरक्षित रखनी होती हैं। हालांकि बाद में हुए किसी छोटे भाई या बहन के जन्म के समय सुरक्षित रखीं कोशिकाएं भी सहायक सिद्ध हो सकती हैं।
भारतीय परिवेश में स्टेम सेल ट्रीटमेंट
भारत में भी इसका प्रयोग होने लगा है। इसकी सहायता से कॉर्निया प्रत्यारोपण में और हृदयाघात के कारण क्षतिग्रस्त मांसपेशियों के उपचार में सफलता मिली है। अधिकांशत: रोग के उपचार में प्रयुक्त स्टेम कोशिका रोगी की ही कोशिका होती है। ऐसा इसलिए किया जाता है कि बाद में चिकित्सकीय असुविधा न हो। पार्किसन रोग में भी इसका प्रयोग किया जा रहा है।
किन रोगों में है लाभकारी?
न्यूरोमस्कलर रोग, आर्थराइटिस, मस्तिष्क चोट, मधुमेह, डायस्ट्रोफी, एएलएस, पक्षाघात, अल्जाइमर जैसे रोगों के लिए स्टेम सेल उपचार को काफी प्रभावी माना जा रहा है। प्रयोगशाला में बनाई गई स्टेम कोशिकाएँ निकट भविष्य में कई प्रकार के रक्त कैंसर का उपचार कर सकती हैं। इस प्रक्रिया द्वारा दांत का उपचार भी संभव है। एक जापानी स्टेम कोशिका वैज्ञानिक युकियो नाकामुरा के अनुसार एप्लास्टिक एनीमिया यानि लाल रक्त कणिकाओं की कमी और थैलीसीमिया का स्टेम कोशिका तकनीक से उपचार संभव है।
डॉक्टर की सलाह ले, बनायें बच्चों का कल सुरक्षित
वर्तमान समय में इस पद्यति से कई लोगों को जीवनदान मिला है। आप भी अपने आसपास के लोगों को इस विषय में जागरूक करें और खुद भी डॉक्टर से विचार विमर्श करके किसी अच्छे स्टेम सेल बैंक में अपने आने वाली पीढ़ी के स्टेम सेल्स को सुरक्षित करने के लिए अभी से कदम उठायें। ये बेहद ज़रूरी है ताकि हम उन्हें एक स्वस्थ कल दे सकें।