स्थिर संचरनात्मक सुधारों का जमीनी स्तर पर दिख रहा है
प्रभाव: सीआईआई
एन टी24 न्यूज़
चंडीगढ़
भारतीय उद्योग परिसंघ के अध्यक्ष राकेश भारती मित्तल ने
कहा कि निरंतर संरचनात्मक सुधारों के चलते अर्थव्यवस्था में तेजी से परिवर्तन हो
रहा है जिसके चलते प्रभाव जमीनी स्तर पर दिखाई देने लगा है। ऐसे में अब यह साफ हो
गया है कि अर्थव्यवस्था अब सही दिशा में जा रही है। उन्होंने कहा कि कई प्रमुख
कारोबारी क्षेत्र में बिक्री व मांग में बढ़ोत्तरी हो रही है जो दर्शाता है कि
उपभोग की क्षमता बढ़ रही है और यह उच्च निवेश की अपेक्षाएं भी दर्शाता है।
सीआईआई के
मुताबिक टू व्हीलर व ट्रैक्टर जैसे नॉन ड्यूरेबल क्षेत्र में खपत ग्रामीण
क्षेत्रों में साफ प्रदर्शित हो रही है। अब मांग की स्थिति बेहतर हुई है और इसके
लिए निवेश की क्षमता में विस्तार की योजना बनाई जा रही है क्योंकि योजनाबद्घ तरीके
से आर्थिक प्रबंधन ही विकास के मार्ग पर आगे बढ़ा जा सकता है। तेल की बढ़ती कीमतों
के बावजूद भी सरकार ने राजकोषीय घाटे को बढऩे नहीं दिया है और मुद्रास्फिति
नियंत्रण में है। उन्होंने कहा कि पूंजीगत वस्तु क्षेत्र में बेहद तेजी से सुधार हो रहा
है और ऑर्डर बुक तेजी से भर रही हैं। वर्तमान वित्त वर्ष में निर्यात तेजी
से बढ़ा है जो देश की प्रगति के लिए अच्छा संकेत है। उद्योगों से जो प्रतिक्रिया
प्राप्त हुई है उसके अनुसार अर्थव्यवस्था में तेजी से सुधार हुआ है और सरकार
द्वारा उठाए गए कदमों के सकारात्मक प्रभाव व
संरचनात्मक सुधारों के चलते अब विकास की हकीकत जमीनी स्तर पर देखी जा सकती है।
सीआईआई ने आठ क्षेत्रों की ओर ईशारा किया जहां सुधारों के चलते विकास तेजी से हुआ
है जिनमें पहला जीएसटी है जो देश का सबसे बड़ा टैक्स रिफॉर्म है जिसने आने वाली
दिक्कतों का तेजी से निपटारा किया और विकास को एक नई दशा और दिशा दी। शुरूआती
दिक्कतों के बाद अब व्यापारियों ने इसे अपना लिया है और इससे फैंडली हो गए हैं।
अंतराज्य बाधाओं के समाप्त होने और ई-वे बिल प्रणाली आरंभ होने के चलते ट्रांसपोटे्रशन और लॉजेस्टिक और
प्रतिस्पर्धी हो गए हैं तथा खर्च कम हो रहा है। सीआईआई ने कहा कि इस मौलिक कर का
असर अब उद्यमों के औपचारिकरण,
व्यापक कर आधार और उच्च कर
राजस्व में महसूस किया जा रहा है। दूसरा अहम क्षेत्र व्यापार करने को आसान बनाना
है और इस क्षेत्र में भारत ने तेजी से आगे बढ़ते हुए अपनी रैंकिंग में 42 का सुधार किया
है जो जमीनी स्तर पर दिखाई पड़ता है। व्यवसाय आरंभ करना, टैक्स भुगतान, व्यापार
सुविधाएं तथा परमिट प्राप्त करना जैसे मुद्दों को उठाया गया है। सीआईआई ने कहा कि
राज्य सरकारों की सक्रिय भागीदारी के साथ एक अच्छे, बेहतर और सुविधाजनक निवेश का
वातावरण बनाया जा सकता है। तीसरा क्षेत्र बैंकरप्सी कोड है जिसमें सुधार के चलते
व्यापार का माहौल बदल जाएगा और फेल व डूबे हुए व्यवसायों को यह फिर से उठ खड़ा
होने के लिए प्रोत्साहित करेगा। इससे न केवल उद्योगों को फायदा होगा बल्कि साथ ही
एनपीए की संख्या में भी कमी आने के साथ ही लोगों के रोजगार छिनने की संभावना कम
होगी और इसका दीर्घकालीन प्रभाव दिखाई देगा।
चौथा क्षेत्र
एफडीआई का है और कई क्षेत्रों जैसे बीमा, रीयल एस्टेट तथा रक्षा निर्माण
क्षेत्र में एफडीआई को बढ़ाया गया है। 2016-17 में एफडीआई 60 बिलियन
अमेरिकी डॉलर पहुंच गया था जो अब इस वर्ष और अधिक बढ़ेगा ।
पांचवां यह कि सरकार ने बजट बाधाओं के बाजवूद आधारभूत संररचना खर्च में
बढोत्तरी की है जो जमीनी स्तर पर किया गया अहम कार्य है। सड़क निर्माण की दिशा में
भी अभूतपूर्व काम हुआ है और इसी का नतीजा है कि देश में सड़क निर्माण प्रतिदिन 21.5 किलोमीटर हो
गया है जो गत वर्ष 18.3 किलोमीटर था। सीआईआई ने देश के सभी 6 लाख गांवों
में बिजली पहुंचाने के मील के पत्थर की उपलब्धि हासिल करने पर सरकार का स्वागत
किया और कहा कि यह देश के समग्र विकास में बेहद अहम योगदान करेगा। सीआईआई ने
उड़ान को सरकार की बड़ी उपलब्धि बताते हुए कहा कि यह देश को जोडऩे का काम करेगा
और विकास के नए अवसर प्रदान करेगा। भारतीय एविएशन इंडस्ट्री ने पिछले तीन वर्ष में
तेजी से बढ़ते हुए विकास को देखा है और यह दुनिया में डोमेस्टिक उड़ानों के
क्षेत्र में तीसरा सबसे बड़ा देश बनकर उभरा है।
सीआईआई ने कहा
कि छठा अहम क्षेत्र एमएसएमई को को मजबूत करने के लिए उठाए गए कदम
हैं। 99 प्रतिशत उद्योगों के लिए आयकर को 25 प्रतिशत कम
करना एमएसएमई क्षेत्र को अभूतपूर्व गति देने वाला कदम है। इसके साथ ही इससे देरी
से होने वाले भुगतान और एनपीए से निपटने में भी मदद मिलेगी। मुद्री स्कीम ने लाखों
उद्यमियों को न केवल लोन लेकर व्यापार करने या उसे बढ़ाने का मौका दिया बल्कि इसके
माध्यम से लाखों की संख्या में नौकरियों की भी रचना की।
सातवां इनिशिएटिव
कृषि क्षेत्र से है और इसके कारण ग्रामीण क्षेत्र की आय में बढोत्तरी हुई है।
ग्रामीण एग्रीकल्चर मार्केट, इलेक्ट्रोनिक नेशनल एग्रीकल्चर मार्केट को अपस्केल करना, किसानों को कर
लाभ तथा मॉडल एक्ट और लैंड लीजिंग के माध्यम से ग्रामीण मार्केटिंग
इंफ्रास्ट्रक्चर को अपग्रेड करना अहम कदम है।
आठवां क्षेत्र सावधि रोगजार
को शुरू करना है। जिन क्षेत्रों में केवल कुछ समय के लिए श्रमिकों की आवश्यकता होती
है वहां पर इस प्रकार की छूट से विकास को बल मिलेगा। इसके माध्यम से बेरोजगारों को
रोजगार मिल सकेगा भले ही यह सावधि क्यों न हो । इन अहम विकास कार्यो के अलावा मेक इन इंडिया, डिजिटल इंडिया, स्वच्छ भारत, क्लीन एनर्जी
व अन्य कारकों सहित सामान्य मानसून की आशा के चलते सीआईआई को उम्मीद है कि 2018-19 में विकास 7.3-7.7 प्रतिशत
रहेगा।