*दिनांक
- 29 जून 2018* *दिन
- शुक्रवार* *विक्रम संवत - 2075* *शक संवत -1940**अयन - दक्षिणायन* *ऋतु -
वर्षा* *मास - ज्येष्ठ* *पक्ष
- शुक्ल* *तिथि - दोपहर 12:47 तक प्रतिपदा*, *नक्षत्र - शाम 03:22 तक
पूर्वाषाढा* *योग - रात्रि 02:36 तक
इन्द्र* *राहुकाल - सुबह 11:02 से
12:42* *सूर्योदय - 06:01**सूर्यास्त
- 19:23* , *दिशाशूल
- पश्चिम दिशा में*
*व्रत पर्व विवरण -*
*विशेष
- प्रतिपदा को कूष्माण्ड
(कुम्हड़ा, पेठा)
न खाये, क्योंकि यह धन का नाश करने वाला है। (ब्रह्मवैवर्त
पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*वास्तु एवं ज्योतिष शास्त्र*
*वास्तु
शास्त्र में माना गया है कि पंचतत्व (पृथ्वी,अग्नि, वायु, आकाश और सूर्य) का सही तालमेल घर में होना
चाहिए। छत ऊंची हो, ताजी हवा और रोशनी आने की पूरी जगह हो,
लेकिन महानगरों में कई बार इस तालमेल वाला घर मिल नहीं पाता है। ऐसे
में घर में वास्तु दोष होने की आशंका ज्यादा होती है, साथ ही
बीमारियों का डर भी बना रहता है। जिन घरों में सूर्य की रोशनी ठीक से नहीं पहुंच
पाती है या कुंडली में सूर्य की स्थिति ठीक नहीं होती है तो वास्तु और ज्योतिष
दोनों में ये माना गया है कि घर में सूर्य की तांबे की प्रतिमा लगानी चाहिए। इससे
आत्मविश्वास में वृद्धि से लेकर एजुकेशन और कैरियर में
सफलता तक सारे लाभ मिलते हैं।*
*घर के जिस हिस्से में परेशानी हो, या जिस हिस्से में
सीधे सूर्य की रोशनी ना पहुंच पाती हो, वहां सूर्य की तांबे
की मूर्ति लगानी चाहिए। ये मूर्ति सामान्यतः मुघौटे के रुप में मिलती है, सूर्य की मूर्ति रखने के लिए अपनी परेशानी और सूर्य की स्थिति को ध्यान
में रखना चाहिए। आमतौर पर ये मूर्ति रविवार को ऊँ भास्कराय नमः या ऊँ आदित्याय नमः
मंत्र का जप करते हुए रखनी चाहिए। अगर वास्तु के अनुसार घर की इन 8 जगहों पर तांबे के सूर्य को दीवार पर लगाया जाए तो हर इच्छा पूरी की जा
सकती है।*
*घर में कहां, कैसे और कब लगाएं*
*1. ज्योतिष के अनुसार रात 12 बजे से 3 बजे तक सूर्य पृथ्वी के उत्तरी भाग में होता है। उत्तर दिशा धन के लिए शुभ
होती है। अगर धन की कमी हो तो घर में जहां कीमती वस्तुओं या जेवरात आदि रखें हो,
वहां तांबे की सूर्य प्रतिमा लगाने से घर में कभी पैसों की कमी नहीं
होती।*
*2. सूर्योदय से पहले रात 3 से सुबह 6 बजे का समय ब्रह्म मुहूर्त होता है। इस समय सूर्य पृथ्वी के उत्तर-पूर्वी
भाग में होता है। यह समय चिंतन-मनन व अध्ययन के लिए बेहतर होता है। बच्चे पढ़ाई
में कमजोर हों तो स्टडी रूम या बच्चों के कमरे में सूर्य प्रतिमा लगाने से पढ़ाई
में सफलता मिलती है।*
*3. सुबह 6 से 9 बजे तक सूर्य
पृथ्वी के पूर्वी हिस्से में रहता है। इस समय सूर्य की रोशनी रोगों से बचाती है।
घर में अगर बीमारियां ज्यादा हों तो हॉल या ऐसे कमरे में सूर्य प्रतिमा लगानी
चाहिए, जहां घर के सभी सदस्य ज्यादा से ज्यादा समय बिताते
हों। इससे घर में बीमारियां ज्यादा दिन नहीं टिकती।*
*4. सुबह 9 से दोपहर 12 बजे तक
सूर्य पृथ्वी के दक्षिण-पूर्व में होता है। यह समय भोजन पकाने के लिए उत्तम होता
है। इसलिए घर के किचन में तांबे की सूर्य प्रतिमा लगाने से घर में कभी अन्न की कमी
नहीं होती।*
*5. दोपहर 12 से 3 बजे के दौरान
सूर्य दक्षिण में होता है, इस समय को विश्रांति काल (आराम का
समय) माना जाता है। अगर घर में अशांति या झगड़े का माहौल रहता है तो घर के मुखिया
के बेडरूम में सूर्य प्रतिमा लगाने से किसी तरह की परेशानी नहीं आती।*
*6. दोपहर 3 से शाम 6 बजे के दौरान
सूर्य दक्षिण-पश्चिम भाग में होता है। यह समय अध्ययन और कार्य का समय होता है।
व्यापार में नुकसान हो रहा हो तो ऑफिस या दुकान में सूर्य प्रतिमा लगाने पर बिजनेस
में लगातार तरक्की होती है।*
*7. शाम 6 से रात 9 बजे
में सूर्य पश्चिम दिशा की ओर जाता है। इस समय को देव पूजा और ध्यान
के लिए अच्छा मानते हैं। इसलिए घर के मंदिर में तांबे की सूर्य प्रतिमा लगाने से
घर-परिवार पर सूर्य देव की कृपा बनी रहती है।
*8. शाम 9 से मध्य रात्रि के समय सूर्य घर के
उत्तर-पश्चिम में होता है। घर के बेडरूम में तांबे की सूर्य प्रतिमा लगाने पर वहां
रहने और सोने वालो को मान-सम्मान की प्राप्ति होती है।*