Tuesday, 19 June 2018

पंचाग : बुधवार , 20 जून 2018


                                 
                                                                                
*दिनांक - 20 जून 2018*  *दिन - बुधवार*,
*विक्रम संवत - 2075*, *शक संवत -1940*, *अयन - उत्तरायण*, *ऋतु - ग्रीष्म*, *मास - ज्येष्ठ* , *पक्ष - शुक्ल*, *तिथि - रात्रि 03:52 तक अष्टमी*, *नक्षत्र - रात्रि 01:19 तक उत्तराफाल्गुनी*, *योग - रात्रि 03:35 तक व्यतिपात*, *राहुकाल - दोपहर 12:40 से 02:19*, *सूर्योदय - 05:58*, *सूर्यास्त - 19:21*, *दिशाशूल - उत्तर दिशा में*, *व्रत पर्व विवरण - बुधवारी अष्टमी  (सूर्योदय से 21 जून प्रातः 03:52 तक)*, *विशेष - अष्टमी को नारियल का फल खाने से बुद्धि का नाश होता है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*, *अष्टमी तिथि, रविवार, श्राद्ध और व्रत के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)*
*दक्षिणायन आरंभ*
*21 जून 2018 गुरुवार को  (पुण्यकाल सूर्योदय से दोपहर 03:38 तक)*
🏻 *उत्तरायण या दक्षिणायान के आरंभ के दिन किया गया जप-ध्यान व पुण्यकर्म कोटि कोटि गुना अधिक एवं अक्षय होता है |– पद्म पुराण*
*वर्षा ऋतु*
*21 जून 2018 गुरुवार से वर्षा ऋतु प्रारंभ ।*,*ग्रीष्म ऋतु में दुर्बल हुआ शरीर वर्षा ऋतु में धीरे-धीरे बल प्राप्त करने लगता है | आद्र वातावरण जठराग्नि को मंद करता है | वर्षा ऋतु में वात-पित्तजनित व जीर्णजन्य रोगों का प्रादुर्भाव होता है | अत: जठराग्नि प्रदीप्त करनेवाला वात-पित्तशामक आहार लेना चाहिए |*, *हितकर आहार : इस ऋतु में जठराग्नि प्रदीप्त करनेवाले अदरक, लहसुन, नींबू, पुदीना, हरा धनिया, सोंठ, अजवायन, मेथी, जीरा, हींग, काली मिर्च, पीपरामूल का प्रयोग करें | जों, खीरा, लौकी, गिल्की, पेठा, तोरई, आम, जामुन, पपीता, सूरन सेवनीय हैं | श्रावण मास में दूध व हरी सब्जियाँ न खायें | वर्षा ऋतु में दही पूर्णत: निषिद्ध है | ताजी छाछ में काली मिर्च,5 सेंधा, जीरा, धनिया, पुदीना डालकर ले सकते हैं | उपवास और लघु भोजन हितकारी है | रात को देर से भोजन न करें |*, *अहितकर आहार : देर से पचनेवाले, भारी, तले, तीखे पदार्थ न लें | जलेबी , बिस्कुट, डबलरोटी आदि मैदे की चीजे , बेकरी की चीजे, उड़द, अंकुरित अनाज, ठंडे पेय पदार्थ व आइस्क्रीम  के सेवन से बचे | वर्षा ऋतु में दही पूर्णतः निषिध्द है | श्रावण मास में दूध व हरी सब्जियाँ वर्जित हैं |*, *हितकर विहार : आश्रमनिर्मित धूप, हवन से वातावरण को शुद्ध व गौ-सेवा फिनायल या गोमूत्र से घर को साफ करें | तुलसी के पौधे लगायें | उबटन से स्नान, तेल की मालिश , हल्का  व्यायाम, स्वच्छ व हल्के  वस्त्र पहनना हितकारी है | वातावरण में नमी और आर्द्रता के कारण उत्पन्न कीटाणुओं से सुरक्षा हेतु आश्रम की धूप व हवन से वातावरण को शुद्ध तथा गौ सेवा फिनायल या गोमुत्र से घर को स्वच्छ रखें | घर के आसपास पानी इकट्ठा  न होने दें | मच्छरों से सुरक्षा के लिए घर में गेंदे के पौधों के गमले अथवा गेंदे के फूल रखें और नीम के पत्ते , गोबर के कंड़े व गूगल आदि का धुआँ करें |*, *अपथ्य विहार : बारिश में न भींगें | भींगें गीले  कपड़े पहनकर न रखें | रात्रि-जागरण, दिन में शयन, खुले में शयन, अति परिश्रम एवं अति व्यायाम वर्जित है |*


Rehearsal for Yoga at plaza.


Photo Caption:
NT24 News

Rehearsal for the celebration of  4th International Day of Yoga at Plaza, Sector-17, Chandigarh on Tuesday, June 19, 2018.

तीसरे दिन भी मृतक आयुष की FIR दर्ज नही हुई


तीसरे दिन भी मृतक आयुष की FIR दर्ज नही हुई 

एन टी 24 न्यूज़ 

चंडीगढ़ 
     परवासी भलाई संगठन के महामंत्री किशोर शर्मा मृतक आयुष की मां ममता और पिता मुदर, दादा फकीरे , हौसला प्रसाद को साथ लेकर  सेक्टर 19 के एस.एच.ओ. दविंदर सिंह से मिले और FIR दर्ज करने की विनती की । परंतु घटना के तीसरे दिन भी सेक्टर-19 कै  एस० एच०ओ० ने FIR दर्ज नहीं की । परन्तु एस०एच०ओ० टालमटोल करते रहे ममता ने स्पष्ट शब्दों में एस०एच०ओ० को कहा कि जब तक FIR दर्ज नहीं होगा वह आयुष का पोस्टमार्टम नहीं करवाएगी । एस०एच०ओ० FIR के लिए टालमटोल करते रहे
      चेयरमैन अविनाश सिंह शर्मा ने एस० एच०ओ० को स्पष्ट तौर पर कहा कि आप शिकायत की प्राप्ति दिलवाएं । एस०एच०ओ० ने केश के आई०ओ० से प्राप्ति दिलवाया । महामंत्री किशोर शर्मा ने खा की अगर हमारी रिपोर्ट को न लिखा गया तो हम मृतक आयुष की मां को पंजाब हरियाणा चंडीगढ़ उच्च न्यायालय में लेकर जाएंगे । चंडीगढ़ हाई कोर्ट में गुहार लगाने के लिए हम लोग मजबूर होंगे । हाईकोर्ट की बात पर भी एस०एच०ओ० के चेहरे पर कोई शिकन नहीं आई । सत्तासीन सरकार नगर निगम मेयर, कमिश्नर ,अधिकारियों को बचाने का प्रयास कर रही है । जिनके लापरवाही से घटना घटी है । घटना के 3 दिन बीत जाने के बाद भी नगर निगम अधिकारी नगर निगम  मेयर मृतक परिवार से मिलने सांत्वना देने तक नहीं गए । उन लोगों का रवैया मानवता के नाम पर कलंक है हम नही चाहते की कल किसी दूसरे आयुष के साथ घटना घटे आयुष के परिवार के साथ संगठन खड़ा है । जब तक परिवार को न्याय नहीं मिल जाता संघर्ष जारी रखेंगे ।