डॉ रेनू अरोड़ा को मिला इंडिया बुक ऑफ
रिकॉर्डस के
खिताब से सम्मानित
एन टी 24 न्यूज़
विनय कुमार शर्मा
चंडीगढ़
ट्राईसिटी की मोटिवेशनल स्पीकर व शिक्षाविद्य डॉ रेनु
अरोड़ा को हाल ही में इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्डस के खिताब से सम्मानित किया गया है।
यह प्रतिष्ठित अवार्ड उन्हें कोरोना महामारी के दौरान मार्च 23
से मई 26 तक की लॉकडाऊन की घड़ी में शहर के लोगों को सही
मार्गदर्शन के लिए तथा समृद्ध परिवारों को जरूरतमंद लोगों की सहायता के लिए
आह्रवान करने तथा अलग अलग सोशल मीडिया के माध्यम से लगभग 75
मोटिवेशन स्पीच देने पर दिया गया है। हांलाकि डॉ रेनु का हजारों लोगों को कोविड-19 में मोटिवेशन स्पीच देने का यह प्रयास अभी भी जारी है। यह अवार्ड उन्हें
इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्डस की चीफ एडिटर बिस्वरूप रॉय चौधरी ने प्रदान किया। जिस पर
डॉ रेनू ने रिसर्च फाउंडेशन का आभार प्रकट किया है और कहा कि इसे प्राप्त कर वे
बहुत गर्व महसूस कर रही हैं। पेशे से चार्टर्ड अकाउंटेंट डॉ रेनु अरोड़ा मोटिवेशनल
स्पीकर होने के साथ साथ लेखिका, शिक्षाविद्य, समाज सेविका भी है वे कोविड-19 के तहत चल रहे
लॉकडाऊन में लगातार सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों को उनके कार्यो, व्यवहार, प्रतिक्रियाओं के प्रति प्रोत्साहित कर रही
हैं। डॉ अरोड़ा ने बताया कि उन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों को विभिन्न
विषयों जिनमें नकारात्मक सोच से सकारात्मक सोच लाना, कोविड
काल में लाइफ स्टाइल कैसा होना चाहिए, स्वास्थ्य देख-रेख,
अध्यात्मिकता पहलु जिसमें नित्य पूजा पाठ, योगा,
घरेलु हिंसा से बचाव तथा मोटिवेट मोटिवेशनल थॉट्स वुमन एम्पावरमेंट
और फाइनेंशल टिप्स आदि शामिल हैं, मोटिवेशनल स्पीच दी। साथ
ही जरूरतमंद लोगों की सहायता के लिए आगे आने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने बताया
कि सोशल मीडिया चाहे वे फेसबुक हो या ब्लॉग या फिर चाहे वे यूटयूब हो, उन्होंने लॉकडाऊन में लोगों का मनोबल गिरने नही दिया। उसे उठाने का सदैव
प्रयास किया जिसपर उन्हें लाखों लोगों की अच्छी प्रतिक्रियाएं मिली। उन्होंने
बताया कि उन्होंने 150 से भी अधिक कविताएं भी मोटिवेशनल पर
आधारित लिखी हैं जिसमें प्रकृति का वर्णन भी मिलता है। इसके अलावा वे अनकहे अहसास
तथा विचारों का आईना सच के साथ, उल्फत ए एहसास, नामक तीन किताबों को विमोचन भी कर चुकी है जो कि नई मानसिकता में ऊर्जा का
संचार करती है। उनकी यह किताबें एमाजॉन पर उपलब्ध हैं।इतना ही नही वे सिर्फ़ किसी
एक मुद्दे पर नहीं लिखती हैं कि वे स्त्री होते हुए अगर स्त्री की बात करती है तो
पुरुषों की पीड़ा का भी अनुभव करती है इस पर भी लिखती हैं तो वहीं बच्चों से जुड़े
मुद्दों पर भी खुल कर बात करती है अपने
लाइव सैशनस के ज़रिये लोगों को प्रेरित करती है की ज़िंदगी खुल के जियो क्योंकि
जिंदगी बार बार नहीं मिलती।