आखिर सारा बोझ मध्यमबर्गीय परिवार के ऊपर ही क्यो.....
एन टी 24 न्यूज़
विनय कुमार शर्मा
चंडीगढ़
लॉकडाउन को करीब
एक महीना पूरा हो गया l इस महामारी के दौरान सभी सामाजिक संस्थाओ के साथ-साथ और भी
तमाम लोगो ने अपने सामर्थ के अनुसार जरूरतमंद लोगो की हर तरह से मदद करने की पूरी
कोशिश कर रहे है l हमारे कोरोना योद्धा सफाई कर्मचारी , मेडिकल
स्टाफ , पुलिस फोर्स और वो तमाम लोग जो किसी ना किसी रूप से
इस आपदा की घड़ी में अपना योगदान दे रहे है, वो सभी लोग बधाई के पात्र है l माननीय
प्रधानमंत्री जी के आह्वान पर सभी लोग लॉकडाउन के नियमो का पालन भी कर रहे है l
परन्तु इन सबके बीच आने वाला समय मध्यमबर्गीय परिवार के लिए बहुत बड़ी परेशानी खड़ी
करने वाला है l वो परिवार जो अपना छोटा मोटा कारोबार करके अपने परिवार का गुजारा
करता था उसके सामने एक बहुत ही भयावह स्थिति उत्तपन होने का डर सताने लगा है
क्योकि बैंक की तरफ से , मकान या दुकान के मालिक के तरफ से ,
अगर किसी ने कंस्यूमर लोन लिया है उनकी तरफ से या और भी कई तरह से
उन परिवारों को फोन करके लोन की किस्त जो किसी भी रूप में लिया गया है , मकान और दुकान का किराया इत्यादि देने के लिए प्रताड़ित किया जा रहा है !
आखिर उन परिवारों का क्या कसुर है सारी मार आखिर वो ही क्यो झेले l आखिर ऐसे वक्त
में ऐसा अमानवीय बर्ताव कहा तक उचित है l क्या सारे नियम कानून मध्यमबर्गीय परिवार
के लिए है ! मै सभी उन संस्थाओ , प्रतिष्ठानों , बैंकर्स , लैंडलॉर्ड्स एवं वो तमाम लोग जो इस दायरे
में आते है से करबद्ध निवेदन करता हूँ की आप सभी जितना हो सकता है इसमें सहयोग करे
l मैं सरकार और प्रधानमंत्री जी से भी आग्रह करता हु की कृपया मध्यमबर्गीय परिवार,
वो छोटे ब्यापारी जो अपना काम बंद करके अपने घरो में बैठे है के लिए
भी कुछ करे ! प्रधानमंत्री जी से निवेदन है की वे बैंकर्स को हिदायत दे की किसी भी
परिवार को किसी भी तरह लोन की राशि को तत्काल जमा करने के लिए बाध्य ना किया जाये
! संजय कुमार चौबे , चेयरमैन शिवानन्द चौबे मेमोरियल
चैरिटेबल ट्रस्ट तथा महासचिव राष्ट्रीय भ्रष्टाचार नियंत्रण एवं जन कल्याण संगठन
चंडीगढ़ यूनिट l