इंटरनेशनल स्टूडेंट्स पर रहेगा फोक्स:- डॉ आर.एस बावा
- आज से शुरू नार्थ जोन वार्षिक वाइस चांसलर मीट
- 100
से ज्यादा यूनिवर्सिटियों के
वाइस चांसलर कर रहे है शिरकत
-
1925 में बनी थी बॉडी, जाकिर हुसैन और राजिंद्र प्रसाद
रह चुके है सदस्य
- 900
में से 731 यूनिवर्सिटी है एआईयू की मेंबर
एन टी 24 न्यूज़
विनय कुमार
चंडीगढ़
आज के समय में टैक्नॉलोजी हर
देश की मांग है । हर देश बस इस कोशिश में लगा हुआ है कि उसकी तकनीक दूसरे देश से
बेहतर हो। यह तभी सम्भव है जब हम शिक्षा के क्षेत्र में आगे होंगे । आज हमारे देश
के बच्चे पढ़ने के लिए दूसरे देश जा रहे है। इस तरह से हमारा भी यही फोक्स है कि हम
ज्यादा से ज्यादा इंटरनेशनल लेवल के स्टूडेंट्स को भारत में पढ़ने के लिए आकर्षित
करें । उसके अलावा इस बात का भी ध्यान रखा जा रहा है कि स्टूडेंट्स के साथ-साथ
हमारी कोशिश यह भी रहेगी कि हम इंटरनेशनल शिक्षकों को भी यहां पढ़ाने के लिए बुलाएं
। यह बात वीरवार को प्रेस क्लब में एसोसिएशन ऑफ इंडियन यूनिवर्सिटीज (ए.आई.यू)
आयोजित पत्रकार वार्ता में चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर डॉ. आर एस बावा ने
कही । एक मंच पर दिखेंगे करीब 100 से ज्यादा यूनिवर्सिटी के वाइस
चांसलर: ए.आई.यू द्वारा आयोजित नार्थ
जोन वार्षिक वाइस चांसलर मीट में करीब देश की 100 (सरकारी एवं पराईवेट व डीमड
यूनिवर्सिटियों) यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर एक ही मंच पर दिखेंगे । इस दौरान मीट
में यूनिवर्सिटियों में किस प्रकार से शिक्षा को ओर ज्यादा गुणवत्ता प्रदान की जाए
और किस प्रकार ग्लोबल लेवल पर क्वालीटी इंप्रूवमेंट आदि बातों पर चर्चा की जाएगी ।
चुनौतियों पर किया जाएगा विचार
विमर्श: ऐ.आई.यू के प्रधान प्रो संचेती ने कहा कि इस मीट में भारत में उच्च शिक्षा में
बढ़ रही चुनौतियों तथा मौकों के विषय पर विचार विमर्श किया जाएगा । उन्होंने बताया
कि टैक्नॉलोजी के इस बदलते युग में यूनिवर्सिटियां सिर्फ डिगरी प्रदान करने वाली
संस्था ही नहीं बल्कि विद्यार्थियों में इंडस्ट्री की माँग मुताबिक स्किल
डेवलपमेंट करने का केंद्र बनकर उभरने की जरूरत है। जिस के साथ नवयुवकों को डिग्री
के साथ साथ रोजगार योगता भी बढ़ाई जा सके ।