Saturday, 1 August 2020

NT24 News : कांग्रेस पार्टी सदस्यता की ग्रहण

कांग्रेस पार्टी सदस्यता की ग्रहण

NT24 News : 3 अगस्त के रक्षाबन्धन पर इस बार भद्रा काल..........

3 अगस्त के  रक्षाबन्धन पर इस बार भद्रा काल  की बजाय कोरोना काल का साया मदन गुप्ता सपाटू : ज्योतिर्विद
एन टी 24 न्यूज़ 
चंडीगढ़ 
अक्सर राखी बांधने केमुहूर्त में हर बार ,भद्रा के समय को लेकर असमंजस बना रहता है परंतु इस बार राखीबांधने के लिए पूरा दिन है , भद्रा काल की बजाय कोरोना काल का ध्यान रखना होगा। जहां तक संभव हो,, वीडियो कॉल आदि से संबंधियों से संपर्क करें। बहनेंहृदय से भाई की दीर्घायु की प्रार्थना करें और भाई उनकी रक्षा व हर प्रकार कीसहायता का वचन दें और निभाएं।  यदि आपआमने सामने होना ही चाहते हैं, तो बेहतर होगा राखी व अन्य वस्तुओं को सेनेटाइजकरें , मॉस्क लगाएं, उचित दूरी बना कर रखें। बाजार में बनी राखियों की बजाए, कलावाअर्थात रक्षा सूत्र बांधें। कोरियर या डाक व्यवस्था सुचारु न होने से और कोरोनावायरस के कारण , हो सकता है आपकी भेजी राखी न मिले।  
इस बार क्यों खास है रक्षाबंधन 
सावन के अंतिम सोमवार को रक्षाबंधन का पर्व कई शुभ योग व नक्षत्रों के संयोग में 3 अगस्त को मनाया जाएगा।29 साल बाद श्रावण पूर्णिमा पर सावन के अंतिम सोमवार को रक्षाबंधन का पर्व कई शुभ योग व नक्षत्रों के संयोग में 3 अगस्त को मनाया जाएगा। इस बार भद्रा और ग्रहण का भी रक्षाबंधन पर कोई साया नहीं है। इस अवसर पर सर्वार्थ सिद्धि और दीर्घायु आयुष्मान योग के साथ ही सूर्य शनि के समसप्तक योगप्रीति योगसोमवती पूर्णिमामकर का चंद्रमा श्रवण नक्षत्र उत्तराषाढा नक्षत्र सोमवार को रहेगा। इससे पहले तिथि वार और नक्षत्र का यह संयोग सन्‌ 1991 में बना था। रक्षाबंधन से पहले 2 अगस्त को रात्रि 8 बजकर 43 मिनट से 3 अगस्त को सुबह 9 बजकर 28 मिनट तक भद्रा रहेगी। रक्षाबंधन का व्रत करने वाले लोगों को सुबह उठकर स्नान आदि करने के बाद वेदोक्त विधि से पित्र तर्पण और ऋषि पूजन भी करना चाहिए। बहनें रेशम आदि का रक्षा कवच बनाकर उसमें सरसों .केशर,चंदनअक्षत और दूर्वा रखकर रंगीन सूती वस्त्र में बांधकर उस पर कलश की स्थापना करें। इसके बाद विधि पूर्वक पूजन करें। बहन भाई के दाहिनी हाथ में बांध ऐसा करने से वर्ष भर भाई का जीवन सुखी रहेगा। वहीं शास्त्रों में राखी बांधन के लिए अभिजीत मुहूर्त व गोधूलि बेला विशेष बताई गई है। शाम को 5ः30 बजे गोधूलि बेला का शुभ मुहूर्त रहेगा। वैसे दिन भर शुभ चौघड़िया मुहूर्त में भी राखी बांधी जा सकती है।
शुभ महूर्त 
राखी बांधने का मुहूर्त : 09:27:30 से 21:11:21 तक 
अवधि : 11 घंटे 43 मिनट 
रक्षा बंधन अपराह्न मुहूर्त : 13:45:16 से 16:23:16 तक 
रक्षा बंधन प्रदोष मुहूर्त : 19:01:15 से 21:11:21 तक 
क्यों बांधें राखी ? 
आधुनिक युग में भाई - बहन एक दूसरे की पूर्ण सुरक्षा का  भी ख्याल रखें । नारी सम्मान हो।  समाज में महिलाओं पर हो रहे अत्याचारों में कमी आएगी। भाई-बहन को स्नेहप्रेम ,कर्तव्य एवं दायित्व में बांधने वाला राखी का पर्व जब भाई का मुंह मीठा करा के और कलाई पर धागा बांध कर मनाया जाता है तो रिश्तों की खुशबू सदा के लिए बनी रहती है और संबंधों की डोर में मिठास का एहसास आजीवन परिलक्षित होता रहता है। फिर इन संबंधों को ताजा करने का अवसर आता है भईया दूज पर । राखी पर बहन ,भाई के घर राखी बांधने जाती है और भैया दूज पर भाई ,बहन के घर तिलक करवाने जाता है।  ये दोनों त्योहार ,भारतीय संस्कृति की अमूल्य धरोहर हैं जो आधुनिक युग में और भी महत्वपूर्ण एवं आवश्यक हो गए  हैं जब भाई और बहनपैतृक संपत्ति जैसे विवादों या अन्य कारणों से अदालत के चककर काटते नजर आते हैं। राखी  का पर्व टूटे संबंधों को बांधने का भी एक महत्वपूर्ण पर्व है। पुत्रियों के मायके आने का जहां सावन एक अवसर हैरक्षा बंधन सबको बांधने का एक बहाना है। बाबुल का आंगन गुलजार करने का एक मौका है। भाई - बहनों के मध्य चल रहे गिले शिकवों को भुलाने  का एक सुअवसर है। इसी लिए धागा बांधने के बाद मिठाई खिलाने से दिल का गुबार मिठास में घुल जाता है। भारतीय उत्सवों का मजा परिवार संग ही आता है। अतः रक्षा बंधन एक पारिवारिक मिलन है। सावन और सावन के सोमवारों से चलता हुआ यह सिलसिला तीज से होता हुआ कृष्णोत्सव तक निर्बाध चलता रहता है। रक्षाबंधन सुरक्षा का मात्र सूत्र ही नहीं रह जाता अपितु एक वचनबद्धता और जिम्मेवारियों का बंधन बन जाता है। एक सम्मान सूचक तंत्र की जगह ले लेता है जिसमें अपनेपन का एहसास समा कर स्नेह का बंधन बन जाता है। इस धागे का संबंध अटूट होता है। जब तक जीवन की डोर और श्वांसों का आवागमन रहता है एक भाई अपनी बहन के लिए और उसकी सुरक्षा तथा खुशी के लिए दृढ़ संकल्पित रहता है। वर्तमान में यह त्यौहार बहन-भाई के प्यार का पर्याय बन चुका हैकहा जा सकता है कि यह भाई-बहन के पवित्र रिश्ते को और गहरा करने वाला पर्व है। एक ओर जहां भाई-बहन के प्रति अपने दायित्व निभाने का वचन बहन को देता हैतो दूसरी ओर बहन भी भाई की लंबी उम्र के लिये उपवास रखती है। इस दिन भाई की कलाई पर जो राखी बहन बांधती है वह सिर्फ रेशम की डोर या धागा मात्र नहीं होती बल्कि वह बहन-भाई के अटूट और पवित्र प्रेम का बंधन और रक्षा पोटली जैसी शक्ति भी उस साधारण से नजर आने वाले धागे में निहित होती है।
इस विधि से बांधे राखी  
बहनें भाई को लाल रोली या केसर या कुमकुम से तिलक करें , ज्योति से आरती उतारते हुए उसकी दीर्घायु की कामना करे और मिठाई खिलाए। और राखी बांधते हुए ईश्वर से उसकी लंबी आयु की और रक्षा की कामना करें भाई उपहार स्वरुप बहन को शगुन या उपहार अवश्य दे। पुलिससैनिक बल तथा सैनिकों को भी रक्षार्थ राखी बांधी जाती है। पुरोहित अपने जजमानों के रक्षा सूत्र बांधते हैं और उनके पालन पोषण का वचन लेते हैं। पुरोहित वर्ग को कलाई पर  रक्षासूत्र की मौली के तीन लपेटे देते हुए इस मंत्र का उच्चारण करना चाहिए-  ! येन वद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबलः! तेन त्वामबुध्नामि रक्षे मा चल मा चल ! गृह सुरक्षा हेतु करें उपायl वास्तु शास्त्र के अनुसार यदि मौली को गंगा जल से पवित्र करके गायत्री मंत्र की एक माला करके अपने प्रवेश द्वार पर तीन गांठों सहित बांधें तो घर की सुरक्षा पुख़्ता हो जाती है और चोरीदरिद्रता तथा अन्य अनिष्ट से बचाव रहता है। रुठे भाई को मनाने के लिए यदि आपका भाई किसी कारणवष रुष्ट है तो शुभ मुहूर्त पर एक पीढ़ी पर साफ लाल कपड़ा बिछाएं। भ्राता श्री की फोटो रखें। एक लाल वस्त्र में सवा किलो जौ, 125 ग्राम चने की दाल, 21 बताशे, 21 हरी इलायची, 21 हरी किशमिश,125 ग्राम मिश्री, 5 कपूर की टिक्कियां ,11 रुपये के सिक्के रखें और पोटली बांध लें । मन ही मन भाई की दीर्घायु की प्रार्थना करते  तथा मन मुटाव समाप्त हो जाने कामना करते हुए पोटली को 11 बार फोटो पर उल्टा घुमाते हुए,पोटली को शिव मंदिर में रख आएं। भाई दूज पर आपका भाई स्वयं टीका लगाने आ जाएगा। 
कौन से रंग का तिलक और राखी हो अपने भ्राता श्री के लिए
मानवीय जीवन में रंगों का विशेष महत्व होता है। आज ही रंगों का चुनाव कर लें बांधने और बंधवाने वाले भाई- बहन । भाई की चंद्र राशि के अनुसार रक्षा क्वच बांधें  । 
मेष राशिः मंगल कामना करते हुए कुमकुम का तिलक लगाएं और लाल रंग की डोरी बांधें।संपूर्ण वर्ष  स्वस्थ रहेंगे। 
बृषभः सिर पर सफेद रुमाल रखें और चांदी की या सिलवर रंग की राखी बांधें।रोली में अक्षत मिला लें । मन शांत और प्रसन्न रहेगा।
मिथुनः हरे वस्त्र से भाई का सिर ढांकेंहरे घागे या हरे रंग की राखी आत्मविश्वास उत्पन्न करेगी। 
कर्कः चंद्रमा जैसे रंग अर्थात सफेदक्रीम धागों से बनी मोतियों वाली राखी भइया का मन सदा शांत रखेंगी। 
सिंहः गोल्डन रंग या पीलीनारंगी राखी और माथे पर सिंदूर या केसर का तिलक आपके भाई का भाग्यवर्द्धन करेगा। 
कन्याः हरा या चांदी जैसा धागा या रक्षासूत्र करेगा भाई की जीवन रक्षा।
तुलाः शुक्र का रंग फिरोज़ीसफेदक्रीम का प्रयोग रुमालराखी और तिलक में प्रयोग करेंजीवन में सुख समृद्धि बढ़ेगी।
बृश्चिकः यदि भाई इस राशि के हैं तो चुनिये लाल गुलाबी और चमकीली राखी या धागा और खिलाएं लाल  मिठाई। 
धनुः गुरु का पीताम्बरी रंग भाई की पढ़ाई में लगाएगा चार चांद। बांधिए उन्हें पीली रेशमी  डोरी । 
मकरः ग्रे या नेवी ब्लू रुमाल से सिर ढकें , नीले रंग के मोतियों वाली राखी बचाएगी बुरी नजर से। 
कुंभः आस्मानी या नीले रंग की डोरी से बनी राखी या डोरी भाग्यशाली रहेगी। 
मीनः हल्दी का तिलक , लाल ,पीली या संतरी रंग की राखी या धागा शुभता लाएगा।
पुराणों तथा आधुनिक युग में रक्षा सूत्र
इंद्र की पत्नी ने इंद्र को ही राखी बांधी थी। यम को उनकी बहन यमुना ने । लक्ष्मी जी ने राजा बली को। द्रौपदी ने कृष्ण के हाथ में चोट लगने पर ं साड़ी का पल्लू बांधा था और इस पर्व पर वचन लिया।चीरहरण के समय भगवान कृष्ण ने द्रौपदी की रक्षा की । चित्तौड़ की महारानी करमावती ने हुमायूं को चांदी की राखी भेजी थी। सिकंदर को राजा पुरु की पत्नी ने राखी बांधी थी।सामाजिक संस्थाओं से संबद्ध महिलाएं , पुलिस कर्मियोंसैनिकों ,जवानों और राजनेताओं को आधुनिक युग में बांध रही हैं। राखी इलैक्ट्र्निक हो या डिजाइनर ,या ई मेल हो या डाक द्वारा भेजे गए चार धागे..... मुख्य बात है उसके पीछे परस्पर विश्वासदायित्व ,कर्तव्यनिष्ठा और स्नेह। इसी प्रकार भाई  अपनी बहन को राखी के फलस्वरुप क्या उपहार देता है  महत्वपूर्ण है रक्षासूत्र की भावना और उसकी लाज।  इतिहास साक्षी है कि भ्रातृ विरोध ने ही देष को विदेशियों के हाथ सौंप दिया। भक्त प्रहलादभक्त ध्रुव की रक्षा   के लिए भगवान ने क्या कुछ नहीं किया ! उसी तरह रक्षा सूत्र के बंधन की मर्यादा का निर्वाह करना चाहिए तभी यह परंपरा सार्थक सिद्ध होगी। 
अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें :  मदन गुप्ता सपाटू, 9815619620458 , सैक्टर 10, पंचकूला


NT24 News : Tree plantation drive program organized............

Tree plantation drive program organized
jointly by PEC and SBI, Sector 12, Chandigarh.
National Tele24 News
Vinay Kumar Sharma
Chandigarh
On the Punjab Engineering College and State Bank of India (PEC branch) jointly organized a tree plantation program at Punjab Engineering College, Sector 12, Chandigarh. Dr. Deeraj Sangai, The Director of PEC was Chief Guest and planted the tree. On this occasion of tree plantation Dr. Siby John, Deputy Director, PEC, Dr. Sushant Samir, Registrar, PEC, Dr. Umesh Sharma, Dean I&E PEC, Sushil Kumar, Estate Officer, PEC, Dr Tejinder Pal Singh Saggu, O/I Security PEC, Dr. Harminder Kaur, Head of Deptt, Rakesh Sharma, Regional Manager of SBI, Chd, Ms. Archana, Manager, SBI (PEC branch), Rajeev Malhotra, SBI Officer, Hari Mohan, President, PEC Employees Union, Jaswinder Singh, Vice President, PEC Employees Union, Satish Kumar, Secretary, PEC Employees Union, Harpreet Singh, Cashier, PEC Employees Union, Harpreet Singh, Sanitary Inspector, PEC, Gurnam Singh, PEC resident, etc are participating in this drive and planted the trees.

NT24 News : Plantation Drives Need Standard and........

Plantation Drives Need Standard and Truthful Follow Up: Prof. Sidhu