आंखे खोलो लखन.. कुछ तो बोलो लखन.. मेरे
भईया......क्या कहूंगा जब पूछेगी मईया..........
मेघनाद ने किया ब्रह्मशक्ति का प्रयोग, लक्ष्मण को मूर्छित देख
रोये श्री राम, भावुक हुए दर्शक
चंडीगढ़
विशाल ड्रामेटिक रामलीला क्लब मलोया द्वारा
आयोजित रामलीला मंचन में लक्ष्मण के मूर्छित होने पर हनुमानजी संजीवनी बुटी लेकर
आए। उसके बाद श्री रामचंद्र जी व लंका के राजा रावण की सेना के बीच भयंकर युद्घ
प्रारंभ हो जाता हैं । रामलीला
मंचन में लक्ष्मण जी और मेघनाथ का भयंकर युद्ध होता है जिसमें लक्ष्मण जी पर
मेघनाद ब्रह्मशक्ति का प्रयोग करता है। लक्ष्मण जी ब्रह्माजी का सम्मान करते हुए
मूर्छित हो जाते हैं। लक्ष्मण जी को उठाकर हनुमान जी रामा दल में ले जाते हैं, राम जी के कहने पर हनुमान जी
लंका नगरी से सुसैन वैद्य को उठा लाते हैं। सुसैन वैद्य श्री राम को बताते हैं की
यदि सूर्योदय से पूर्व हिमालय पर्वत से संजीवनी बूटी लाकर लक्ष्मण जी को खिला दी
जाए तो लक्ष्मण जी को बचाया जा सकता है। यदि सूर्योदय हो जाता है तो लक्ष्मण जी को
बचाना मुश्किल है। हनुमान जी तमाम बाधाएं पार करते हुए हिमालय पर्वत पर पहुंचते है
और वहां जाकर संजीवनी बूटी तलाश करते हैं। उन्हें बूटी की पहचान नहीं होने पर
हनुमान जी द्रोनागिर पर्वत को उठाकर लंका नगरी ले चलते है ।
लंका
नगरी में सुसैन वैद्य संजीवनी बूटी लक्ष्मण जी को खिला देते हैं, लक्ष्मण जी की मूर्छा समाप्त हो
जाती हैं। राम का अभिनय राहुल वर्मा, लक्षमण - राकेश,
हनुमान - सुमित, व मेघनाद-दीपक सिगंला ने
किया। रामलीला कमेटी के पदाधिकारी, प्रधान श्री सरवन कुमार
मिश्रा, चेयरमैन दिलावर और डायरेक्टर सुशील सिंगला व अशोक
चौहान, मेकअप आर्टिस्ट वेदपाल, पंडित
नरेंद्र शर्मा, डॉक्टर मांगे राम कश्यप, बलवंत सिंह, राजेश बिड़ला, अश्वनी,
संजय बिहारी जी सदैव प्रभु राम की सेवा में शामिल रहते है। तथा पीछे
28 वर्षों से बहुत ही अच्छे ढंग से रामलीला क्लब को चला रहे
है ।