Monday 18 January 2021

NT24 News : आप की नीतियों से प्रभावित होकर अलग-अलग क्षेत्र के......

 आप की नीतियों से प्रभावित होकर अलग-अलग क्षेत्र के करीब एक दर्जन हस्तियां पार्टी में शामिल हुए

जरनैल सिंह और हरपाल सिंह चीमा की उपस्थिति में पार्टी में हुए शामिल

NT24 News: उत्तराखंड भ्रातृ संगठन दरिया द्वारा नेकी की दीवार बनी रेलवे....

उत्तराखंड भ्रातृ संगठन दरिया द्वारा नेकी की दीवार बनी रेलवे स्टेशन के यात्रियों का सहारा

NT24 News : 95 वर्षीय वृद्ध ने कोविड को सफलतापूर्वक हराया.....

 95 वर्षीय वृद्ध ने कोविड को सफलतापूर्वक हराया

NT24 News : 70 साल की महिला के लीवर से निकाली गई प्लास्टिक टी-ट्यूब........

70 साल की महिला के लीवर से निकाली गई 

प्लास्टिक टी-ट्यूब

NT24 News : शहर में गति सीमा तय करने में तुकेबाज़ी बंद करे ..........

 शहर में गति सीमा तय करने में तुकेबाज़ी बंद करे 

प्रशासन - प्रेम गर्ग

एन टी 24 न्यूज़

विनय कुमार शर्मा

चंडीगढ़

चंडीगढ़ प्रशासन खुद शहर में सही गति सीमा तय करने के सिस्टम से वाकिफ नहीं है।  चंडीपथ पर अलग-अलग गति सीमाएं दिखाने वाले दो साइन बोर्ड, सेक्टर 29 और 30 को विभाजित करते हुए शहर में विभिन्न सड़कों पर अलग-अलग गति सीमा तय करने में यूटी प्रशासन की ओर से इस लापरवाही को साबित करते हैं।  हल्के वाहनों के लिए साइन बोर्ड एक ही बिंदु पर 50 और 55 की गति सीमा दिखाते हैं।  एक ही सड़क पर अलग-अलग बिंदुओं पर गति सीमा का पालन करने में यात्रियों को भ्रम की स्थिति से बचने के लिए, आप अध्यक्ष प्रेम गर्ग द्वारा यह सुझाव दिया गया है कि सारे चंडीगढ़ शहर में वाहनों के साथ एक एकल गति क्षेत्र होना चाहिए, मोटर वाहनों के लिए अधिकतम सीमा 60 और दो पहिया वाहनों के लिए 50 गतिसीमा काफ़ी सही रहेगी। आधुनिक टेक्नॉलजी के वाहनों के साथ 50 या 60 की गति पर वाहन को नियंत्रित करना बहुत मुश्किल नहीं है। हर वाहन स्वचालित रूप से सड़क के किसी विशेष पैच पर यातायात के घनत्व के आधार पर अपने आप धीमा हो जाता है।  शहर की सड़कों पर गति किसी भी वाहन के सामने और पीछे वाले वाहन पर भी निर्भर करती है।  इसलिए शहर की सड़क के किसी भी बिंदु पर दोपहियों के लिये 50 और कारों के लिए 60 की ऊपरी गति सीमा बहुत अधिक नहीं है, जब तक सड़क पर कोई ज़्यादा यातायात नहीं हो। और भारी ट्रैफ़िक में 25 या 30 की गति से ड्राइविंग करते हुए भी घर पहुंचने में इन्सान अपने को भाग्यशाली महसूस करता है।

NT24 News : केंद्रीय एजेंसियों द्वारा आंदोलनकारी किसानों को धमकाना..........

केंद्रीय एजेंसियों द्वारा आंदोलनकारी किसानों को धमकाना मोदी सरकार का बेहद शर्मनाक कार्य : भगवंत मान

एनआईए के माध्यम से किसानों, सामाजिक संगठनों और कार्यकर्ताओं को नोटिस भेजना बेहद निंदनीय कदम है

सरकार को तुरंत काले कानूनों को निरस्त करना चाहिए

एन टी 24 न्यूज़

विनय कुमार शर्मा

चंडीगढ़

आम आदमी पार्टी ने केन्द्रीय जांच एजेंसियों द्वारा किसानों और उनकी सहायता करने वाले लोगों और संगठनों को भेजे जा रहे नोटिसों के लिए मोदी सरकार की आलोचना की है। पार्टी मुख्यालय से जारी बयान में पार्टी के अध्यक्ष और सांसद भगवंत मान ने कहा कि किसान आंदोलन को कुचलने के लिए सरकार द्वारा केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग करना बेहद निंदनीय है। किसानों और कृषि को बचाने के लिए आंदोलन का समर्थन करने वाली विभिन्न सेवा समितियों, संगठनों और पत्रकारों को नोटिस भेजना अत्यंत घृणित काम है, जो अभी मोदी सरकार कर रही है। पहले मोदी सरकार के मंत्री और भाजपा नेताओं ने किसानों को पाकिस्तान और चीन के एजेंट, खालिस्तानी एवं आतंकवादी कहकर आंदोलन की छवि धूमिल करने की कोशिश की और अब मोदी सरकार आंदोलन को दबाने के लिए सरकारी एजेंसियों के माध्यम से आंदोलन को सहयोग करने वाले लोगों को नोटिस भेज रही है। मान ने कहा, मोदी सरकार दोयम दर्जे की भूमिका निभा रही है। एक तरफ वह समाधान खोजने के लिए किसान संगठनों के साथ बातचीत कर रही है और दूसरी तरफ आंदोलन को कुचलने की नीयत से किसान नेताओं और आंदोलन समर्थक लोगों को डराने के लिए एनआईए के माध्यम से नोटिस भेज रही है। उन्होंने कहा कि किसानों द्वारा किया जा रहा शांतिपूर्ण आंदोलन आज दुनिया में सबसे बड़े और सबसे लंबे समय तक चलने वाले आंदोलन के रूप में एक नया इतिहास बना रहा है। लोकतांत्रिक तरीके से किए जा रहे इस आंदोलन ने पूरे विश्व के किसान समाज को हौसला और उम्मीद दिया है, लेकिन इस ऐतिहासिक आंदोलन को कुचलने के लिए और किसानों की समस्याओं को दबाने के लिए केंद्र की मोदी सरकार लगातार घृणित और गैरलोकतांत्रिक कदम उठा रही है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार को कॉरपोरेट घरानों के बजाय देश के लोगों की बात सुननी चाहिए। देश के किसान इन काले कानूनों के खिलाफ पिछले दो महीने से दिल्ली बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे हैं और इसे रद्द करने की मांग कर रहे हैं। लेकिन  मोदी सरकार किसानों की मांग मानने के बजाए सत्ता का दुरुपयोग कर केंद्रीय एजेंसियों के माध्यम से आंदोलन को कुचलने का प्रयास कर रही है। देश के किसानों के हित के लिए अब केंद्र सरकार अपनी जनविरोधी गतिविधियों को रोके और किसानों की सीधी और सरल मांगों को मानकर तीनों काले कानूनों को तुरंत रद्द करे।