प्रदेश में किसानों की आय में हो रही बढ़ोतरी: मनोहर लाल
एन टी 24 न्यूज़
विनय कुमार शर्मा
चंडीगढ़
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने प्रधानमंत्री
नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में रविवार को हुई नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की 7वीं
बैठक में हिस्सा लिया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा सरकार
प्रधानमंत्री के कुशल नेतृत्व में आत्मनिर्भर भारत के विजन को साकार करने का हर
प्रयास कर रही है और सतत आर्थिक विकास तथा समान सामाजिक व क्षेत्रीय विकास के एक
नए युग का सूत्रपात करेगी। बैठक में नीति आयोग की तरफ से विश्वास दिलाया गया कि
देश की अर्थव्यवस्था को पांच ट्रिलियन करने के लिए आयोग राज्य सरकारों को पूरा सहयोग
करेगा। वहीं देश का इंपोर्ट कम करने और एक्सपोर्ट बढ़ाने की दिशा में भी नीति आयोग
ने राज्यों को विश्वास दिलाया है। राज्य की प्रति व्यक्ति आय देश के बड़े राज्यों
में सर्वाधिक इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था में हरियाणा
का महत्वपूर्ण योगदान है। राज्य की प्रति व्यक्ति आय 2 लाख 74
हजार 635 रुपये है, जो
देश के बड़े राज्यों में सर्वाधिक है। आर्थिक विकास के मानदण्डों पर भी हरियाणा
देश के अग्रणी राज्यों में शामिल है। मुख्यमंत्री ने बताया कि हरियाणा की विकास दर
वर्ष 2015-16 से 2020-21 तक लगातर 6
प्रतिशत से अधिक है। मैनुफैक्चरिंग की विकास दर 10 प्रतिशत है, जो देश में सर्वाधिक है। विश्व की 400
फॉरच्यून कंपनियों के कार्यालय हरियाणा के गुरुग्राम में स्थापित
हैं। मनोहर लाल ने कहा कि हरियाणा देश का सबसे बड़ा सॉफ्टवेयर निर्यातक राज्य है।
उद्योगों को लॉजिस्टिक सुविधा देने में देश में दूसरे तथा उत्तर भारत में पहले
स्थान पर है। हरियाणा का आधे से ज्यादा क्षेत्र NCR में आता
है। हम इस क्षेत्र में उद्योग व व्यापार को बढ़ाने के लिए इसे लॉजिस्टिक हब के रूप
में विकसित कर रहे हैं। हाल ही में जारी स्टेट ईज ऑफ डुइंग बिजनेस रैंकिंग में
हरियाणा टॉप अचीवर्स कैटेगरी में शामिल है। एम.एस.एम.ई. के क्षेत्र में उल्लेखनीय
कार्यों के लिए हरियाणा को देश में तीसरा स्थान मिला है। नीति आयोग के इनोवेशन
इंडेक्स में हरियाणा देश के 3 शीर्ष राज्यों में शुमार है। प्रदेश
में कृषि क्षेत्र में बागवानी और पशुपालन का शेयर बढ़ा बैठक के एजेंडा के बिंदुओं
का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा कृषि प्रधान राज्य है। केन्द्रीय
खाद्यान्न पूल में लगभग 15 प्रतिशत योगदान देता है, जबकि इसका क्षेत्रफल देश के कुल क्षेत्रफल का मात्र 1.34 प्रतिशत है। हमारी कृषि विकास दर लगभग 3.3 प्रतिशत
वार्षिक है। प्रदेश में उत्पादकता अत्यधिक है, जो कि प्रति
हेक्टेयर 1 लाख 57 हजार रुपये है। इससे
स्पष्ट है कि हमारे यहां किसान की आय बढ़ रही है। प्रदेश में कृषि क्षेत्र में
बागवानी और पशुपालन का शेयर बढ़ रहा है। मनोहर लाल ने कहा कि प्रदेश में नवीन
तकनीक और फसल विविधिकरण को बढ़ावा दिया जा रहा है। धान की जगह अन्य फसलें बोने पर ‘मेरा पानी-मेरी विरासत’ योजना में 7,000 रुपये प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि दी जा रही है। डी.बी.टी. के माध्यम से 74,133
किसानों के खातों में 76 करोड़ रुपये की
प्रोत्साहन राशि डाली गई है। इस योजना में पिछले दो वर्षों में 46,249 हेक्टेयर क्षेत्र का विविधिकरण हुआ। बाजरे की जगह दलहन-तिलहन की खेती पर 10,000
रुपये प्रति हेक्टेयर की प्रोत्साहन राशि दी जा रही है। मक्का में 62
हजार 500 एकड़ और दलहन में 32 हजार 500 एकड़ क्षेत्र में विविधिकरण हुआ। धान की
बिजाई (DRS) पर भी 10,000 रुपये प्रति
हेक्टेयर राशि दी जा रही है। इससे 25 से 30 प्रतिशत तक पानी की बचत हो रही है। हरियाणा में ड्रैगन फ्रूट की खेती के
लिए विशेष योजनामुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री द्वारा ड्रैगन फ्रूट की खेती को
प्रोत्साहित करने का जिक्र करते हुए कहा कि हरियाणा पहला राज्य है जिसने
प्रधानमंत्री के विजन को साकार करते हुए ड्रैगन फ्रूट के साथ-साथ खजूर की खेती को
भी बढ़ावा देने के लिए एक विशेष योजना शुरू की है। इसमें ड्रैगन फ्रूट के लिए 3
लाख रुपये प्रति हेक्टेयर की सब्सिडी प्रदान की जाती है। मनोहर लाल
ने कहा कि फलों व सब्जियों के भावों में गिरावट के समय किसानों को जोखिम से मुक्त
करने के लिए भावांतर भरपाई योजना चलाई जा रही है। इसमें 21 बागवानी
फसलों के अलावा बाजरा भी शामिल है। बाजरे पर 600 रुपये प्रति
क्विंटल भावांतर और लगभग 429 करोड़ रुपये 2 लाख 38 हजार 245 किसानों के
खातों में सीधे डाले गए हैं। बाजरे का एक भी दाना खरीदे बिना ही किसान को सही भाव
दिया है। इससे भंडारण आदि के खर्च का करदाता पर अनावश्यक बोझ नहीं पड़ा। वहीं
बागवानी किसानों को मौसम की अनिश्चितताओं के जोखिम से भी मुक्त करने के लिए ‘मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना’ शुरू की गई है।
इसमें बागवानी की 21 फसलें शामिल है। सब्जियों के लिए 75,000
रुपये और फलों के लिए 1 लाख रुपये प्रति
हेक्टेयर क्लेम राशि दी जाती है जबकि प्रीमियम मात्र 2.5 प्रतिशत
है जो सब्जियों के लिए 1875 रुपये व फलों के लिए 2500
रुपये प्रति हेक्टेयर है। 50,000 करोड़ से
अधिक की राशि किसानों के खातों में डाली गई मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पोर्टल से
किसानों को उनकी उपज के लिए 50,000 करोड़ रुपये से अधिक की
राशि डी.बी.टी. के माध्यम से उनके खातों में डाली गई। उपज का भुगतान भी 72 घंटे के भीतर न करने पर 9 प्रतिशत ब्याज दिया गया।
बीज विक्रेताओं की मनमानी रोकने के लिए उत्तम बीज पोर्टल शुरू किया गया। मशीनरी पर
सब्सिडी के लिए ई-रुपे वाउचर दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि खेती में मांग
आधारित विविधिकरण की आवश्यकता है। खेती को जितना बाजार से जोड़ा जाएगा और बाजार की
मांग के अनुसार विविधिकरण किया जाएगा, उतनी ही आय बढ़ेगी।
हरियाणा प्रतिव्यक्ति प्रतिदिन दूध उपलब्धता में देश में दूसरे स्थान पर है। किसान
क्रेडिट कार्ड की तर्ज पर ‘पशु किसान क्रेडिट कार्ड’ जारी किया जा रहा है। ‘पंडित दीनदयाल उपाध्याय पशुधन
सुरक्षा योजना’ के तहत 3 लाख 40
हजार पशुओं का बीमा किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मत्स्य पालन
में संभावनाएं काफी अधिक हैं। राज्य में 12 रिसर्कुलेटरी
एक्वा कल्चर सिस्टम व 20 बायोफलक यूनिट की स्थापना की गई है।
वर्ष 2021-22 में 2.09 लाख मीट्रिक टन
मत्स्य उत्पादन किया गया। वर्ष 2022-23 में 2.10 मीट्रिक टन उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है। वर्ष 2021-22 में 1250 एकड़ क्षेत्र में 2901 मीट्रिक टन सफेद झींगा मछली का उत्पादन किया। गोबर व कृषि अवशेषों से भी
आय के लिए बायोगैस को बढ़ावा दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार
का पूरा फोकस इस बात पर है कि प्रदेश में प्राकृतिक खेती को ज्यादा बढ़ावा दिया
जाए और किसानों को इस बारे में प्रोत्साहित किया जाए। उन्होंने कहा कि सरकार
प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं चला रही है।हम रासायनिक खेती से
प्राकृतिक खेती की ओर जा रहे हैं। प्राकृतिक खेती पोर्टल पर 2804 किसानों द्वारा पंजीकरण किया गया है। बैठक में मुख्यमंत्री आग्रह किया कि
केंद्र सरकार देश में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दे। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020
को वर्ष 2025 तक लागू करने का लक्ष्यमनोहर लाल
ने कहा कि हमने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को वर्ष 2025
तक लागू करने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए शिक्षा मंत्री की
अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया गया है। हमने हर बच्चे की शिक्षा
तक सुगम पहुंच सुनिश्चित करने, नई शिक्षा नीति के अनुरूप
शिक्षण के लिए शिक्षकों को तैयार करने और अनुकूल बुनियादी ढांचा उपलब्ध करवाने के
व्यापक प्रयास किए हैं। प्रदेश में 1 कि.मी. में प्राथमिक,
3 कि.मी. में माध्यमिक विद्यालय मौजूद है। साथ ही विद्यार्थियों के
लिए मुफ्त परिवहन सुविधा भी उपलब्ध है। शिक्षा के माध्यम के रूप में अंग्रेजी की
आवश्यकता को समझते हुए 138 राजकीय मॉडल संस्कृति वरिष्ठ
माध्यमिक विद्यालय नाम से अंग्रेजी माध्यम के तथा CBSE बोर्ड
के विद्यालयों की स्थापना की गई है। मेधावी विद्यार्थियों को मुफ्त कोचिंग हेतु
सुपर-100 कार्यक्रम चलाया जा रहा है। पिछले 2 वर्षों में इस कार्यक्रम में कोचिंग पाने वाले 80 विद्यार्थियों
को IIT’s, NIT’s में इंजीनियरिंग तथा मेडिकल कालेजों में MBBS
में दाखिला मिला है। राजकीय विद्यालयों में पढ़ने वाले
विद्यार्थियों के लिए ऑनलाइन शिक्षा का प्रबन्ध करने के 10वीं-12वीं के 5 लाख विद्यार्थियों को मुफ्त टेबलेट वितरित
कि गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऑनलाइन टीचर ट्रांसफर पॉलिसी लागू करने वाला
हरियाणा देश का पहला राज्य है। राज्य के 93% अध्यापकों को
उनका इच्छित स्कूल मिला। हरियाणा में शिक्षा के क्षेत्र में निरंतर किए जा रहे
सुधारों के परिणामस्वरूप नेशनल अचीवमेंट सर्वे-2021 में
बेहतर प्रदर्शन किया है। सर्वे 2021 के अनुसार प्रदेश के
सरकारी स्कूलों का प्रदर्शन प्राइवेट स्कूलों से बेहतर रहा है। सर्विस डिलीवरी के
लिए आई.टी. का उपयोग मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्रीकृत GIS आधारित
सम्पत्ति कर सर्वेक्षण में 42 लाख सम्पत्तियों का सर्वे किया
गया है। प्रदेश में नो ड्यूस सर्टिफिकेट के लिए एनडीसी पोर्टल शुरू किया गया है।
सम्पत्ति आई.डी. को परिवार पहचान-पत्र से जोड़ा गया है। विज्ञापन स्थलों की
ई-नीलामी के लिए ऑनलाइन पोर्टल शुरू किया गया है। 2 हजार से
अधिक कालोनियों को नियमित करने का निर्णय लिया गया है। वहीं 114 तालाबों का अमृत सरोवर योजना में जीर्णोद्धार प्रस्तावित है। सर्विस
डिलीवरी के लिए आई.टी. का उपयोग किया जा रहा है। 35 शहरों
में सर्विस प्लस प्लेटफार्म द्वारा नागरिक केन्द्रित सेवाएं उपलब्ध करवाई जा रही
हैं। नगरनिकायों के लाल डोरा में भी स्वामित्व अधिकार देने की योजना पर काम किया
जा रहा है। बैठक में केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह
मंत्री अमित शाह समेत केंद्रीय मंत्रिमंडल के तमाम सदस्य, विभिन्न
राज्यों के मुख्यमंत्री, नीति आयोग के उपाध्यक्ष एवं सदस्य
तथा केंद्र व राज्यों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।