Thursday, 10 January 2019

NT24 News : PML SD PUBLIC SCHOOL CELEBRATE LOHRI......

PML SD PUBLIC SCHOOL CELEBRATE LOHRI
National Tele24 News
Vinay Kumar
Chandigarh
Lohri was celebrated with a lot of enthusiasm and fervor by the students of “ PETALS ” (Primary wing of Pandit Mohan Lal S D Public School sector-32) kindergarten students came dressed in traditional attire. They danced around the tran fire to the tunes of traditional Lohri songs. Children also made cards to take away home – Gachak, Reveri, peanuts and pop corns were also distributed among the children.  Lohri is a festival celebrated to mark the end of peak winter and is also associated with the harvesting of Rabi crops.



NT24 News : मार्कफैड्ड ने मनाई ‘ बेटियों की लोहड़ी ’...........

मार्कफैड्ड ने मनाई बेटियों की लोहड़ी
नाटक गुलबानो की पेशकारी रही आकर्षण का केंद्र
एन टी 24 न्यूज़
विनय कुमार
चंडीगढ़
मार्कफैड्ड मुख्यालय में “ बेटियों की लोहड़ी ” को समर्पित मार्कफैड्ड मुख्यालय स्टाफ के द्वारा शानदार समागम करवाया गया, जिसकी अध्यक्षयता मार्कफैड्ड के चेयरमैन अमरजीत सिंह सम्रा ने की । लोहड़ी को अग्नि देते हुए प्रबंध निदेशक, मार्कफैड्ड वरुण रूजम ने नवजात बच्चियों को विशेष तौर पर सम्मानित किया । इस अवसर पर रूपक कला मंच की अदाकारा संगीता गुप्ता ने एक सामाजिक नाटक गुलबानोपेश किया, जिसको दर्शकों द्वारा बहुत सराहा गया। मार्कफैड्ड के कर्मचारी रजिन्दर गोरीआ और अमर सिंह द्वारा इस मौके पर पेश किये गए उचित गीत और ढोला भी खूब रहे । स अवसर पर मार्कफैड्ड के अतिरिक्त प्रबंध निदेशक (डी.), बाल मुकन्द शर्मा ने मुख्य मेहमान का स्वागत किया सुरेश गर्ग, सचिव मार्कफैड्ड ऐजुकेशनल और वैलफेयर सोसाईटी और सुभाष भास्कर ने प्रोग्राम का संचालन किया। विशेष मेहमान रजिस्ट्रार सहकारी सभाएं, पंजाब विकास गर्ग ने मार्कफैड्ड के अधिकारियों की प्रशंसा करते हुए कहा कि अच्छा लगता है जब पंजाब सरकार के विभाग अपनी व्यापारिक और प्रशासनिक जिम्मदारियों के साथ-साथ सामाजिक जिम्मदारियां भी ज़ोर -शोर से निभाते हैं । स. सम्रा ने अपने अध्यक्षीय भाषण में लोहड़ी के अवसर पर मार्कफैड्ड के इस उद्यम की प्रशंसा करते हुए कहा कि बेटियों की लोहड़ी मनाना समय की माँग है और ऐसे समागमों से समाज में लिंग अनुपात बरकरार रखने के लिए और भ्रूण -हत्या रोकने के लिए अच्छी सीख मिलती है । वरुण रूजम ने मार्कफैड्ड ऐजुकेशनल और वैलफेयर सोसाईटी का धन्यवाद करते हुए कहा कि ऐसे सामाजिक समागमों से विभाग की एकजुटता और सामाजिक जि़म्मेदारी का खुलासा करने के लिए अच्छा मौका मिलता है । उन्होंने अतिरिक्त प्रबंध निदेशक (डी.) मार्कफैड्ड श्री बाल मुकन्द शर्मा को कहा कि अधिक से अधिक अधिकारियों का सम्मिलन करवा के ऐसे सामाजिक समागम जारी रखे जाएँ । इस प्रोग्राम के दौरान स. सम्रा, विकास गर्ग और वरुण रूजम द्वारा डाला गया भंगड़ा आकर्षण का केंद्र रहा ।

NT24 News : “ओ रे नसीबा” से मोनाली ठाकुर बनीं करोड़ों भारतीय महिलाओं की बुलंद आवाज़.......

“ओ रे नसीबा”  से मोनाली ठाकुर बनीं करोड़ों भारतीय महिलाओं की बुलंद आवाज़
एन टी24 न्यूज़
विनय कुमार
चंडीगढ़
अब जब विश्वभर में महिलाएं और लड़कियां दिन-प्रतिदिन अपने ऊपर हो रहे अत्याचारों के विरुद्ध खड़ी हो रही हैं तो कई गायक और फिल्मकार इस आईडिया को अपनी कहानियों में पिरोने की कोशिश कर रहे हैं जहाँ कई कहानियों ने औरतों को आवाज़ उठाने के लिए प्रेरित किया है वहीं दूसरी ओर कई बार उन्हें अपने आत्मबल को पहचान कर अत्याचारियों के विरुद्ध खड़े होने का हौंसला मिला है एक गाना जो देश भर की महिलाओं की आवाज़ बनने को तैयार है, वह है रे नसीबा जोकि मंगलवार को रिलीज़ हुआ है । गाने को मधुर और सुरीली गायिका मोनाली ठाकुर ने गाया है जिन्होंने अपनी आवाज़ से गीत में भावनाएं ही नहीं हौसला भी भरा है । इस गाने को लिखा है संजीव चतुर्वेदी ने और कंपोज़ किया है संजीव-अजय ने ।  कृषिका लुल्ला ने इस गाने की दिल झिंझोड़ने वाली वीडियो की संकल्पना और निर्देशन किया है “ओ रे नसीबा “ की वीडियो अलग- अलग उम्र की औरतों की भावनाओं और दर्द को उजागर करती है ।  बैले, भारतीय क्लासिकल और फ्रीस्टाइल डांस के माध्यम से उनके भय और दृढ़ता को बखूबी दिखाया गया है । गाना एरोस नाओ लेबल के अंतर्गत रिलीज़ हुआ है । मोनाली ठाकुर ने गाने के बारे में बात करते हुए कहा, "जब भी मैं महिलाओं पर हो रहे किसी अत्याचार को अखबार की सुर्ख़ियों में पढ़ती हूँ, यह मुझे अंदर तक झिंझोड़  जाता है । निंदनीय है कि इसमें ज़्यादातर मामलों में गुनहगार महिला या लड़की का कोई परिजन, दोस्त या करीबी जानकार होता है । ऐसी कहानी पढ़कर आपका अपने सबसे करीबी समूह से विश्वास उठ जाता है और ज़्यादातर हम अपनी किस्मत को ही कोसते हैं । “ओ रे नसीबा “ उजागर  करता है कि हर अँधेरी  रात के बाद एक नयी सुबह है । कर्म का फल सभी को मिलता है, गलत काम करने वालो को भी । उन्हें अपने किये की सज़ा मिलती है । कभी यह काम हमारे देश का कानून करता है तो कभी ईश्वर का क़ानून।  मैं बस यही चाहती हूँ कि महिलाएं उनके ऊपर हो रहे किसी भी अत्याचार या शारीरिक प्रताड़ना के विरुद्ध ज़रूर बोलें। "कृषिका लुल्ला, रे नसीबा की निर्देशिका जिन्होंने वीडियो का संकल्पना भी की है, ने बताया, " 2012 में निर्भया मामले के बारे में पढ़कर मैं चकित रह गयी थी । फिर जैसे  विश्वभर में #टाइम्सअप और #मीटू आन्दोलनों ने गति पकड़ी, मुझे लगा कि भारतीय महिलाओं को भी अपनी आवाज़ बुलंद करनी चाहिए । हम इस गाने के माध्यम से यह सन्देश देना चाहते थे कि आदमी कितने भी जघन्य अपराध कर ले उसे सब चुकाना पड़ता है जब एक औरत को उसके आत्मबल की पहचान हो जाती है । मैं यह कहना चाहूंगी कि महिलाओं को हमेशा सतर्क रहना चाहिए और अपने सबसे विश्वसनीय लोगों पर भी नज़र रखनी चाहिए । पर एक चीज़ जो उन्हें कभी नहीं करनी चाहिए वह है खुद को ऐसे अपराधों के लिए कुसूरवार ठहराना । उन्हें  कर्म और भगवान में विश्वास करना चाहिए जोकि ऐसे  गुनहगारों को उनके किये का सही फल ज़रूर देता है ।” , “ओ रे नसीबा “ एरोस नाओ के ऑफिशियल यूट्यूब चैनल पर रिलीज़ हो गया है ।