Thursday 10 January 2019

NT24 News : “ओ रे नसीबा” से मोनाली ठाकुर बनीं करोड़ों भारतीय महिलाओं की बुलंद आवाज़.......

“ओ रे नसीबा”  से मोनाली ठाकुर बनीं करोड़ों भारतीय महिलाओं की बुलंद आवाज़
एन टी24 न्यूज़
विनय कुमार
चंडीगढ़
अब जब विश्वभर में महिलाएं और लड़कियां दिन-प्रतिदिन अपने ऊपर हो रहे अत्याचारों के विरुद्ध खड़ी हो रही हैं तो कई गायक और फिल्मकार इस आईडिया को अपनी कहानियों में पिरोने की कोशिश कर रहे हैं जहाँ कई कहानियों ने औरतों को आवाज़ उठाने के लिए प्रेरित किया है वहीं दूसरी ओर कई बार उन्हें अपने आत्मबल को पहचान कर अत्याचारियों के विरुद्ध खड़े होने का हौंसला मिला है एक गाना जो देश भर की महिलाओं की आवाज़ बनने को तैयार है, वह है रे नसीबा जोकि मंगलवार को रिलीज़ हुआ है । गाने को मधुर और सुरीली गायिका मोनाली ठाकुर ने गाया है जिन्होंने अपनी आवाज़ से गीत में भावनाएं ही नहीं हौसला भी भरा है । इस गाने को लिखा है संजीव चतुर्वेदी ने और कंपोज़ किया है संजीव-अजय ने ।  कृषिका लुल्ला ने इस गाने की दिल झिंझोड़ने वाली वीडियो की संकल्पना और निर्देशन किया है “ओ रे नसीबा “ की वीडियो अलग- अलग उम्र की औरतों की भावनाओं और दर्द को उजागर करती है ।  बैले, भारतीय क्लासिकल और फ्रीस्टाइल डांस के माध्यम से उनके भय और दृढ़ता को बखूबी दिखाया गया है । गाना एरोस नाओ लेबल के अंतर्गत रिलीज़ हुआ है । मोनाली ठाकुर ने गाने के बारे में बात करते हुए कहा, "जब भी मैं महिलाओं पर हो रहे किसी अत्याचार को अखबार की सुर्ख़ियों में पढ़ती हूँ, यह मुझे अंदर तक झिंझोड़  जाता है । निंदनीय है कि इसमें ज़्यादातर मामलों में गुनहगार महिला या लड़की का कोई परिजन, दोस्त या करीबी जानकार होता है । ऐसी कहानी पढ़कर आपका अपने सबसे करीबी समूह से विश्वास उठ जाता है और ज़्यादातर हम अपनी किस्मत को ही कोसते हैं । “ओ रे नसीबा “ उजागर  करता है कि हर अँधेरी  रात के बाद एक नयी सुबह है । कर्म का फल सभी को मिलता है, गलत काम करने वालो को भी । उन्हें अपने किये की सज़ा मिलती है । कभी यह काम हमारे देश का कानून करता है तो कभी ईश्वर का क़ानून।  मैं बस यही चाहती हूँ कि महिलाएं उनके ऊपर हो रहे किसी भी अत्याचार या शारीरिक प्रताड़ना के विरुद्ध ज़रूर बोलें। "कृषिका लुल्ला, रे नसीबा की निर्देशिका जिन्होंने वीडियो का संकल्पना भी की है, ने बताया, " 2012 में निर्भया मामले के बारे में पढ़कर मैं चकित रह गयी थी । फिर जैसे  विश्वभर में #टाइम्सअप और #मीटू आन्दोलनों ने गति पकड़ी, मुझे लगा कि भारतीय महिलाओं को भी अपनी आवाज़ बुलंद करनी चाहिए । हम इस गाने के माध्यम से यह सन्देश देना चाहते थे कि आदमी कितने भी जघन्य अपराध कर ले उसे सब चुकाना पड़ता है जब एक औरत को उसके आत्मबल की पहचान हो जाती है । मैं यह कहना चाहूंगी कि महिलाओं को हमेशा सतर्क रहना चाहिए और अपने सबसे विश्वसनीय लोगों पर भी नज़र रखनी चाहिए । पर एक चीज़ जो उन्हें कभी नहीं करनी चाहिए वह है खुद को ऐसे अपराधों के लिए कुसूरवार ठहराना । उन्हें  कर्म और भगवान में विश्वास करना चाहिए जोकि ऐसे  गुनहगारों को उनके किये का सही फल ज़रूर देता है ।” , “ओ रे नसीबा “ एरोस नाओ के ऑफिशियल यूट्यूब चैनल पर रिलीज़ हो गया है ।  

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