क्रैचों को आंगनवाड़ी में मर्ज कर क्रेच कर्मियों का वेतन किया आधा
क्रेच कर्मी 18
मार्च तक बाल भवन में रहेगें भूख हड़ताल पर
विनय कुमार
चण्डीगढ़
क्रैचों को आंगनवाड़ी में मर्ज कर
क्रैच कर्मियों का वेतन घटाकर आधा करने,
उस पर भी वेतन का भुगतान न करने तथा मिल
रहे वेतन को प्रोटेक्ट करने व बाल सेविकाओं व सहायिकाओं को अन्य कर्मिचारियों की
तर्ज पर सरकारी व अर्द्ध सरकारी विभागों में समाहित करने की माँग के चलते 11 मार्च
2024 को
10:00 बजे
से बाल भवन सेक्टर 23 के
सामने भूख हड़ताल शुरू कर दी है। आज भूख हड़ताल में शांति पॉल, राज
कुमारी, अर्चना शर्मा , प्रीती
गुप्ता व सुचिता भाग लिया। इससे पहले 7 मार्च
को महिला दिवस को शोषण विरोधी दिवस के तौर पर मनाया गया। फैड़रेशन ऑफ यूटी इम्पलाईज
क़े सचिव बिहारी लाल फैडरेशन की उप-प्रधान व कामकाजी महिला समिति की प्रधान रेखा
शर्मा अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ की कार्यकारणी मेंबर रेखा गोरा, वाटर
सप्लाई के प्रधान हरपाल सिंह भी वहां उपस्थित थे । इस मौके पर रैली को संबोधित
करते हुए वक्ताओं ने इस बात पर चिंता जताई कि केन्द्र सरकार की नीतियों की बात
करके चण्डीगढ़ प्रशासन ने 1962
से भारतीय बाल-कल्याण परिषद के अधीन चल रहे
क्रैचों को आँगनवाड़ी में मर्ज कर यूटी कर्मियों के बराबर पूर्णकालिक काम कर रहे
वेतनमान तथा डी सी रेट ले रहे कर्मियों का वेतन आधे से भी ज्यादा घटाकर उनको
आँगनवाड़ी कार्यकर्त्ताओं के बराबर मानदेय में लाकर खड़ा कर दिया। कर्मचारियों का
वेतन मनमर्जी तथा कर्मचारियों से कोई भी कन्सैंट लिये बिना वेतन को घटा दिया गया।
सभी क्रैचों में आंगनवाडी के बोर्ड लगाये गये। काउन्सिल की करोड़ों रूपये की
प्रोपर्टी समाज कल्याण विभाग के हवाले कर दी गई तथा फिक्स व बचत खाते में पड़े 8 करोड़
से अधिक पैसों को भी इधर-उधर करने की कोशिश की जा रही है तथा क्रैच कर्मियों को
घटाया गया। जनवरी महिने का वेतन भी अभी तक नहीं दिया गया। फैड़रेशन की मीटिंग में
इस बात पर भी रोष व्यक्त किया गया कि भारत सरकार की नीतियों की आड़ लेकर कर्मचारियों
का वेतन घटाकर आधे से भी कम करना कौन सी नीति है। क्रैच कर्मचारी लगातार उन्हें
अन्य विभागों में भेजने व वेतन बरकरार रखने की माँगों को लेकर संघर्ष व रैलियाँ
तथा प्रर्दशन कर रहे हैं तथा प्रशासक महोदय,
प्रशासक के नवनियुक्त सलाहकार गृहसचिव तथ
सचिव समाज कल्याण विभाग व निदेशक समाज कल्याण विभाग को दर्जनों ज्ञापन दिये गये
लेकिन कर्मचारियों की समस्या हल करने की बजाय सम्बन्धित अधिकारी प्रशासक महोदय व
प्रशासक के सलाहकार को भी गलत तथ्य पेशकर समस्या को और पेचीदा कर रहे हैं। इसलिए
फैड़रेशन अब इस मुद्दे पर आर पर की लड़ाई करने को तैयार है। माँगो पर प्रशासन का
रवैया नकारात्मक बना है 7
मार्च को महिला शोषण विरोधी दिवस मनाया व 18 मार्च
को सभी विभागों में हड़ताल करने तथा गर्वनर हाऊस तक मार्च करने का ऐलान किया जाएगा।
जिसका सभी सबंधित अधिकारियों को नोटिस भेज दिया है तथा सभी विभागों में मीटिंगों
का दौर शुरू कर दिया है।
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