Saturday, 18 August 2018

रचनात्मक लेखन है जीवन का एक तरीका : सुदिति जिंदल


ब्रिटिश काउंसिल लाइब्रेरी में किया क्रिएटिव राइटिंग क्लास का संचालन , सुदिति जिंदल ने कहारचनात्मक लेखन जीवन का एक तरीका है

एन टी 24 न्यूज़
चंडीगढ़
शहर में रचनात्मक लेखन को बढ़ावा देने वाली फिलायरा ट्रेनिंग एंड कंसल्टेंसी की संस्थापक सुदिति जिंदल ने कहा कि रचनात्मक लेखन जीवन का एक तरीका है और ये लेखकों का कोई एक्सक्लूसिव विशेषाधिकार नहीं है। जिसके पास भी ऐसी प्रतिभा हैवह रचनात्मक लेखन कर सकता है । सुदिति जिंदल जो यूके और दुबई से प्रकाशित एशियन लाइट पत्रिका की फीचर एडीटर हैं और दो उपन्यासों की लेखिका हैंने आज यहां ब्रिटिश काउंसिल लाइब्रेरी में क्रिएटिव राइटिंग पर मास्टर-क्लास का आयोजन किया । नई दिल्ली स्थित प्रसिद्ध पत्रकार और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेस्ट सेलिंग लेखिका सुश्री कोटा  नीलिमा ने भी उत्साही श्रोताओं के साथ अपनी रचनात्मक यात्रा के अनुभव साझा किए ।
     सुदिति जिंदल ने बताया कि इस वर्कशॉप में करीब (50) महत्वाकांक्षी लेखकों ने भाग लिया जिसमें प्रतिभागियों को निजी तौर पर रचनात्मक लेखन का अनुभव मिला। सुदिति काफी समय से क्रिएटिव लेखन से जुड़ी हैं । सुदितिजो कि ग्रो अप मून (2012), और द एडल्ट्रेस (2016) जैसे दो चर्चित उपन्यास लिख चुकी हैंने हाल ही में यूके में डरहम यूनिवर्सिटी से क्रिएटिव राइटिंग में मास्टर्स डिग्री को पूरा किया है । उनका कहना है कि कोई भी लेखन कौशल विकसित कर सकता है जिसके लिए अन्य लेखकों के काम की व्यापक पढ़ाई की आवश्यकता होती हैऔर किसी को भी अपने लेखन में "सुनानेमें विशेषज्ञ बनने की बजाए दृश्यों को "दिखानेमें विशेषज्ञ बनने की सलाह दी जाती है । कई कहानियों और कई तथ्यात्मक लेखन के लिए जानी जाती लेखिका के रूप मेंकोटा नीलिमा ने प्रतिभागियों को सलाह दी कि कैसे एक पुस्तक में विचार विकसित होते हैं। उन्होंने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेसइंडिया द्वारा प्रकाशित "विडोज ऑफ विदर्भमेकिंग ऑफ शेडोज़में अपने नवीनतम काम के बारे में विस्तार से बताया ।
     उभरते लेखक जाने माने एवं प्रसिद्ध लेखकों से भी रचनात्मक प्रेरणा प्राप्त कर सकते हैं और वे उनकी रचनाओं को पढ़ कर सीख सकते हैं कि उन्होंने कैसे सफल लेखन किया ।

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