राष्ट्रीय अखंडता पर काव्य गोष्ठी आज
नेशनल टेली 24 न्यूज़
चंडीगढ़
आचार्यकुल (रजि.) की ओर से उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र पटियाला के
सहयोग से प्रख्यात लोकनायक जयप्रकाश नारायण की जयन्ती के उपलक्ष्य पर राष्ट्रीय
अखंडता विषय पर काव्य गोष्ठी का आयोजन गांधी स्मारक भवन सैक्टर 16 के सभागार में किया गया। गोष्ठी के मुख्य अतिथि
प्रसिद्व शायर अशोक भण्डारी नादिर जब कि अध्यक्षता के के शारदा अध्यक्ष गांधी
स्मारक निधि ने की। समारोह मे आये अतिथियों का स्वागत देवराज त्यागी और धन्यवाद
प्रेम विज ने किया। अशोक भण्डारी नादिर ने नशा की बुराई का जिक्र करते हुए कहा कि
कौम की जमी पे दाग है यह कम्बख्त नशा। उन के घर तत्यार है गैरो के पास जाने
को........चमन शर्मा चमन ने गजल पेश करते हुए कहा‘ किसे मिली
आजादी।पे्रम विज ने गीत पेश करते हुए कहा हम एक है एक रहेगें चाहे जिस भाषा में
बोलें हर भाषा में यही कहेंगें। प्रज्ञा शारदा ने परिवार की परिभाषा देते कहा जीवन
की भागा-भागी में दुनिया की आपा-धापी में इस वक्त की दौडा-दौडी में उम्र कब गुजर
गई कब मै सबसे बिछड़ गई आँख खुली तब पता चला । दलजीत कौर ने कविता पढ़ते हुए कहा कि
देश पर मरने वालों का रंग निराला होता है ।
दीपक शर्मा चनारथल ने पंजाबी में कविता मैं देश भगत हों पेश की जब शशि
प्रभा ने कविता में कहा मेरा वतन मेरी जान मेरी यही जहान । इनके अलावा गुरदीप कौर
गुल ललिता पुरी निम्मी
बशिष्ठ आर के भगत विमला
गुगलानी विनोद खन्ना पापिया
चक्रवर्ती पीति गोयल शीला गहलोत कश्मीर कौर संधू ने
कविताऐं पेश की । लोक समिति के सचिव देवराज त्यागी ने प्रख्यात लोकनायक जयप्रकाश
नारायण के जीवन के बारे में बताया िकवे गांधी जी के
सच्चे भगत थें उनके सामने डाकुओं ने आत्मसमर्पण भी किया था। अन्तिम समय में वे पी
जी आई चण्डीगढ में भी नजर बन्द रहे ।
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