Friday 3 January 2020

NT24 News : छात्रों को जेईई मेन्स और एडवांस्ड की फ्री कोचिंग देने का उद्देश्य : निशांत पोरवाल........

छात्रों को जेईई मेन्स और एडवांस्ड की फ्री कोचिंग देने का उद्देश्य : निशांत पोरवाल
एनर जेईई अकैडमी की सकारात्मक पहल, गरीब बच्चों को मिलेगी फ्री कोचिंग
ट्राईसिटी को कोटा के तर्ज में क्वालिटी एजुकेशन हब बनाने का उद्देश्य: निशांत पोरवाल
एन टी 24 न्यूज़
विनय कुमार शर्मा
चंडीगढ़
इंजीनियरिंग व मेडिकल करने की इच्छा रखने वाले चंडीगढ़ के छात्रों को नि:शुल्क शिक्षा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से एनर जेईई एडूवेंचर ने चंडीगढ़ प्रेस क्लब में प्रेस वार्ता का आयोजन किया। पहली बार चंडीगढ़ में यह कदम उठाया जा रहा है,  जिसके तहत बाहरवीं और बाहरवीं उत्तीर्ण कर चुके छात्रों को पढ़ाई की तकनीक और कामकाजी ज्ञान के साथ-साथ स्ट्रेस मैनेजमेंट भी सिखाया जाएगा। इसकी घोषणा के लिए के एनर जेईई के संस्थापक निशांत पोरवाल ने प्रेस क्लब में मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि वह देश के एजुकेशन सिस्टम को बेहतर और छात्रों के लिए अच्छी शिक्षा मुहैया कराने का लक्ष्य रखते हैं। गौरतलब है कि एनर जेईई कोचिंग संस्थान 2014 से कोटा में इंजीनियरिंग व मेडिकल की प्रिपरेशन करने वाले छात्रों को अपनी उमंदा क्वालिटी की एजुकेशन उपलब्ध कराता आ रहा हैं। वहीं अन्य राज्यों के गरीब छात्रों के लिए एनर जेईई स्मार्ट लर्निंग की तकनीक स्मार्ट माईक्रो कोचिंग की नई पहल चंडीगढ़ और पंचकुला में करने जा रहा है। जिसके लिए 120  छात्रों का चयन किया जाएगा। छात्रों का चयन एंट्रेंस टेस्ट के आधार पर किया जाएगा। चंडीगढ़ के पंचकुला से इसकी शुरुवात होगी और बाद में इस प्रोग्राम का विस्तार  देश के अन्य राज्यों में भी किया जाएगा। इस मौके पर एनर जेईई इंस्टिट्यूट के संस्थापक निशांत पोरवाल ने कहा कि हमने छात्रों के लिए पढ़ाई के साथ-साथ डाउट क्लीयरिंग के लिए एनर जेईई नाम की एप्प भी लॉन्च कि है जिसके जरिये स्टूडेंट्स कभी भी हमारे फैकेल्टी से अपने डाउटस को क्लियर कर सकते हैं। इस मौके पर मौजूद इनर जेईई पंचकुला के डायरेक्टर निखिल अग्रवाल ने कहा कि पंचकुला में यह इंस्टिट्यूट खोलने का मुख्य उद्देश्य आस-पास के चारों राज्य; हरयाणा, पंजाब, हिमाचल व चंडीगढ़ के छात्रों को बेटर क्वालिटी एजुकेशन मुहैया कराना है। निशांत पोरवाल ने कहा कि अक्सर मेहनती और पढ़ाई में अव्वल रहने के बाबजूद विद्यार्थी प्रतियोगी परीक्षाओं में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाते हैं। उन्होंने कहा इसके पीछे सबसे बड़ा कारण सुविधाओं का आभाव और समय की कमी ही माना जा सकता है। इसी कमी को दूर करने के लिए हमने स्मार्ट माइक्रो कोचिंग कार्यक्रम की शुरूआत की है जो कि साधारण कोचिंग के प्रोग्राम से बिलकुल अलग है और दस गुना इफेक्टिव है । जिससे छात्रों को स्ट्रेस से छुटकारा मिलेगा और वे ज्यादा से ज्यादा समय प्रैक्टिस में लगा पायेगे।

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