विश्वविद्यालयों को चाहिए कि वे अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त विश्वस्तरीय विश्वविद्यालयों से एम.ओ.यू साइन कर नए शोध व अनुसंधान करें: राज्यपाल
एन टी 24 न्यूज़
विनय कुमार शर्मा
चण्डीगढ़
हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय
ने कहा कि विश्वविद्यालयों को चाहिए कि वे अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त
विश्वस्तरीय विश्वविद्यालयों से एम.ओ.यू साइन कर नए शोध व अनुसंधान कार्यों से
विद्यार्थियों को अवगत करवाएं तथा यह भी सुनिश्चित करें कि शोध कार्यों का प्रयोग
मानव व समाज कल्याण के लिए हो। दत्तात्रेय मंगलवार को यहाँ डा. बी.आर. अम्बेडकर
राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय में आयोजित डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन शैक्षणिक भवन
के उद्घाटन कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि
प्रदेश का यह एकमात्र विधि विश्वविद्यालय प्रधानमंत्री की आत्मनिर्भरता वाली सोच
को आगे बढ़ाने के लिए पूर्ण रूप से प्रयासरत है। उन्होने विश्वविद्यालय को नया भवन
मिलने पर बधाई एवं शुभकामनाएँ दी। 30
करोड़ की लागत से बना यह भवन सभी सविधाओं से
सुसज्जित है। उन्होंने कहा कि इस विश्वविद्यालय का नाम बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर
के नाम पर होना गर्व की बात है। बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर का जन्म बहुत ही गरीब
परिवार में हुआ था। गरीब स्थिति होने के बावजूद भी उन्होंने अपनी पढ़ाई नहीं छोड़ी
और अपनी मेहनत और लगन से अनुसंधान में कई विषयों में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त
की। राज्यपाल
बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में नई
राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू की है। यह हमारा दायित्व है कि इस राष्ट्रीय शिक्षा
नीति को लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं। उन्होंने कहा कि उन्हें पूरा
विश्वास है डॉ बी.आर. अंबेडकर राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय अग्रणी भूमिका
निभाएगा। अपने सम्बोधन में उन्होंने शिक्षकों का आहवान करते हुए कहा कि आज शिक्षा
में नैतिक मूल्यों को बढ़ावा देने की आवश्यकता है। शिक्षा में नैतिक मूल्यों को
शामिल करते हैं तो छात्र भविष्य के अच्छे नागरिक बन सकते हैं। उन्होंने
प्रधानमंत्री जी के नारे ‘‘स्किल
इण्डिया’’ को
बढ़ावा देने की बात भी कही।
शिक्षा में शोध की जरूरत पर प्रकाश
डालते हुए कहा कि विश्वविद्यालयों को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों के
साथ समन्वय स्थापित कर उच्च स्तर के शोध करने के लिए छात्रों को तैयार करना चाहिए जिससे
शिक्षकों की भी गुणवत्ता में सुधार आयेगा। कार्यक्रम की
अध्यक्षता कुलपति प्रो. विनय कपूर मेहरा ने की। उन्होंने विश्वविद्यालय की
गतिविधियों व उपलब्धियों पर भी प्रकाश डाला तथा आश्वासन दिया कि विश्वविद्यालय
राष्ट्रीय शिक्षा नीति को पूरी लागू करने में कोई कसर नहीं छोडेगा। प्रो
विनय कपूर मेहरा ने कहा कि आज हमारे लिए अत्यंत गर्व व हर्ष का अवसर है। उन्होंने
कहा कि विश्वविद्यालय ने अंबेडकर विश्वविद्यालय महू के साथ अनुबंध किया है, जिससे
दोनों विश्वविद्यालय
के शिक्षार्थी एवं शोधार्थी लाभान्वित
होंगे। उन्होंने कहा कि डा0
अम्बेडकर की जन्म स्थली महु से लाई गई
मिट्टी में पौधारोपण किया,
जिससे प्रेरणादायी संदेश मिलेगा। प्रो
मेहरा ने कहा कि दो वर्षों में पांच संस्थाओं के साथ एमओयू किया है। भविष्य में हम
राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय एवं संस्थाओं के साथ ओर एमओयू करेंगे।
जिससे विश्वविद्यालय विधि शिक्षा और अनुसंधान के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित
होगा। कार्यक्रम का शुभारंभ राज्यपाल द्वारा दीप प्रज्वलित कर एवं विश्वविद्यालय
के कुलगीत से किया गया। कुलपति प्रो विनय कपूर मेहरा ने कुलाधिपति बंडारू
दत्तात्रेय का पुष्पगुच्छ एवं शॉल देकर स्वागत किया। कुलसचिव
डॉ अमित कुमार ने राज्यपाल/कुलाधिपति एवं कार्यक्रम में उपस्थित सभी लोगों का आभार
प्रकट किया। इस अवसर पर बागवानी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ समर सिंह, मुरथल
विश्वविद्यालय से कुलसचिव डॉ सुरेश,
उपायुक्त सोनीपत ललित सिवाच, एसपी
सोनीपत जश्नदीप रंधावा,
प्रांत प्रचारक विजय, डॉ
अरुण मेहरा उपाध्यक्ष,
पंचनद शोध संस्थान, डॉ
पूरनमल गौड़ आदि शामिल थे।
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