रेगुलर मेडिकल फॉलो अप से दूसरे कार्डियक अरेस्ट को 45% तक रोकने में मदद मिल सकती है: डॉ. आर.के जसवाल
एन टी 24 न्यूज़
विनय कुमार शर्मा
चंडीगढ़
एक रोगी की भलाई के लिए रेगुलर मेडिकल फॉलो अप और किसी भी तरह की हृदय प्रक्रिया से गुजरने के बाद एक स्वस्थ जीवन शैली को बनाए रखना नितांत आवश्यक है। इसके अलावा, रोगियों और उनके परिवार के सदस्यों को देखभाल और फॉलो अप तकनीकों के बारे में अच्छी तरह से मालूम होना चाहिए जो कार्डियक अरेस्ट को रोकने में मदद कर सकते हैं। कार्डियो-वैस्कुलर हेल्थ को कैसे बनाए रखा जाए, इस बारे में आम जनता को जागरूक करने के लिए फोर्टिस अस्पताल, मोहाली के हेड ऑफ डिपार्टमेंट और डायरेक्टर कार्डियोलॉजी तथा कैथलैब्स के डायरेक्टर डॉ आरके जसवाल ने रविवार को यहां होटल नोवोटेल में पूरे उत्तर भारत से परक्यूटेनियस कोरोनरी एंजियोग्राफी (पीटीसीए) / स्टेंटिंग से गुजरने वाले कई रोगियों के लिए दिल के दौरे को रोकने के तरीकों पर एक पब्लिक हेल्थ अवेयरनेस प्रोग्राम का आयोजन किया। डॉ जसवाल द्वारा आयोजित पेशेंट एडुकेशनपर यह सातवां ऐसा प्रोग्राम है जिसमें आम जनता को 'पोस्ट पीटीसीए आफ्टर केयर' के तहत टिप्स दिए जाते हैंl कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए, डॉ जसवाल ने कहा,"चिकित्सा जांच ने स्थापित किया है कि यदि कोई रोगी, जो पर्क्यूटेनियस कोरोनरी एंजियोग्राफी (पीटीसीए) से गुजर चुका है, प्रॉपर मेडिकल फॉलो अप का सख्ती से पालन करता है और एक स्वस्थ जीवन शैली बनाए रखता है, तो उसके होने की संभावना / उसे दूसरा दिल का दौरा पड़ने या अचानक हृदय गति रुकने से 45% की कमी हो जाती है।एक लंबे, स्वस्थ जीवन के लिए हृदय प्रक्रिया से गुजरने के बाद एक स्वस्थ जीवन शैली बनाए रखना आवश्यक है।" इस मौके पर रोगियों को उन्नत उपचार विकल्पों के बारे में भी बताया गया, जो अब दुनिया भर के प्रमुख अस्पतालों में उपलब्ध हैं, जो जटिलताओं को काफी कम करते हैं और दीर्घकालिक रोगी परिणामों में सुधार करते हैं। डॉ जसवाल ने आगे कहा कि "फोर्टिस हॉस्पिटल मोहाली, जो कार्डिएक साइंसेज के लिए उत्कृष्टता का केंद्र है, पिछले 10 वर्षों से 24x7 सबसे उन्नत और नवीनतम तकनीक प्रदान करता है जैसे रोटेब्लेशन, फ्रैक्शनल फ्लो रिजर्व (एफएफआर), ऑप्टिकल कोहेरेंस टोमोग्राफी (ओसीटी), इंट्रावास्कुलर अल्ट्रासाउंड (आईवीयूएस), इम्पेला इत्यादि उपलब्ध हैं
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