पंजाब में राजनीतिक और पुलिस की गुंडागर्दी के खिलाफ बड़े संघर्ष की राह पर केबल ऑपरेटर्स ,आंदोलन शुरू
खंभों पर तार लगाने की इजाज़त नही , हमारे तार काटकर अवैध कनेक्शन जोड़ने का सिलसिला जारी , हाई कोर्ट के आदेश भी किये जा रहे अनदेखे
विनय कुमार
चंडीगढ़
20 साल पुरानी पंजाब केबल ऑपरेटर्स एसोसिएशन
पंजाब के पदाधिकारियों की उपस्थिति में अध्यक्ष संजीत
सिंह गिल ने बताया कि पंजाब में पिछले डेढ़ साल से सता परिवर्तन के बाद हमारे
जुल्म का इतिहास शुरू हो गया है। कभी कोई
केबल कंपनी आकर हमें धमकाती है और हमारी केबल छीनने की कोशिश करती है, तो कभी कोई और। अब हिंदुजा की नेक्स्ट केबल ने सरकार के संरक्षण में पंजाब
में कारोबार शुरू किया, जिसका उद्देश्य हमारे व्यवसाय को
हड़पना है ।इस चालाक और सोची-समझी साजिश के तहत सरकार ने हमारे व्यवसायों पर अवैध
कब्जे वाले स्वामित्व को लागू करना शुरू कर दिया है। उसके बाद सरकार और कंपनी की
मिलीभगत से अमृतसर में एक साजिश की शुरुआत हुई, जहां केबल
ऑपरेटरों को अपने बाथ जबरी जोड़ने के लिए धमकियां दी गई और झूठे मामले दर्ज किए
गए। जब हमारी सिग्नलिंग फास्टवे कंपनी ने इस गुंडागर्दी और गैरकानूनी कार्रवाई के
खिलाफ माननीय उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया गया और माननीय न्यायालय ने जिला
पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिया और कहा कि आरोपियों के खिलाफ उचित कानूनी
कार्रवाई की जानी चाहिए। पुलिस ने कोर्ट के निर्देशों के खिलाफ अज्ञात लोगों के
खिलाफ पर्चा तो दर्ज कर लिया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की। अमृतसर
के बाद उन्होंने पटियाला व फतेहगढ़ में भी हमारे केबल ऑपरेटरों को परेशान करना शुरू
कर दिया। यहां तक कि सनौर के विधायक हरमीत सिंह पठानमाजरा ने भी केबल ऑपरेटरों को
फोन कर कहा कि या तो आप हमारे साथ आ जाओ या परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहो। मोहाली में भी कमोवेश पुलिस कंबल ऑपरेटरों के लिए सबसे बड़ी समस्या बनी
हुई है। जगह-जगह तार काटे जा रहे हैं, अगर हमारा कर्मचारी
तार जोड़ने जाता है तो पुलिस पीसीआर आ जाती है और कर्मचारियों को काम करने से रोक
देती है। यह सिलसिला पंजाब के अन्य स्थानों पर भी शुरू
हुआ क्योंकि विधायकों और सीएम के ओएसडी राजवीर ने हमारे ऑपरेटरों को फोन करना शुरू
कर दिया कि हिंदुजा केबल ला रहा है, सीधे काम करना है या
दूसरे अन्य तरीके अपनाये जाएं। वो कह रहे हैं, या तो हमारे
साथ काम करो या परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहो। यहां
तक कि कोर्ट से भी डीजीपी को निर्देश मिले, जिस पर डीजीपी ने
हल्फनामा दायर कर कहा कि हम कानून के मुताबिक काम कर रहे हैं और भविष्य में ऐसी
घटनाओं को रोकने के लिए प्रतिबद्ध रहेंगे। हम अगली बैठक में संघर्ष की अगली रणनीति
बनाएंगे। जरूरत पड़ी तो हम अपने बच्चों को लेकर भूख हड़ताल पर बैठेंगे, उन्हें जबरदस्ती हमारी रोजी-रोटी नहीं छीनने देंगे। हम आने वाले समय में
अपने रोजगार और बच्चों के भविष्य को बचाने के लिए जो भी करना होगा वह करेंगे। हम
यहां यह भी कहना चाहते हैं कि कोई भी केबल ऑपरेटर किसी के भी साथ काम करने के लिए
स्वतन्त्र है। हां, अगर कोई स्वस्थ प्रतिस्पर्धा करना चाहता
है तो कर सकता है. हम पहले से ही एयरटेल, डीटीएच, टाटास्काई, बीएसएनएल और रिलायंस के साथ मुकाबला कर
रहे हैं। लेकिन हम अवैध तौर पर काम करने वालों को हमारी नौकरियां छीनने की इजाजत
नहीं देंगे, भले ही हमें ऐसा करने के लिए कोई कदम नहीं उठाना
पड़े।
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