भाजपा ने मेयर का चुनाव न कराकर लोकतंत्र की हत्या की: डॉ. एसएस आहलूवालिया
इंडिया अलायंस की जीत से डरकर भाग गई बीजेपी: एच.एस. लक्की
चंडीगढ़
चंडीगढ़ नगर निगम के लिए 18 जनवरी को स्थगित हुए मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी
मेयर के चुनाव को लेकर आज आम आदमी पार्टी (आप) और कांग्रेस द्वारा इंडिया अलायंस
के तहत संयुक्त रूप से एक प्रेस कांफ्रेंस की गई। इस कांफ्रेंस में पंजाब जल
आपूर्ति एवं सीवरेज बोर्ड के चेयरमैन एवं सह-प्रभारी आप चंडीगढ़ डॉ. एसएस
आहलूवालिया, चंडीगढ़ कांग्रेस अध्यक्ष एच.एस. लक्की, आप पार्षद दमनप्रीत सिंह और कांग्रेस पार्षद गुरबख्श रावत मौजूद रहे। डॉ.
एसएस आहलूवालिया ने इस अवसर पर विस्तार से
बोलते हुए कहा कि भाजपा पिछले कई दिनों से चंडीगढ़ शहर में लोकतंत्र की हत्या कर
रही है। उन्होंने कहा कि बीजेपी ने अपनी हार के डर से चंडीगढ़ नगर निगम के लिए 18 जनवरी को होने वाले मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर और
डिप्टी मेयर के चुनाव को जानबूझकर टाल दिया है। उन्होंने कहा कि बीजेपी को पहले से
ही डर था कि अगर आप और कांग्रेस मिलकर चुनाव लड़ेंगे तो बीजेपी को सत्ता से बाहर
होना पड़ेगा। इसके चलते बीजेपी पहले दिन से ही चुनाव को आगे बढ़ाने में लगी हुई
थी। उन्होंने कहा कि 10 जनवरी को चंडीगढ़ के डीसी मेयर,
सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव के लिए अधिसूचना जारी
करते हैं। इसके बाद आप, कांग्रेस और बीजेपी उम्मीदवारों ने
नामांकन पत्र दाखिल किया। 14 जनवरी को आप और कांग्रेस ने
मिलकर यह चुनाव लड़ने का फैसला किया, जो बीजेपी को हजम नहीं
हुआ। इसके बाद 15 जनवरी को आप के सीनियर डिप्टी मेयर और
डिप्टी मेयर प्रत्याशी और कांग्रेस के मेयर प्रत्याशी अपना नामांकन पत्र वापस लेने
के लिए नगर निगम के सचिव के कार्यालय गए, लेकिन उस समय नगर
निगम के सचिव अपने कार्यालय से जानबूझकर अनुपस्थित रहे। इसके बाद उनसे फोन पर
बातचीत हुई, जिसमें उन्होंने कहा कि नामांकन पत्र वापस लेने
के लिए मेरे स्टाफ को पत्र दे दीजिए। उसके बाद हम ने सभी पत्र उनके स्टाफ को दे
दिए और हमें एक रजिस्ट्रेशन नंबर जारी कर दिया जाता है। लेकिन इसके साथ ही बीजेपी
की ओर से बयान आने लगे कि ये नामांकन पत्र वापस नहीं लिये जा सकते, नगर निगम के सचिव वहां मौजूद नहीं थे। इसके चलते हम अगले दिन फिर नामांकन
पत्र वापस लेने नगर निगम कार्यालय गये, तभी बीजेपी नेता
चंडीगढ़ पुलिस के साथ वहां पहुंच गए और कांग्रेस के मेयर पद के उम्मीदवार जसवीर
सिंह बंटी को जबरन वहां से ले जाने की कोशिश की। तभी जसवीर सिंह बंटी को पुलिस ने
जबरन हिरासत में ले लिया और उसके घर में बंद कर दिया। उन्होंने आगे कहा कि बीजेपी
यहीं नहीं रुकी, इसके बाद नगर निगम के सचिव को बीमारी का
बहाना बनाकर छुट्टी पर भेज दिया गया। उनके स्थान पर नियुक्त नये अधिकारी ने आज तक
कभी हमारा फोन नहीं उठाया। उन्होंने कहा कि इसके बाद हमने माननीय पंजाब एवं
हरियाणा उच्च न्यायालय से अपील की कि नगर निगम चुनाव में हस्तक्षेप कर लोकतंत्र को
बचाया जाए और नगर निगम चुनाव साफ़-सुथरे ढंग से कराए जाएं। उन्होंने आगे कहा कि हद
तो तब हो गई जब चुनाव के दिन 18 जनवरी को पीठासीन अधिकारी को
बीमारी का बहाना बनाकर अस्पताल में भर्ती कराया गया और बीजेपी ने हार से बचने के
लिए चुनाव स्थगित करवा दिया। इस मौके पर चंडीगढ़ कांग्रेस अध्यक्ष एच.एस. लक्की ने
कहा कि 18 जनवरी 2024 को चंडीगढ़ नगर
निगम के इतिहास में काले दिन के रूप में जाना जाएगा। उन्होंने कहा कि 18 जनवरी को चुनाव के दिन बीजेपी ने हमारे पार्षद जसवीर सिंह बंटी को
चंडीगढ़ पुलिस की मदद से नगर निगम के गेट से उठाने की कोशिश की, लेकिन हमारे साथियों ने उसे नाकाम कर दिया। उन्होंने कहा कि भाजपा द्वारा
प्रशासनिक अधिकारियों को बीमार करने से लेकर पार्षदों को जबरन उठाने तक का प्रयास
किया गया है। उन्होंने कहा कि बीजेपी अपनी हार को देखते हुए ये सब कर रही है।
हार-जीत लोकतंत्र का हिस्सा है, बीजेपी को अपनी हार स्वीकार
करनी चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि पिछले आठ सालों में चंडीगढ़ नगर निगम को बीजेपी
ने पूरी तरह से फेल कर दिया है। चंडीगढ़ शहर को भाजपा ने बर्बाद कर दिया है।
उन्होंने कहा कि हम चंडीगढ़ शहर को विकास की ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए इंडिया
एलायंस के तहत एक साथ आए हैं, जो बीजेपी को स्वीकार्य नहीं
है। इस मौके पर उन्होंने चंडीगढ़ के प्रशासक से भी हस्तक्षेप कर नगर निगम का चुनाव
साफ़-सुथरे ढंग से कराने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि 6
फरवरी को दोबारा चुनाव की तिथि तय की गयी है, जो की
शहरवासियों के साथ शरेआम धक्का है। इस मौके पर आप पार्षद दमनप्रीत सिंह ने कहा कि
चंडीगढ़ नगर निगम पार्षदों के लिए बनाया गया है, लेकिन 18
जनवरी को बीजेपी ने पुलिस की मदद से पार्षदों को अंदर नहीं जाने
दिया। चंडीगढ़ के इतिहास में ऐसा पहले कभी नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि बीजेपी गलत
हथकंडे न अपनाए, अपनी हार स्वीकार करे और नगर निगम चुनाव
होने दे।
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