Saturday, 16 March 2024

NT24 News Link : सेक्टर 34 की मार्केट में लगाए पेवर ब्लॉक का किया ..

पार्षद प्रेम लता ने  सेक्टर 34 की मार्केट में लगाए पेवर ब्लॉक का किया उद्घाटन

विनय कुमार 

चंडीगढ़ 

हाल ही में आम आदमी पार्टी की पार्षद प्रेमलता ने अपने सेक्टर 34 की मार्केट में लगाए गए पेवर ब्लॉक का उद्घाटन चंडीगढ़ के मेयर कुलदीप कुमार टीटा , चीफ इंजीनियर एन पी शर्मा , रोड़ के एसडीओ , जे ई  , सभी कार्यकर्ता , वह मार्केट के सभी दुकानदार और सेक्टर वसियों की उपस्थिति में किया है । इस उद्घाटन के समय अनेक लोग उपस्थित रहे वह काफ़ी ज़्यादा भीड़ भी उमड़ी हुई थी।सभी मार्किट वासियों के चेहरे पर ख़ुशी थी वह उन्होंने पार्षद प्रेमलता का धन्यवाद भी किया कि आज उनकी वजह से सेक्टर 34 की मार्किट को आज एक नया रूप दे दिया है। पार्षद प्रेम लता ने कहा कि जब भी वे सेक्टर 34 की मार्केट में आती थी , उन्हें दुकानों के बाहर टूटे फ़ुटपाथ वे ग्रिल को देखकर बुरा लगता था। थोड़ी सी बरसात में भी तो यहाँ पानी इकट्ठा हो जाता था और चलने में दिक़्क़त आती थी। उन्हें कई बार मार्केट वह सेक्टर वासियों ने अनुरोध किया कि वे इसका कोई हल निकाले । यही देखकर उन्होंने पूरी मार्केट में पेवर ब्लॉक लगवाने का फ़ैसला लिया। हाल ही में सेक्टर 34 मार्केट के प्रधान कैलाश चंद ने कहा कि नेम प्लेट की दीवार के पीछे चोर छुप कर बैठ सकते हैं वह लोग पिशाब कर सकते हैं , जिसकी वजह से आज वे पूरे चंडीगढ़ शहर में हस्सी का पात्र बन चुके हैं। वहीं प्रेम लता ने मार्केट प्रधान कैलाश चन्द जैन का मज़ाक उड़ाते हुए कहा कि वे मार्केट के प्रधान कम और बीजेपी के दूत ज़्यादा लगते हैं । भला उनके छोटी सी 6 फुट की दीवार के पीछे क्यों कोई चोर बैठेगा । उन्हें राजनीति छोड़कर अपने मार्केट के विकास के बारे में ज़्यादा चिंता करनी चाहिए। प्रेमलता ने कहा कि ऐसी बेतुकी बातें अख़बारों में छपवाने से बेहतर है कि वे अख़बारों में चंडीगढ़ के विकास से सम्बंधित कोई अच्छा विचार ही छपवा दें। प्रेम लता ने कैलाशचंद से पूछा कि अगर सरकार ने मार्किट में इतने सारे बाथरूम बनवाए  हुए हैं तो भला कोई उनकी 6 फुट की नेम प्लेट पर क्यों पेशाब करेगा ? न ही वो प्लेट की दिवार फुटपाथ पर आती है और न ही वे उनकी दुकान के बाहर खड़ी की गई है , तो उन्हें किस बात की परेशानी हो रही है । इस बात को राजनातिक मुद्दे के तौर पर उठाना बहुत ही शर्मनायक बात है । यह एक सरकारी ज़मीन हैं और उन्हें कोई हक़ नहीं मिलता हूँ कि वे ऐसी बेतुके बातें अख़बार में छपवाएँ और अपनी गंदी राजनीति खेलें ।

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