प्रदेश के हजारों निजी स्कूलों को बंद नहीं होने देंगे,दमनकारी नीतियों के खिलाफ करेंगे संघर्ष: डॉ. कुलभूषण शर्मा
अफसरों के मनमाने रवैये का खामियाजा निजी स्कूल संचालक
भोग रहे हैं: डॉ. शर्मा
प्रदेश के हजारों प्राइवेट स्कूलों को मिले इंसाफ, कोर्ट की शरण लेगी निसा
विनय कुमार
चंडीगढ़
नेशनल इंडिपेडेंट स्कूल्स अलायंस (निसा) के राष्ट्रीय अघ्यक्ष और फेडरेशन ऑफ प्राइवेट स्कूल्स वेलफेयर ऐसोसिएशन हरियाणा के प्रदेश
अध्यक्ष डॉ. कुलभूषण शर्मा ने चंडीगढ़ में आयोजित प्रेस वार्त्ता में कहा कि शिक्षा
में अहम भूमिका निभाने वाले प्राइवेट स्कूल्स गलत नीतियों के कारण अफशरशाही का शिकार
हो गए हैं। इसके चलते प्रदेश के करीब 4500 प्राइवेट स्कूल्स पर तलवार लटक रही है। यह स्कूल्स
बंद होने की कगार पर पहुंच गए हैं। इसके संग इन स्कूलों से जुड़े एक लाख अध्यापक
और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी भी बेरोजगार होने
की कगार पर पहुंच गए हैं। निसा और फेडरेशन ऐसा नहीं होने देगी। स्कूलों को किसी
कीमत पर बंद नहीं होने दिया जाएगा। इसके लिए निसा हाई कोर्ट की शरण लेगी और दमनकारी
नीतियों के खिलाफ पुरजोर संघर्ष करेगी। मीडिया से वार्ता के दौरान संतोष भार्गव और
सुरेंदर यादव,अश्वनी शर्मा,देवेंद्र अरोड़ा समेत कई अन्य लीडर मौजूद रहे । गलत नीतियों
के शिकार हों रहे हैं निजी स्कूल संचालक डॉ. कुलभूषण शर्मा ने कहा कि गलत नीतियों के
कारण हजारों की संख्या में प्राइवेट स्कूल्स और उनसे जुड़े एक लाख अध्यापक और क्लास
फोर कर्मचारी का भविष्य अंधकारमय हो गया है। इन अध्यापकों में 80 प्रतिशत महिलाएं जो
अपने वेतन से अपने परिवार का गुजर बसर करती है। डॉ. शर्मा ने कहा कि सरकार कहती है
कि वह दो पारियों में स्कूल चला लेंगे। सच्चाई है कि अनेक सरकारी स्कूल इस तरह के हैं
जिनमें सिर्फ एक कमरा है। तमाम सरकार स्कूली में बुनियादी सुविधाओं का आभाव है। एक तरफ सरकार कहती है कि वह बंद होने वाली निजी
स्कूलों के बच्चों को सरकारी स्कूलों मेंं पढ़ा लेगी। मेरा मानना है कि यह तानाशाही
का रवैया है। क्या सरकार ने इसके लिए बच्चों और उनके अभिभावकों से कोई बात की, उनकी सहमति प्राप्त
की है यह अपना निर्णय उन पर थोपा जाएगा। यह गलत है। यह सरकार की एकतरफा कार्रवाई है।
यह भेदभाव भरा निर्णय है। शिक्षा के
क्षेत्र में बन गया है अराजकता का माहौल हिसार से संतोष भार्गव ने कहा कि गलत निर्णयों के कारण शिक्षा के क्षेत्र
में अराजकता का माहौल बन गया है।
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को चाहिए कि वह
इस पूरे मामले में संज्ञान ले कर मामले को हल करने की दिशा में कार्रवाई करें। हरियाणा
में अफसरशाही पर लगाम कसे जाने की जरूरत है। जिन लोगों ने इस मामले में गलत एफिडेविट
दिया है उस पर सरकार संज्ञान ले। जनप्रतिनिधि लोगों की वेलफेयर के लिए होते हैं। उन्हें
परेशान करने के लिए नहीं होते हैं। निसा के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. कुलभूषण शर्मा का
कहना है कि एक भी प्राइवेट स्कूल को बंद नहीं
होने दिया जाएगा। इसके लिए निसा और फेडरेशन हाईकोर्ट जाएंगी और न्यायपालिका से इंसाफ
की गुहार लगाएगी। डॉ. शर्मा ने कहा कि राइट टू एजुकेशन में निजी स्कूलों और सरकारी
स्कूल्स दोनों के लिए नियम तय किए गए हैं। ऐसे में नियमों का हवाला देकर सिर्फ प्राइवेट
स्कूलों पर गाज गिराना कितना उचित है। यह भेदभाव
क्यों किया जा रहा है। इंसाफ को लेकर निसा और फेडरेशन हर संभव संघर्ष करेगी।फेडरेशन से जुड़े हिसार के लीगल एडवाइजर
संतोष भार्गव ने कहा कि इस पूरे मामले का कानूनी अध्यन किया जा रहा है। जल्द ही इस
मामले में हाई कोर्ट में कई याचिका दायर की जाएगी।
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