Wednesday, 3 December 2025

NT24 News Link: राजनीति के भेंट चढ़ गई मनीमाजरा की सड़कें........

राजनीति के भेंट चढ़ गई मनीमाजरा की सड़कें : राजबीर सिंह भारतीय

ज्यादातर सड़कें अभी भी खस्ताहाल : राजनीति के चक्कर में अब नहीं बनी तो अप्रेल में आएगा इनका नम्बर: यहां किसी ना किसी मोड़ पर हर रोज़ होता है कोई ना कोई हादसा

मनीमाजरा, राखी मेहरा : चण्डीगढ़ प्रशासन ने मनीमाजरा में 24x7 पानी के पायलेट प्रोजेक्ट का एक्सपैरिमैंट किया, पर आज तक 24 घंटे पानी नहीं आया। ठीक उसी प्रकार मनीमाजरा को सैक्टर 13 तो बना दिया, पर सैक्टरों वाली सुविधाएं देने में असफल रहा है। ये कहना है समाज सेवी राजबीर सिंह भारतीय का। उनका साफतौर पर कहना है कि यहां सभी सुविधाएं नदारद हैं। मनीमाजरा की 3 लाख से ज्यादा आबादी है, जहां कारपोरेशन के 3 काऊन्सिलर चुने जाते हैं, पर उच्च शिक्षा के लिए कोई कॉलेज नहीं है। स्वास्थ्य की बात करें तो मनीमाजरा हास्पिटल के पास बिल्डिंग बहुत बड़ी है, पर ना पूरे डॉक्टर हैं, ना पूरा सपोर्टिंग स्टाफ और ना ही इंफ्रास्ट्रक्चर। मनीमाजरा में युवा और बच्चों के लिए खेल का मैदान भी नहीं है, जहाँ बच्चे खेल सकें। उनका कहना है कि चंडीगढ़ में समस्याओं का अम्बार कहीं है तो वो मनीमाजरा में ही है। उन्होंने आगे कहा कि मनीमाजरा निवासियों के बार बार अनुरोध करने से लेकर हड़ताल व संघर्ष के बाद सड़कें बनना शुरू तो हुई थी पर वो राजनीति के भेंट चढ़ गई। राजनीति करने वाले लोगों को सोचना चाहिए कि इन लोगों को भी इन्हीं सड़कों पर चलना है। अधिकारीगण ने वार्ड नम्बर 6 की सड़क को सबसे पहले बनाया। उसके बाद 5 वार्ड की सभी सड़कों को रिकारपेटिंग करने का काम शुरू हुआ जिसे बीच में ही छोड़ दिया गया है। राजबीर सिंह भारतीय का कहना है कि 4 नंबर वार्ड की तो वहां सड़कों की रिकारपेटिंग का काम अभी तक शुरू भी नहीं हुआ है। यहां जो हालात सड़कों के पिछले कई सालों से थे, आज वो बद से बदतर हो गए हैं । शिवालिक गार्डन से इंदिरा कालोनी से आगे मोटर मार्केट की तरफ जो सड़क जाती है वो आज भी इस राजनीति की सजा भुगत रही है। लोगों का चलना मुश्किल हो गया है। कभी भी साइकिल से बच्चे स्कूल जाते हुए गिर सकते हैं। स्कूटर सवार, ई-रिक्शा वाले अपने आपको असहाय महसूस करते हैं। शिवालिक गार्डन से समाधि गेट और आगे ढिल्लों थिएटर की तरफ जाएंगे तो सारी सड़क टूटी हुई है। इन सभी सड़कों का बजट पास है। टेंडर हो चुके हैं, आधी अधूरी बनी भी है पर राजनीति इतनी हावी है कि इनको बनने ही नहीं दे रही है। इस सब की भुक्तभोगी तो आम जनता है। मनीमाजरा ईडब्ल्यूएस रेजिडेंस वेलफेयर एसोसिएशन के चेयरमैन सुभाष धीमान का कहना है कि जब आप चंडीगढ़ के किसी सैक्टर से या हाउसिंग बोर्ड पंचकूला की साइड से मनीमाजरा जिसे आजकल सैक्टर 13 कहा जा रहा है की सड़कों पर आते ही पता चल जाएगा कि आप मनीमाजरा में आ गए हैं। मनीमाजरा में एशिया की सबसे बड़ी मोटर मार्केट है जहां बाहरी प्रदेशों के लोग भी गाड़ियों के कलपुर्जे खरीदने के लिए यहाँ आते हैं। जिसकी खरीद फरोख्त से चंडीगढ़ को करोड़ों रुपये राजस्व मिलता है। पर उस पैसे का 1% भी मनीमाजरा पर खर्च नहीं किया जा रहा है। जहाँ चंडीगढ़ शहर का पुरे भारत में एक रूतबा है उसकी पोल इन टूटी फूटी सड़कों को देखकर खुल जाती है जब बाहर के लोग यहाँ खरीद फरोख्त करने या किसी और दुसरे काम से आते हैं। मनीमाजरा से सरकार को सबसे ज्यादा राजस्व मिलता है। इसलिए सरकार को चाहिए कि यहां  सड़कों  को ठीक करे। अगर रोड़ ठीक होंगे तो और ज्यादा लोग यहां खरीद फरोख्त करने के लिए आएंगे। सरकार को और ज्यादा राजस्व मिलेगा और विकास के कार्य होंगे। आपके खजाने लबालब भरे होंगे और जनता के तथा शहर के विकास के काम होगें। उन्होंने आगे कहा कि अब तो कभी कभी ऐसा लगता है कि ये सड़क पर राजनीति करने वाले और प्रशासन उस शुभ मुहूर्त का इंतजार कर रहा है कि कब कोई बहुत बड़ा हादसा हो इन मनीमाजरा की सड़कों पर हो और जिसमें जान माल का बहुत बड़ा नुकसान हो, फिर जाकर प्रशासन चेतेगा और फिर शायद कोई इन सड़कों को ठीक करने का काम करेगा।

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