भाजपा-काग्रेस के इशारों पर 50 सालो से हो रही लाल डोरे पर गंदी राजनीति
का किया अंत:
एन टी 24 न्यूज़
चंडीगढ़
चंडीगढ़ प्रेस क्लब में प्रेस
वार्ता करके अविनाश सिंह शर्मा, “ चंडीगढ़ की आवाज ” ने बताया कि पिछले 50 वर्षों
से चंडीगढ़ के गांवों ( फैदा, धनास, कैंबवाला,
खुड्डा अली शेर, खुड्डा लाहौरा, खुड्डा जस्सू, सारंगपुर, किशनगढ़,
बहलाना, दरिया, मौली
जगरा, माखन माजरा, रायपुर कलां,
रायपुर खुर्द और हल्लो माजरा आदि ) में
लाल डोरे के नाम पर पेरीफेरी कंट्रोल एक्ट के तहत गांव वासियों के बने मकानों पर
बुलडोजर चलाए जा रहे थे । यह भाजपा - कांग्रेस नेताओं के इशारों पर उत्पीड़न की
राजनीति हो रही थी । भाजपा-काग्रेस के हर चुनाव का मुद्दा लाल डोरा होता था “ चंडीगढ़ की आवाज ” ने चुनावी मेनफेस्टो के लाल
डोरे की बड़ी समस्या का हाई कोर्ट के माध्यम से पूरा कर दिया | ग्राम फैदा निवासी राज कुमार एवं अन्यो प्रेस कांफ्रेंस में साथ बैठ कर
बताया कि अविनाश सिंह शर्मा की बदौलत हम लोगो का मकान बचा और न्याय मिल सका | लाल डोरे का आतंक चंडीगढ़ के गांवों से खत्म हो गया है | इसी के साथ लाल डोरे के बाहर रहने वाले लोगो को पक्की राहत मिल गई | चंडीगढ़ के ग्राम फैदा में सैकड़ों ग्रामवासियों को पेरीफेरी कंट्रोल
एक्ट 1952 के तहत अप्रैल 2016 नोटिस आया था । सैकड़ों ग्रामवासियों ने लिखित
जिम्मेदारी अविनाश सिंह शर्मा को अपनी पैरवी लिए दिया
था | अविनाश सिंह शर्मा, फैदा
ग्रामवासियों की पैरवी के लिए लैंड ईकयूजेशन जज के
सामने लिखित जवाब के साथ पेश हुए थे । अविनाश सिंह शर्मा ने जवाब में पेरीफेरी
कंट्रोल एक्ट चंडीगढ़ के अंदर लागू नहीं होता ये स्पष्ट रूप से लिखा था ।
सुनवाई के बाद कोई नोटिस नहीं आया था | फिर
अचनाक 22 मार्च 2017 से
चंडीगढ़ प्रशासन के लोग मकान तोड़ने की बात करने लगे थे । और एडवाइजर का आदेश बता
रहे थे । 23 मार्च 2017 को
लिखित पत्र के साथ एडवाइजर से अविनाश सिंह शर्मा मिले थे ।और27/03/2017 सूचना अधिकार 2005 के अंतर्गत डिप्टी कमिश्नर
चंडीगढ़ से ग्राम फैदा की कार्रवाई की प्रति मांगी थी । जिस के बाद 30/03/2017 को ग्राम वासियों को डिमोलिशन की प्रति भेजी गई थी । चंडीगढ़ की आवाज
अविनाश शर्मा के मदद से पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट के वरीय अधिवक्ता मोहनलाल सगगर ने
दिनांक 05/04/2017 को राजकुमार एवं ग्राम वासियों
का रिट CWP-7426-2017 हाई कोर्ट ऑफ़ पंजाब एंड हरियाणा में
फाइल करवाया । कोर्ट का खर्च चंडीगढ़ की आवाज ने उठाया । जस्टिस ने 07/04/2018 को अधिवक्ता की दलीलों को सुनने के बाद स्टे आर्डर दिया था । उसी के आधार
पर और भी पीड़ितों को लाल डोरे पर स्टे मिला । 29/08/2018 को अधिवक्ता मोहनलाल सगगर की दलीले सुनने के बाद माननीय जस्टिस ने अपने
फैसले में स्पष्ट रूप से लिखा है । कि चंडीगढ़ के अंदर पेरीफेरी कंट्रोल एक्ट 1952 लागू नहीं होता है । जो पेरीफेरी कंट्रोल एक्ट के तहत कार्रवाई हुआ वह गलत
है। क्योंकि जगह चंडीगढ़ यूनियन टेरिटरी के अंदर है । चंडीगढ़ प्रशासन के डेमोलेशन
नोटिस ( पेरीफेरी कंट्रोल एक्ट नोटिस ) को खारिज कर दिया ।
अविनाश शर्मा ने
कहा कि 3 महीने पूर्व ग्राम खुडा अली शेर के करीब पचास
मकानों पर चंडीगढ़ प्रशासन ने बुलडोजर चलाया था । कांग्रेस के पवन बंसल और भाजपा अध्यक्ष
संजय टंडन ने अपनी राजनीति रोटियाँ सेकी थी । भाजपा
कांग्रेस की गंदी राजनीति को चंडीगढ़ की आवाज ने अंत कर दिया। चंडीगढ़ के ग्राम
वासियों ने अविनाश सिंह शर्मा को धन्यवाद दिया । और कहा कि पेरीफेरी एक्ट के आतंक
से चंडीगढ़ को आजादी दिलवाई ।
लाल डोरे के बाहर प्रसासन ने मकान तोड़े है उनको मुआबजा जल्द
से जल्द दिया जाए
चेयरमैन, अविनाश सिंह शर्मा एवं महामंत्री, कमल किशोर शर्मा,
“ चंडीगढ़ की आवाज़ ” ने कहा आज तक जिन लोगो के मकान ग्राम ( खुडा अली शेर, कैंबवाला,
किशनगढ़, धनास, फैदा,
खुड्डा अली शेर, खुड्डा लाहौरा, खुड्डा जस्सू, सारंगपुर, किशनगढ़,
बहलाना, दरिया, मौली
जगरा, माखन माजरा, रायपुर कलां,
रायपुर खुर्द और हल्लो माजरा आदि ) चंडीगढ़ के प्रसासन ने तोड़े है
उनको मुआबजा जल्द से जल्द दिया जाए नहीं तो “चंडीगढ़ की आवाज़” बहुत बढ़ा आंदोलन करने पर मजबूर होगी |
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