Sunday, 9 September 2018

संत निरंकारी चैरिटेबल फाउंडेशन द्वारा केरल में राहत एवं पुनर्वास का अभियान


संत निरंकारी चैरिटेबल फाउंडेशन द्वारा केरल में राहत एवं पुनर्वास का अभियान
एन टी 24 न्यूज़ 
चण्डीगढ़
निरंकारी सद्गुरु माता सुदीक्षा जी महाराज के पावन आशीर्वाद द्वारा संत निरंकारी चैरिटेबल फाउंडेशन (एस.एन.सी.एफ.) ने केरल में एक व्यापक स्तर पर राहत एवं पुनर्वास अभियान चलाया है । राज्य में गत अगस्त माह में एक भीषण बाढ़ के कारण जान-माल का भारी नुकसान हुआ जिससे लाखों लोग प्रभावित हुए । चण्डीगढ जोन के जोनल इंचार्ज श्री के. के. कश्यप जी ने बताया कि फाउंडेशन की ओर से केरल के ज़ोनल इंचार्ज श्री दिलीप गायकवाड़ के नेतृत्व में पहली टीम बाढ़ के दो-तीन दिन बाद ही 25 अगस्त को प्रभावित क्षेत्र में पहुंच गई। तभी से फाउंडेशन की ओर से हज़ारों स्वयंसेवक अलग-अलग दलों के रूप में हर रोज़ पहुंच रहे हैं। उन्होने आगे बताया कि यह अभियान फाउंडेशन द्वारा मुख्य रूप से त्रिवेन्द्रम, एर्नाकुलम, त्रिशूर, कालीकट तथा परावुर में राज्य सरकार की ओर से स्थापित राहत एवं पुनर्वास शिविरों के माध्यम से चलाया जा रहा है। फाउंडेशन के स्वयंसेवक स्थानीय प्रशासन के साथ पूरे सहयोग से सेवा कर रहे हैं । एस.एन.सी.एफ द्वारा कोची में 29 अगस्त से 9 सितम्बर तक एक विशेष पुनर्वास शिविर आयोजित किया गया जिसमें लगभग 500 प्रशिक्षित स्वयंसेवकों ने राजमिस्त्री, बढ़ई, इलेक्ट्रीशियन, पेन्टर तथा पलम्बर का कार्य किया और दिन-रात सेवा करके सैंकड़ों घरों को रहने योग्य बनाया । फाउंडेशन द्वारा चिरानल्लूर, रोज़ नगर, अलुवा, कलाम श्री, परावुर तथा कुन्नुकेरा में अनाज तथा अन्य दैनिक उपयोग की वस्तुएं बांटी की गई। अलुवा में कई घरों की दीवारें गिर गई थी जो फाउंडेशन के स्वयंसेवकों ने दोबारा बनाई। कुन्नुकेरा में दो हिन्दु तथा ईसाई धर्म-स्थानों की विस्तृत सफाई की गई । चिरानल्लूर, रोज़ नगर, अलुवा, परावुर तथा कुन्नुकेरा में लगभग 200 कुएं तथा 150 तालाब पहले 6 दिन में साफ किये गये और अभी यह कार्य जारी है । स्वच्छ पेयजल की कमी के कारण स्थानीय निवासियों को साफ बोतलबंद पेयजल दिया गया । मौके पर काम कर रहे डॉक्टरों की सलाह पर बिमारियों की रोकथाम के लिए विभिन्न प्रकार की दवायें फाउंडेशन की ओर से नि:शुल्क प्रदान की गई । आवश्यकता अनुसार महिलाओं को स्वच्छता नेपकिन तथा बच्चों को डायपर दिए गए । फाउंडेशन के इन राहत एवं पुनर्वास कार्यों की तथा स्वयंसेवकों की सेवा-भावना की  स्थानीय निवासियों, नगर-निगम तथा राज्य सरकार की ओर से सराहना की गई है ।

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