श़िपिग में महिलाओँ की संख्या बढ़ाने को लेकर सीफेरर डे का आयोजन
एन टी 24 न्यूज़
विनय कुमार
चंडीगढ़
‘मैं लिंग समानता वाले बोर्ड पर हूं’ के कैंपेन के साथ चंडीगढ़ में सीफेरर डे का आयोजन किया गया। इसका आयोजन मर्चेंट नेवी आफिसर्स एसोसिएशन(एमएनओए) द्वारा कंपनी आफ मास्टर मेरिनर्स आफ इंडिया, फ्लीट शिप मैनेजमेंट (कैरावेल ग्रुप) ) और चंडीगढ़ याचिंग एसोसिएशन के सहयोग से किया गया।यह आयोजन लेक स्पोर्ट्स कांप्लेक्स सेक्टर1 चंडीगढ़ में किया गया। इस मौके पर मेजर जनरल रामबीर सिंह मान, वीएसएम, एडीजी एनसीसी कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे जबकि इस मौके पर गेस्ट आफ आनर वाइस एडमिरलएच.एस. मल्ही (सेवानिवृत्त) एवीएसएम, वीएसएम रहे इस मौके पर चीफ अफसर सिमरन मान ने भी महिलाओं को मर्चेंट नेवी ज्वाइन करने की प्रेरणा दी।विश्व समुद्री दिवस की इस साल की थीम 'समुद्री समुदाय में महिलाओं का सशक्तीकरण ' रही।‘ डे ऑफ द सीफेरर’ के मौके पर 'मैं लिंग समानता वाले बोर्ड परहूं ' अभियान चलाया गया एमएनओए के अध्यक्ष, बलबीर सिंह मंगत ने कहा कि शिपिंग कंपनियों को महिलाओं को मौका देना चाहिए। उन्होंने कहा कि महिलाओँ के द्वार खोले जानेचाहिए। इसके साथ ही समुद्री जहाजों पर काम करने वाली महिलाएं सभी विशेषज्ञताओं में मिल जाती हैं। अंतर्राष्ट्रीय समुद्री संगठन (आईएमओ) द्वारा समुद्री महिला कार्मिकों कोकम उपयोगी और अल्पविकसित संसाधन के रूप में लिया जाता है । उन्होंने कहा कि यदि महिलाओं को शामिल किया जाये, तो जहाजों पर चालक दल केसदस्यों की कमी को दूर किया जा सकता है। मर्चेंट नेवी में महिलाएं आसानी से लीड कर सकती हैं। एमएनओए के महासचिव, अजीत सिंह ने कहा कि अब मैरीटाइम ला की सबसे ज्यादा आवश्यकता है। इससे महिलाओँ में यौन उत्पीडऩ केस कम होगा। इसकेसाथ ही महिलओं के प्रति अवधारणा बदलने की आवश्यकता है। सीएमएमआई (चंडीगढ़ चैप्टर) के अध्यक्ष, कैप्टन मोहन सिंह जज ने कहा,2 प्रतिशतमहिलाओं में, लगभग 94 प्रतिशत क्रूज शिप्स पर हैं और वे यात्रियों काप्रबंधन करती हैं।' महिला सीफेरर ग्लोबल मैनपावर का 39.3 फीसदी हैं यह संख्या जल्द ही बढ़ाया जाना चाहिएफ्लीट शिप मैनेजमेंट (कैरावेल ग्रुप) के कैप्टन केजेएस सुजलाना ने कहा,'यौन उत्पीडऩ का भय महिलाओं को इस करियर में आने से हतोत्साहित करता है।पुराने जमाने के विचार और महिलाओं के नाविक के रूप में रोजगार को लेकर सामाजिक धारणाएं निर्मूल हैं।पुरुष केंद्रित माहौल में प्रवेश करने के लिएजबरदस्त मानसिक शक्ति, धैर्य और इच्छाशक्ति की आवश्यकता होती है, जो मुझे लगता है कि आज की महिलाओं के पास है। ' इस समारोह के दौरान समुद्री एसाइनमेंट से जुड़ी महिलाओं ने प्रतिभागिता की। इसका उद्देश्य युवा लड़कियों को समुद्री एसाइनमेंट जोड़ना रहा इनमें बतायागया कि किस प्रकार से महिलाएं अपना कैरियर इस दिशा में बना सकती हैं इस मौके पर कई मैरीटाइम कैरियर एवेन्यू के बारे में चर्चा की गई।इस मौके परचंडीगढ़ विंग की तीस महिला कैडेट भी मोजूद रहीं। इस मौके पर कैप्टन पी बिष्ट भी मौजूद रहे।उन्होंने सभी का उत्साह वर्धन किया। गौरतलब है कि ग्लोबल शिपिंग इंडस्ट्री 25 जून को सीफेरर दिवस के रूप में मनाती हैइस वर्ष यह दिन और भी अधिक महत्व रखता है, क्योंकि यह दुनियाभर के सात समुद्रों में भारतीय समुद्री शिपिंग के 100 साल पूरे होने का भी अवसर है। भारत का एसएस
लॉयल्टी शिप पहली बार 1919 में समुद्र में रवाना कियागया था ।
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