डॉक्टर ने
2 बच्चों की कोक्लेयर इम्प्लांट सर्जरी के लिए वित्तीय
मदद प्रदान की
एन टी 24 न्यूज़
विनय कुमार
मोहाली
शैल्बी अस्पताल में
डॉक्टर ने मानवीय पहल के तहत दो गरीब बच्चों की कोक्लेयर इम्प्लांट सर्जरी के लिए वित्तीय
मदद प्रदान की । डॉ.धीरज गुरविंदर सिंह, ईएनटी सर्जन ने अपने बड़े
भाई जसबीर सिंह धीरज, जो अमेरिका में एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर
हैं, की मदद से दो बच्चों की सर्जरी की आधी लागत के लिए फंड्स
प्रदान किए । नेपाली प्रवासी मजदूर के बच्चे का कुछ महीने पहले इलाज किया गया था,
जबकि दिल्ली के एक ऑटो रिक्शा चालक की 3-वर्षीय बच्ची की आज शैल्बी अस्पताल में डॉ. सिंह व डॉ.ए.के. लहरी सीनियर
ईएनटी कंसल्टेंट, सर गंगा राम अस्पताल दिल्ली द्वारा सफलतापूर्वक
कोक्लेयर इम्प्लांट सर्जरी की गई । डॉ.धीरज गुरविंदर सिंह ने आज शैल्बी अस्पताल में
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मीडिया से बात करते हुए कहा कि कोक्लेयर इम्प्लांट की
उच्च लागत के कारण गरीब परिवारों के बच्चे अक्सर इस सुविधा से वंचित रह जाते हैं। उन्होंने
कहा कि मैं और मेरा भाई सिर्फ उन गरीब बच्चों की मदद करना चाहते हैं जिनके परिवार पैसे
की कमी के कारण ये इम्प्लांट नहीं लगवा सकते हैं । डॉ.सिंह ने बताया कि कोक्लेयर इम्प्लांट
सर्जरी के बाद, बच्चे सामान्य रूप से 2-सप्ताह के बाद अच्छी तरह से सुनने में सक्षम होते हैं। बाद में वे स्पीच
स्पेशलिसट से ट्रेनिंग लेना शुरू करते हैं और सामान्य जीवन जीने में सक्षम होते हैं
। डॉ. लहरी जो भारत में पहले कोक्लेयर इम्प्लांट सर्जनों में से एक हैं, ने बताया कि जन्मजात बहरापन
एक हजार नवजात शिशुओं में लगभग 1 से 2 में पाया जा सकता है। ऐसे बच्चों
के लिए कोक्लेयर इम्प्लांट ही एकमात्र उपाय है जो बच्चे को सुनने की क्षमता दे सकता
है । हम नए जन्मे शिशुओं के बीच इस समस्या को जल्द से जल्द पहचानना चाहते हैं ताकि
कोक्लेयर इम्प्लांट सर्जरी से उनकी सुनने की क्षमता को बेहतर किया जा सके। सर्जरी के
बाद स्पीच थेरेपी को शुरू किया जाता है ताकि बच्चे स्पीच प्रोसेस को सीखना शुरू कर
सकें जो कि इन बच्चों में पहले से विकसित नहीं होती है ।
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