हार्ट में 2 छेद वाले बच्चे को मिली नई जिंदगी
एन टी 24 न्यूज़
विनय कुमार
पंचकूला
हार्ट में दो छेद व फेफड़ों को रक्त के संकीर्ण पेसिज (narrowed
passage of blood to lungs ) से पीडि़त 3 साल के बच्चे को सफल पीडियाट्रिक कार्डिक सर्जरी से एक नई जिंदगी मिली गई
। ओजस अस्पताल, पंचकूला में
डॉ.वीरेंद्र सरवाल डायरेक्टर, कार्डियोथोरेसिक एंड
वस्कुर्लर सर्जरी ने अपनी टीम डॉ.अजय सिन्हा और डॉ. प्रवीण नायक के साथ इस सर्जरी
को अंजाम दिया । डॉ.सरवाल ने बताया कि जन्म से ही बच्चे के हार्ट में दो बड़े छेद
थे, जिसे हम कोग्नीजेंट हार्ट डिजीज भी कहते हैं। हार्ट
के इन बड़े छेदों के साथ फेफड़ों को रक्त का प्रवाह का पेसिज भी संकीर्ण था । दोनों छेद को एक सिंथेटिक पैच के साथ बंद किया गया और संकरा पेसिज खोल कर
पेरिकार्डियल पैच के साथ बड़ा किया गया। सेप्टम के मांसपेशियों के हिस्से में
दूसरा छेद हमेशा मुश्किल होता है। लेकिन बच्चे ने सर्जरी को अच्छी तरह से रिस्पांड
किया है और वह तेजी से रिकवरी प्राप्त करने में सफल रहा । डॉ.सरवाल ने आगे कहा कि जन्म से ही हार्ट रोग से प्रभावित बच्चों का औसत
नवजात बच्चों में 9/1000 है और इस प्रवृत्ति को
देखते हुए, भारत में जन्मजात हार्ट रोग के साथ जन्म
लेने वाले बच्चों की अनुमानित संख्या प्रति वर्ष 200,000 से अधिक है । उन्होंने कहा कि इनमें से लगभग
करीब 20 प्रतिशत में गंभीर डीफेक्ट होने की
संभावना है, जिनको जीवन के पहले वर्ष में इंटरवेंशन की
आवश्यकता है । एक बच्चे का हार्ट गर्भाधान के समय
विकसित होना शुरू हो जाता है और गर्भावस्था के आठ सप्ताह तक पूरी तरह से बन जाता
है। उन्होंने कहा कि बच्चे के विकास के पहले आठ हफ्तों के दौरान ही जन्मजात हार्ट
डीफेक्ट भी विकसित होता है ।
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