मुश्किल कैंसर रीसेक्शन व रीकंस्ट्रक्शन सर्जरी की गई
एन टी 24 न्यूज़विनय कुमार
पंचकूला
अल्केमिस्ट अस्पताल में एक 45 वर्षीय
मरीज की मुश्किल माइक्रोसर्जरी व कैंसर रीसेक्शन सफलतापूर्वक किया गया। मरीज
स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा (मुंह व जबड़े का कैंसर ) से पीडि़त था, जो कि होंठ और जबड़े को अपनी चपेट में ले चुका था। सर्जरी को डॉ.कंवरनीत,
ऑनकोसर्जन-रीसेक्शन और डॉ.वरुण सिंगला, प्लास्टिक
सर्जन-रीकंस्ट्रक्शन द्वारा किया गया। रमेश (बदला हुआ नाम) को पिछले डेढ़ साल से
होंठ पर असामान्य विकास को देखते हुए अल्केमिस्ट अस्पताल में भर्ती कराया गया था
जो पिछले 6 महीनों से काफी बढ़ रहा था । इस बारे में विवरण
देते हुए डॉ.कंवरनीत और डॉ. वरुण सिंगला ने बताया कि जांच करने पर ये संदेह हुआ कि
मरीज को स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा है, जिसमें ऊपरी और निचले
होंठ, दाहिना कॉमिस्यूर और मैंडह्वीबल के साथ चीक म्यूकोसा
है। उन्होंने आगे बताया कि बाद में कार्सिनोमा डायग्नोस होने की पुष्टि करने और
सीटी और अल्ट्रासाउंड जैसी बुनियादी जांच करने के बाद, रोगी
को सर्जरी के लिए तैयार किया गया था जिसमें प्रभावित क्षेत्रों की सेक्शन के लिए
एक योजना बनाई गई जिनमें गाल, होंठ और मोकोसा की त्वचा शामिल
होती है । उन्होंने बताया कि इस दौरान मरीज की काफी
विस्तृत रीसेक्शन की गई, जबकि सामान्य तौर पर शरीर के दो या
तीन भागों से मांस लेना पड़ता है। इसलिए कैंसर के असर को कम करने के लिए, एक काईमेरिक फ्री फ्लैप एएलटी (थाई स्किन और उसी आर्टिरी पर अंडरलाइंग
मस्ल)की योजना बनाई गई और इसके चलते पैदा हुए सभी विकारों को कवर करने के
लिए इसका उपयोग किया गया । व्यापक और कठिन कैंसर रीसेक्शन के कारण सर्जरी में 10
घंटे लग गए और बाद में बनाए गए डिफेक्ट को फिर से रीकंस्ट्रक्ट करने
के लिए बेहद माइक्रोसर्जरी की जरूरत पड़ी । डॉक्टरों ने
बताया कि सर्जरी बिना किसी समस्या के हुई और फ्लैप बिना किसी जटिलता के बच गया।
रोगी अब स्थिर है और न्यूनतम समस्याओं के साथ तेजी से ठीक हो रहा है ।
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