Monday 2 September 2019

NT24 News : ‘डोज ऑफ हैप्पीनेस’ पर इंटरएक्टिव टॉक आयोजित...............

डोज ऑफ हैप्पीनेस’ पर इंटरएक्टिव टॉक आयोजित
एन टी 24 न्यूज़
विनय कुमार
पंचकूला
हरियाणा गवर्नमेंट रिटायर्ड ऑफिसर्स वेलफेयर एसोसिएशनपंचकूला की जेनॅरॅल हाउस की बैठक के दौरान रविवार को पल्लवी होटल में योजित एक इंटरएक्टिव टॉक ‘डोज ऑफ हैप्पीनेस’ में 225 से अधिक सदस्यों ने हिस्सा लिया । इस मौके पर ग्लोरी के.सिंहसाइकोलॉजिस्टअल्केमिस्ट हॉस्पिटलपंचकूला ने अपने संबोधन में बढ़ती उम्र में खुश रहने के महत्व सब के सामने रखा और इस संबंध में कई उपयोगी और महत्वपूर्ण जानकारियां प्रदान कीं । उन्होंने बताया कि कैसे एक खुश दिमाग दिल के रोगोंमेमोरी लॉस यानि यादाश्त कमजोर होनाडायबटीजकैंसरस्ट्रोक आदि से सुरक्षा प्रदान करता है । उन्होंने जोर देकर कहा कि जीवन का आनंद और सामान्य खुशियांसीनियर सिटीजंस में निरंतर गतिशीलता और भविष्य की डिसेबिलिटी को तय करते हैं। उनके आधार पर ही ये तय होता है कि हम भविष्य में कितना सक्रिय रहेंगे । डोपामाइनऑक्सीटोसिनसेरोटोनिनएंडोर्फिन जैसे हैप्पीनेस कैमिकल्स के बारे में विस्तार बात करते हुएग्लोरी ने कई प्रेक्टिकल तरीके सुझाएजिसके साथ प्रतिभागी इन बॉडी कैमिकल्स के रिलीज होने के प्रोसेस को बढ़ा सकते हैं और इनके चलते खुशियों का स्तर भी बढ़ सकता है । उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कैसे हम बुढ़ापे को एक समाज के रूप में देखते हैंयह भी बहुत प्रभावित करता है कि सीनियर सिटीजंस खुद को और अपनी क्षमताओं को कैसे देखते हैं । उन्होंने कहा कि ‘‘एक आम धारणा बुढ़ापे को कमियोंबीमारीकमजोरीऊब और अलगाव से जोड़ती है। यह धारणा न केवल समाज में युवा समूह द्वारा बनाई जाती हैबल्कि अधिकांश सीनियर सिटीजंस भी अवचेतन रूप से खुद को मजबूर करते हैं कि समाज में उनको लेकर जो धारणा है उसे स्वीकार किया जाए ।’’एक धारणा के तहत देखे जाने के चलते या अपने आप को अलग थलग महसूस करने के चलते कई बार सीनियर सिटीजंस अपनी इच्छाओं को त्यागने के लिए मजबूर कर दिए जाते हैं। वे अपने हितों के क्षेत्रों की खोज करने या एक नए व्यवसाय में स्थापित करने या यहां तक कि नए रिश्ते स्थापित करने में खुद को प्रतिबंधित करने लगते हैं । उन्होंने 60+ आयु वर्ग को एक अलग और तय ‘रिटायर्ड’ आयु समूह के रूप में नहीं बल्कि एक ऐसे समूह के रूप में देखने पर जोर दियाजिसमें खुशी और विकास के साथ व्यक्तिगत विकास के लिए पर्याप्त अवसर हैं। एक स्वस्थ और खुशहाल सीनियर सिटीजंस की आबादी युवाओं को भी नई आशा और खुशियां दे सकती है ।


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