मधुमेह
का उपचार न होने पर अंगों को हो सकता है नुकसान: मालिनी दहिया
एन
टी 24 न्यूज़
विनय
कुमार शर्मा
पंचकूला
मधुमेह
एक लंबी चलने वाली मेडिकल कंडीशन है,
जिसमें शरीर या तो इंसुलिन का उत्पादन
करने में विफल रहता है या बन रहे इंसुलिन का इस्तेमाल करने में असमर्थ रहता है, जिसके
परिणामस्वरूप शरीर चीनी को तोडक़र ऊर्जा उत्पन्न करने में असमर्थ रहता है। यदि
अनुपचारित रहे तो, मधुमेह
से शरीर के कई अंगों को नुकसान हो सकता है। ऐसा कहना है आहार विशेषज्ञ मालिनी
दहिया का, जो
एक मान्यता प्राप्त पोषण विशेषज्ञ एवं वेलनेस सलाहकार हैं। सबसे
आम पुरानी स्थितियों में से एक होने के बावजूद, लोग इस बीमारी
के बारे में कम ही जानते हैं। मधुमेह के प्रमुख लक्षणों में शामिल हैं: बार-बार
मूत्र त्याग, अत्यधिक
भूख-प्यास, वजन
बढऩा या कम होना, थकान, नजर
धुंधलाना और घावों का जल्दी से न भर पाना आदि। मरीज को इंसुलिन लेना है या गोलियां, यह
निर्णय खुद से नहीं करना चाहिए,
बल्कि एक डॉक्टर से सलाह लेकर ही दवाएं
ली जानी चाहिए।
सुश्री मालिनी दहिया
ने आगे कहा,
कि मधुमेह कभी भी अच्छा या बुरा नहीं होता। इंसुलिन शर्करा के स्तर को प्रबंधित
करने में मदद करती है। यदि यह शरीर के अंदर उत्पन्न नहीं हो रहा है, तो
इसे बाहरी रूप से लेना होता है। स्वस्थ जीवन शैली का पालन करके मधुमेह का प्रबंधन
किया जा सकता है।
आहार के बारे में बताते हुए, उन्होंने
कहा, 'मधुमेह
रोगियों के लिए रक्त शर्करा स्तर का प्रबंधन करने की जब बात आती है तो भोजन एक
महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। आहार में फाइबर शामिल करने से उच्च रक्त शर्करा के
स्तर से निपटने में मदद मिल सकती है। साथ ही हरी सब्जियों का सेवन,
शेष रूप से लौकी, तोरी
आदि, तब
शर्करा का स्तर अच्छा रहता है। आहार में जूस की जगह फलों को शामिल करना चाहिए और
संतुलित मात्रा में कार्बोहाइड्रेट का सेवन करना चाहिए, जैसे
गेहूं, चावल
आदि। ' चीनी
के सेवन के बारे में उन्होंने कहा,
'चीनी से परहेज करना मधुमेह का जवाब नहीं
है। हम जो कुछ भी खाते हैं,
वह हमारे शरीर के अंदर ग्लूकोज में
परिवर्तित हो जाता है,
इसलिए, मिठाई खाने का
तो सवाल ही नहीं है। हालांकि,
मधुमेह के साथ चीनी या मिठाई का अधिक
सेवन चीनी के स्तर के लिए हानिकारक है और अंतत: अंगों को नुकसान पहुंचा सकता है।
मीठा खाने का बहुत मन करे तो चीनी की जगह गुड़ ले सकते हैं। '
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