Monday 5 October 2020

NT24 News : भीड़ में भी विरान खड़ा, क्या सोचता होगा गांधी: - प्रेम जनमेजय...

भीड़ में भी विरान खड़ा, क्या सोचता होगा गांधी: - प्रेम जनमेजय

पूरे भारत से कवियों ने गांधी जी और शास्त्री जी को किया नमन

एन टी 24 न्यूज़ 

विनय कुमार शर्मा 

चण्डीगढ़

संवाद- साहित्य मंच और स्वतंत्रता सेनानी एसोसिएशन के संयुक्त तत्वाधान में गांधी जयंती पर आज ऑनलाईन अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस कवि सम्मेलन में नौ राज्यों और ट्राईसिटी के 20 कवियों ने गांधी जी और शास्त्री जी को कविताओं के माध्यम से नमन किया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि प्रसिद्ध साहित्यकार व राजनेता संजय टंडन, अध्यक्षता  वरिष्ठ कवि प्रेम जनमेजय व विशिष्ट अतिथि के रूप में लोकप्रिय कवि लालित्य ललित विराजमान रहें। मंच के अध्यक्ष प्रेम विज ने स्वागत करते हुए कहा कि इस घोर संकट में कवियों को इकट्ठा कर तनाव को जीतने का प्रयास किया गया है। स्वतंत्रता सेनानी एसोसिएशन के अध्यक्ष के.के.शारदा  ने कहा कि गांधी जी और शास्त्री जी का जीवन सभी के लिए प्रेरणा स्त्रोत है। उन्होने कहा कि माहौल ठीक होने के पश्चात सभी कवियों का सम्मान किया जाएगा। श्री टंडन ने मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए कहा कि गांधी जी और शास्त्री जी के प्रति आदर व्यक्त करने ये अनूठा प्रयास है। उन्होंने मंच  को मुबारकबाद दी। कार्यकम का सचारू रूप से संचालन कवियत्री नीरू मित्तल ने किया। कवियो ने कार्यक्रम से पूर्व राष्ट्रपिता के चित्र पर माल्य अर्पण किया तत्पश्चात कोलकत्ता से प्रसिद्ध शास्त्रीय संगीत गायिका डा. संगीता चौधरी ने अपनी मधुर आवाज में गांधी का प्रिय भजन वैष्णव जन तो तेने कहिये मधुर आवाज में प्रस्तुत किया। अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ कवि प्रेम जनमेजय ने चौराहे पर गांधी कविता में कहा भीड़ में भी विरान खड़ा, सोचता होगा गांधी, विशिष्ट अतिथि के रूप में कविवर लालित्य ललित ने महात्मा गांधी के बारे में कहा महात्मा होना एक आदर्श को स्थापित करने जैसा है। हरियााणा से विकेश निझावन ने कहा बापू को सारे मजहब प्यारे थे, पंजाब से गीता डोगरा ने कहा 2 अक्तूबर  दिन राष्ट्र का उल्लास मनाएं कैसे। उत्तराखंड से दिनेश चमोला शैलेश ने कहा हे युग नायक, हे राष्ट्रपिता तुम को प्रणाम प्रस्तुत कर खूब वाहावाही लूटी। दिल्ली से कुमार आदित्य, उत्तर प्रदेश से रमेश छबीला, राजस्थान से नीरज दइया ने कविताएं पेश कर खूब तालियां बटोरी। ट्राईसिटी से प्रेम विज, सरिता मेहता, प्रज्ञा शारदा, इंद्र वर्षा, अशोक नादर, विनोद शर्मा, नीरू मित्तल, सुशील हसरत, जितेंद्र परवाज, सतवंत गोगी आदि ने गांधी जी और लाल बहादुर के जीवन और दर्शन पर कविताएं प्रस्तुत कर माहौल देश प्रेम से भर दिया।

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