Thursday, 19 August 2021

NT24 News : पंजाब के सिक्ख व् हिंदु राजपूतों के बीच फुट डालने की....

पंजाब के सिक्ख व्  हिंदु राजपूतों  के बीच  फुट डालने  की साजिश स्वीकृत नहीं - फुगलाणा

विश्व दोआबा राजपूत सभा पंजाब ने मुख्य प्रमुख सचिव सुरेश कुमार को ज्ञापन देकर ओ बी सी कैटेगरी से डीनोटिफिकेशन की मांग की  

एन टी 24 न्यूज़

विनय कुमार शर्मा

चंडीगढ़

शिरोमणि  अकाली दल (ब) की सरकार के नेता शरनजीत सिंह ढिल्लों की तरफ से विधानसभा हलका साहनेवाल सीट जीतने के लिए सिक्ख राजपूतों को पिछड़ें श्रेणियों में शामल करन का नोटीफिकेशन 15.12.2016 को  जारी करवा दिया गया था। क्योंकि हलका विधानसभा साहनेवाल और माछीवाड़ा आदि की कुछ जातियों जो भी अपने आप को राजपूत प्रचारतीं हैं, उन को खुश  करने  के लिए यह सारा प्रपंच  रचा गया। जबकि क्षत्रिय  सिक्ख राजपूतों ने कभी भी किसी सरकार से ऐसी कोई माँग नहीं की और न ही उस समय की बादल सरकार ने क्षत्रिय  राजपूतों को ओ.बी.सी. में शामल करन की माँग सम्बन्धित कोई सर्वे कराना ज़रूरी समझा। हम उस समय की बादल सरकार के इस फ़ैसले के साथ अपने आप को अपमानित महसूस करते हैं। क्योंकि राजपूतों का अपना एक गौरवमई इतिहास रहा है। फिर राजपूत कौम पिछड़ी श्रेणी कैसे हो सकती है? हम इस सम्बन्धित पहले भी माँग पत्र भेज कर नोटीफिकेशन को रद्द करन की विनती कर चुके हैं परन्तु आज तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है। क्षत्रिय सिक्ख राजपूत भाईचारा सिर्फ़ पंजाब में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में अपनी अलग पहचान रखता है। देश विदेश  में रहते क्षत्रिय  सिक्ख राजपूत भी पिछड़ी श्रेणी कहलाने का दुख महसूस करते हैं। हम विशव दोआबा राजपूत सभा परितृप्त और समूह क्षत्रिय  सिक्ख राजपूत भाईचारा इस फ़ैसले की नखेदी करते हुए पंजाब की कैप्टन अमरिन्दर सिंह सरकार से पुरज़ोर माँग करते हैं कि हमें जनरल श्रेणी में ही रखा जाये। हम पिछड़ी श्रेणी में शामल किये जाने के फ़ैसले को नकारते  हैं क्योंकि इस फ़ैसले के साथ हम बेइज़्ज़त महसूस करते हैं क्योंकि इस नोटीफिकेशन के साथ क्षत्रिय  सिक्ख और क्षत्रिय  हिंदु राजपूत भाईचारे को भी दोफाड़ किया गया है।आज की प्रेस कांफ्रेंस में बलबीर सिंह फुगलाना, सुखजीत सिंह परमार ,अरविंदर सिंह परमार, मन्ना सिंह मन्हास तरलोचन सिंह जंजुआ संतोख सिंह  जंजुआ  परमजीत सिंह कल्याण ,वरिंदर सिंह परिहार  व रविंदर पाल सिंह खालसा मेम्बर एस जी पी सी भी मौजूद रहे

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