Monday 18 October 2021

NT24 News : एडवाइजर धर्मपाल को सोसाईटीओं की ओर से सौंपा मांगों का ज्ञापन

आप पार्टी नेता संदीप भारद्वाज ने एडवाइजर धर्मपाल को सोसाईटीओं की ओर से सौंपा मांगों का ज्ञापन

एन टी24 न्यूज़

विनय कुमार शर्मा

चंडीगढ़

चंडीगढ़ के सेक्टर 48-51 के रहने वाले आप को अपनी नीचे प्रस्तुत कुछ ज़रूरी माँगों के बारे ज़रूरी कदम उठाने हेतु विनती कर रहे हैं । कृपया इन माँगों पर ज़रूरी और जल्दी एक्शन लीजिए:                     

1. चंडीगढ़ के निवासियों ने कोआपरेटिव हाऊस बिल्डिंग सोसाईटीज बना कर चंडीगढ़ प्रशासन से रिआयती क़ीमत पर सेकटरज 48-51 में फलैट बनाने हेतु जमीन के प्लाट लिए थे और रजिस्ट्रेशन करी हुई सोसाईटीओं ने प्लाटों की कीमत सरकार को जमा करवा कर अपने फलैट बना लिए हैं ।इन फलैटों की प्लांट व बिल्डिंग की क़ीमत सोसाईटी मेंबरों ने अपनी जेब से भरी।                 

  2.इन फ़्लैटों को सरकार ने एक फ़िक्स फ़ीस भरने पर इस तरीके से सभी मेंबरों के नाम पर ट्रांसफ़र किए ए) कैटेगरी ए ₹50,000 ,कैटेगरी बी ₹25,000,कैटेगरी सी ₹15,000.         

  3. इस के बाद सरकार ने नया क़ानून ला कर सभी फलैट मालिकों को सोसाईटी के प्लाट की कनवेयंस डीड के पैसे भरने के बाद सोसाईटी फ़्लैट मालिकों को अपनी अपनी कनवेयंस डीड बनवाने के 1.5 लाख से 4 लाख तक भर करने को मजबूर किया । 4. अब सरकार ने एक नया क़ानून लागू कर दिया कि सभी फलैटों पर अनर्जित लाभ ( अनअरनड पराफिट) की रकम भी देनी पडेगी जो 9 लाख से 13 लाख रुपये तक बनती है । इतनी बड़ी रकम भरना तो वरिष्ठ नागरिकों के लिए एक भारी सजा के बराबर है । आप से निवेदन हे कि यह क़ानून को ख़त्म किया जाए ।                          

4. क्षी मान जी, सोसाईटी ओं में रहने वाले सब नागरिक सभी तरह के टैक्स भरते हैं जैसे कि हाऊस टैकस ,रोड टैक्स इत्यादि पर स्ट्रीट लाईट का बिजली बिल भी अलग से देना पड़ता है । और तो और पानी के बिल भी कमरशियल रोट पर भरने पड़ रहे हैं जबकि मरला मकानों मे रहने वाले डोमैसटिक बिल ही भरते हैं । यह अन्याय दूर किया जाए ।5. क्षी मान जी, सोसाईटी सेकटों में सडकों का बुरा हाल है । सडकों पर गढ़े पडे हुए हैं जो लंबे समय से कोई सुनवाई नहीं हो रही । 6. सैकटरों 49 और 50 मे सिविल डिस्पेंसरियों में मेडिकल टैसटों की सुविधा नहीं है और कई ज़रूरी दवाओं का वितरण भी ठी तरह से नहीं हो रहा. दवाएँ उपलब्ध करवाई जाए.। 7क्षी मान जी, इन सेकटरों मे आवारा पशुओं की बड़ी समस्या है , किसी समय भी हादसा हो सकता है पर बहुत बार लिखने और बोलने पर भी प्रशासन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता ।

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