Monday, 18 January 2021

NT24 News : केंद्रीय एजेंसियों द्वारा आंदोलनकारी किसानों को धमकाना..........

केंद्रीय एजेंसियों द्वारा आंदोलनकारी किसानों को धमकाना मोदी सरकार का बेहद शर्मनाक कार्य : भगवंत मान

एनआईए के माध्यम से किसानों, सामाजिक संगठनों और कार्यकर्ताओं को नोटिस भेजना बेहद निंदनीय कदम है

सरकार को तुरंत काले कानूनों को निरस्त करना चाहिए

एन टी 24 न्यूज़

विनय कुमार शर्मा

चंडीगढ़

आम आदमी पार्टी ने केन्द्रीय जांच एजेंसियों द्वारा किसानों और उनकी सहायता करने वाले लोगों और संगठनों को भेजे जा रहे नोटिसों के लिए मोदी सरकार की आलोचना की है। पार्टी मुख्यालय से जारी बयान में पार्टी के अध्यक्ष और सांसद भगवंत मान ने कहा कि किसान आंदोलन को कुचलने के लिए सरकार द्वारा केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग करना बेहद निंदनीय है। किसानों और कृषि को बचाने के लिए आंदोलन का समर्थन करने वाली विभिन्न सेवा समितियों, संगठनों और पत्रकारों को नोटिस भेजना अत्यंत घृणित काम है, जो अभी मोदी सरकार कर रही है। पहले मोदी सरकार के मंत्री और भाजपा नेताओं ने किसानों को पाकिस्तान और चीन के एजेंट, खालिस्तानी एवं आतंकवादी कहकर आंदोलन की छवि धूमिल करने की कोशिश की और अब मोदी सरकार आंदोलन को दबाने के लिए सरकारी एजेंसियों के माध्यम से आंदोलन को सहयोग करने वाले लोगों को नोटिस भेज रही है। मान ने कहा, मोदी सरकार दोयम दर्जे की भूमिका निभा रही है। एक तरफ वह समाधान खोजने के लिए किसान संगठनों के साथ बातचीत कर रही है और दूसरी तरफ आंदोलन को कुचलने की नीयत से किसान नेताओं और आंदोलन समर्थक लोगों को डराने के लिए एनआईए के माध्यम से नोटिस भेज रही है। उन्होंने कहा कि किसानों द्वारा किया जा रहा शांतिपूर्ण आंदोलन आज दुनिया में सबसे बड़े और सबसे लंबे समय तक चलने वाले आंदोलन के रूप में एक नया इतिहास बना रहा है। लोकतांत्रिक तरीके से किए जा रहे इस आंदोलन ने पूरे विश्व के किसान समाज को हौसला और उम्मीद दिया है, लेकिन इस ऐतिहासिक आंदोलन को कुचलने के लिए और किसानों की समस्याओं को दबाने के लिए केंद्र की मोदी सरकार लगातार घृणित और गैरलोकतांत्रिक कदम उठा रही है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार को कॉरपोरेट घरानों के बजाय देश के लोगों की बात सुननी चाहिए। देश के किसान इन काले कानूनों के खिलाफ पिछले दो महीने से दिल्ली बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे हैं और इसे रद्द करने की मांग कर रहे हैं। लेकिन  मोदी सरकार किसानों की मांग मानने के बजाए सत्ता का दुरुपयोग कर केंद्रीय एजेंसियों के माध्यम से आंदोलन को कुचलने का प्रयास कर रही है। देश के किसानों के हित के लिए अब केंद्र सरकार अपनी जनविरोधी गतिविधियों को रोके और किसानों की सीधी और सरल मांगों को मानकर तीनों काले कानूनों को तुरंत रद्द करे।


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