कोऑर्डिनेशन कमेटी ने निजीकरण के खिलाफ प्रशासक
को सौंपा ज्ञापन
चण्डीगढ़ के पबलिक सैक्टर को निजी हाथों में
सौंपने का किया विरोध
बिजली मुलाजिमों पर लगाए गए ईस्ट पंजाब एसेंशियल
सर्विसेज मेंटिनेंस एक्ट 1968 को तरूत हटाया जाए।
एन टी 24 न्यूज़
पूजा गुप्ता
चंडीगढ़
आज कोऑर्डिनेशन कमेटी ऑफ गवर्नमेंट एंड एमसी एम्पलॉइज एंड
वर्कर्स यूटी चंडीगढ़ की तरफ से माननीय पंजाब के गवर्नर तथा चंडीगढ़ के प्रशासक बनवारी
लाल प्रोहत को सरकारी विभागो के निजीकरण के विरोध
मे मांग पत्र सौंपा। प्रशासक के बेहाफ पर गवर्नर हाउस मे लेसन ऑफिसर वनीत कुमार ने
मांग पत्र प्रपात किया। मांग पत्र में कहा गया है कि भारत सरकार लगातार पबलिक
सैक्टर को प्राईवेट सैक्टर के हाथों में बेच रही है। पबलिक सैक्टर जिसको भारत के
मजदूरों ने अपना खून पसीना बहा कर खड़ा किया था, आज
सरकार उनको औने पौने दामों में बेच रही है। केन्द्र सरकार की इस निजीकरण की नीति
से चण्डीगढ़ भी अछूता नहीं रहा। सरकारी प्रिटिंग प्रैस को बंद करने के बाद चण्डीगढ़
प्रशासन ने चण्डीगढ़ बिजली विभाव को बेचने का कार्य लगभग पूरा कर लिया है। बिजली
विभाग एक ऐसा विभाग है जो लगातार लाभ में चल रहा है और उपभोग्ताओं को सस्ती बिजली
मुहैया करवा रहा है। लाभ में चल रहे अदारों को बेचने का जुर्म यह सरकार कर रही है।
जिससे मुलाजिमों का नुकसान तो होगा ही, साथ ही आम जन
साधरण पर बिजली के बिलों का बोझ भी बढ़ेगा। हड़ताल
पर बैठे बिजली मुलाजिमों पर एसेंशियल सर्विसेज मेंटिनेंस एक्ट लगा कर प्रशाशन
एंप्लॉय एंप्लॉयर संबंधों को परभावत कर रहा है इस से चंडीगढ़ में इंडस्ट्रियल पीस
खतरे में पड़ सकता है।इस लिए प्रशाशन को इसे तरूंत वापिस करना चाहिए। दूसरी तरफ
प्रशाशन किलोमीटर स्कीम के मार्फत सीटीयू को भी प्राईवेट हाथों में सौंपने की
तैयारी कर रहा है, वैसे तो ठेकेदारी प्रणाली को सभी
विभागों में लागु कर निजीकरण को बढ़ावा दिया जा रहा है। हम मांग कर रहे हैं कि
आउटसोसर्ड मुलाजिमों के लिए सुरक्षित पालिसी बना कर लागु की जाए। किन्तु प्रशासन
सरकारी अदारों को ही निजी हाथों में सौंपने की तैयारी कर रहा है। सरकार की इस
निजीकरण की नीती के कारण आज पब्लिक सैक्टर का खात्मा हो रहा है। हम मांग करते हैं
कि केन्द्र सरकार व चण्डीगढ़ प्रशासन पब्लिक
सैक्टर को बेचने की बजाए इसको मजबूत करने के लिए काम करें तथा मुद्राकरण की नीति
को वापिस ले। हम चण्डीगढ़ प्रशासन से अनुरोध करते हैं कि चंडीगढ़ में इंडस्ट्रियल पीस बनाए रखने के लिए तथा स्वस्थ एंप्लॉयी
एंप्लॉयर संबंधों को बनाए रखने के लिए सीटीयू में किलोमीटर स्कीम के तहत डाली जा
रही बसों को निजी हाथों में सौपने की बजाए इसे प्रशासन अपने हाथों में लेकर रैगुलर
मुलाजिमों को भर्ती कर के चलाए बिजली विभाग मुनाफा कमा रहा उसे बेचा ना जाए हम अंत
में फिर मांग करते हैं कि बिजीली मुलाजिमों पर लगाए गए ईस्ट पंजाब एसेंशियल
सर्विसेज मेंटिनेंस एक्ट को तरूंत परभाव से वापिस लिया जाए तथा किलोमीटर स्कीम के
तहत डाली जा रही बसों के प्रस्ताव को भी तुरंत प्रभाव से वापिस लिया जाए एवं इसके
लिए लगाई गई बिड को रद्द किया जाए। अगर प्रशाशन मुलाजिमों के मसले हल नहीं करता
जल्द ही बड़े आंदोलन की शुरुआत की जाएगी जिस की जुमेवारी चंडीगढ़ प्रशासन की होगी।
कोऑर्डिनेशन की तरफ से डेलीगेशन में प्रधान सतिंदर सिंह, महासचिव राकेश कुमार, चेयरमैन अनिल कुमार, रागुबीर सिंह तथा राहुल वैद्य
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