Wednesday, 29 November 2023

NT24 News Link : नुक्कड़ नाटक “मस्ती मेलो की”....

 शिल्प मेलों के महत्व को दर्शाता है नुक्कड़ नाटक “मस्ती मेलो की”

विनय कुमार

चंडीगढ़

राजीव मेहता द्वारा लिखित एवं निर्देशित “मस्ती मेलो की” नाटक में दिखाया गया कि किस प्रकार हमारे समाज में मोबाइल फोन का अधिक प्रयोग होने से परिवार आपस में कितने टूटते चले गए । शहरों में एकल परिवार होने से शिल्प कलाओं और मेलों के महत्व को जान ही नहीं सके। नाटक के माध्यम से दिखाया गया कि गांव से दादा जी शहर में अपने बेटे के पास आते हैं और देखते हैं कि बेटा अपने दफ्तर चला गया बहू अपने काम पर चली गई और बच्चे अपने-अपने मोबाइल पर लगे हुए हैं और जबकि शहर में क्राफ्ट मेला लगा होता है दादा जी को बहुत बुरा लगता है कि आजकल के बच्चे और बड़े तमाम तरह के लोग मोबाइल फोन की गेमों पर अपना समय बिता रहे हैं आपस में कोई बातचीत नहीं, जिसे देखो सिर झुकाए मोबाइल में लगा हुआ  । संस्कृति का कुछ पता ही नहीं अपना समय व्यर्थ गवा रहे हैं, तब दादा जी बच्चों को अपने पोते पोतियो को मेला घूमाने लेकर जाते हैं और उन्हें बताते हैं कि हमारे समाज में मेलें का कितना महत्व है। हमारा कितना मनोरंजन होता हैं मेलों में अनेक राज्यों से अनेकों  टोंलियाँ आई होती है । जो हमें लोकगीत, लोक दर्शन, लोक नृत्यशिल्प कलाएं तथा भिन्न-भिन्न राज्यों की बोली भाषा के रूप में हमें कार्यक्रम दिखाते हैं। मेले शिल्प कलाएं, लोक गीत, लोक नृत्य और झांकियां हमारी संस्कृति पारंपरिक परिधान हमारे भारत की पहचान है, मेलों में हम अपने संपूर्ण भारत का दर्शन पाते हैं और बच्चे अपने दादाजी से वादा करते हैं कि वह उनके साथ रहेंगे और रोज उनसे किस्से और कहानी सुनेंगे । नाटक में बताया गया कि चंडीगढ़ में 10 दिवसीय नेशनल क्राफ्ट मेले का आरंभ  हो रहा है जिसमें अनेकों प्रकार के लोक गीतों संगीतो के माध्यम से दर्शकों का मनोरंजन किया जाएगा जिसमें चंडीगढ़ तथा अन्य राज्यों के  दर्शक भी इस मेले को देखने के लिए उत्साहित हो रहे हैं नाटक में भाग लेने वाले कलाकारों में राजीव मेहता, योगेश अरोड़ा, अवदेश कुमार, रमेश भारद्वाज, आशा सकलानी, राहुल हरप्रीत, निखिल, आशीष, बालकिशन, सुहराज, सनव, कनव, और संदीप टोनी ।

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