चंडीगढ़ डिफेंस एकेडमी में मनाया गया विजय दिवस, वीर सपूतों की दी गई श्रद्धांजलि
विनय कुमार
चंडीगढ़
इतिहास में 16 दिसंबर 1971 का दिन बेहद खास है. इस दिन को भारत में
विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है.इस मौके पर चंडीगढ़ डिफेंस एकेडमी के फैकल्टी व
स्टूडेंट्स ने भारतीय सेना के शौर्य और पराक्रम की याद
दिलाने वाला खास दिन को उन्हें याद किया। स्टूडेंट्स ने देशभक्ति के गीत गाये ,
इस अवसर पर एकेडमी के SSB विंग के ब्रिगेडियर
जे सिंह ने स्टूडेंट्स को देश के हरसमय मर मिटने की भावना को ध्यान में रखते हुए
एनडीए की तैयारी पर फोकस करने की सलाह दी . आज ही के दिन 1971 में भारत ने सिर्फ पाकिस्तान को युद्ध में बुरी तरह हराया था बल्कि उस समय
के पूर्वी पाकिस्तान यानी बांग्लादेश को पाकिस्तान के अलग कर नये देश की मान्यता
दिलाई थी. आज पूरा देश विजय दिवस मना रहा है. चंडीगढ़ डिफेंस एकेडमी के डायरेक्टर
आर्यन वशिष्ट ने कहा कि स्टूडेंट्स में एक बार फिर फ़ौज
में करियर बनाने का क्रेज़ दिखता है, और इसकी आवश्यकता भी है।
उन्होंने बताया कि इस बार दसवीं पास कर रहे सभी स्टूडेंट्स 26 जनवरी को हो रहे एंट्रेंस एग्जाम के लिये हमारी वेबसाइट पर फार्म भर अपीयर
हो सकते हैं। इस मौके जनरल एच जे सिंह ने बताया कि इसी दिन 13 दिनों तक चले युद्ध में भारतीय सेना ने पाकिस्तान को घुटने के बल ला दिया
था. बुरी तरह युद्ध में पाकिस्तान को मात दी थी. यहां तक की पाकिस्तान की 93000
सैनिकों ने भारतीय सेना के सामने आत्मसमर्पण किया था. इतनी तादाद
में दोनों विश्व युद्धों में भी किसी देश की सेना ने समर्पण नहीं किया था. इसके
अलावा भारतीय सेना ने पाकिस्तान की पूरी टैंक रेजिमेंट को खत्म कर दिया था. विश्व
युद्धों में भी इतनी संख्या में एक दिन में टैंक नहीं नष्ट किये गये थे जितना भारत
ने पाकिस्तान के टैंक एक दिन में तोड़े थे. पाकिस्तान से जीत की इसी खुशी में 16
दिसंबर के दिन भारत की थल सेना, नौसेना और
वायुसेना विजय दिवस के रूप में मनाती हैं.
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