मां सरस्वती को अपनी कला अर्पण करने से हमेशा उनकी कृपा बनी रहती है : पुरोहित सुनील चैटर्जी
बंग भवन में श्री सरस्वती पूजा के लिए
खास सेटअप बंगीय सांस्कृति समिति के कलाकारों ने बनाया : आठ फुट की वीणा
इंस्टॉलेशन बनी आकर्षण का केंद्र
विनय कुमार
चण्डीगढ़
बंगीय सांस्कृति समिति के कलाकारों
द्वारा श्री सरस्वती पूजा उत्सव के लिए सेक्टर-35 के बंग
भवन में कुटिया के रूप में सेटअप बनाया गया जिसके दोनों तरफ आठ फुट की वीणा
इंस्टॉलेशन को लगाया गया। इस कुटिया में मां की मूर्ति को पहले
विराजा गया। उसके बाद पुरोहित सुनील चैटर्जी ने पांच भिन्न-भिन्न प्रकार की चीजों
के साथ घाट स्थापना कर मां सरस्वती की पूजा-अर्चना की। उसके बाद पुष्पांजलि,
हवन-यज्ञ, आरती कर भोग प्रसाद बांटा गया। इस
पूजा के बाद "हाते खोड़ी' की रस्म अदा की गई। पहले
पुरोहित सुनील ने छोटे बच्चों का हाथ पकड़कर
स्लेट पर अक्षर लिखाए और लाइन ड्रा कराई। उन्होंने बताया, मान्यता है कि मां सरस्वती विद्या और ज्ञान की देवी हैं। उन्हें अपनी कला
अर्पण करने से हमेशा उनकी कृपा बनी रहती है। इसलिए बंगाली कम्युनिटी के अलावा पूजा
उत्सव में अन्य सभी ने भी मां के चरणों में कुछ न कुछ अर्पण किया ही, जैसे पीला फूल, पेन, ब्रश आदि।
वहीं स्कूल, कॉलेज के छात्र -छात्राओं ने मां सरस्वती के
चरणों में अपनी कलम, पेन, स्लेट,
मार्कशीट को पहले अर्पण किया और बाद में उसे अपने साथ लेकर गए।
समारोह में शाम में संध्या आरती के साथ मां की पूजा हुई। और क्लासिकल ईवनिंग में
सितार कंसर्ट के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।
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