Saturday, 21 July 2018

भगवान शिव को प्रिय सावन का महीना


                     भगवान शिव को प्रिय सावन का महीना

एन टी 24 न्यूज़ 
चंडीगढ़
भगवान शिव को प्रिय सावन का महीना शुरू हो गया है । इस महीने में सोमवार के दिन का तो महत्व होता ही है। साथ ही इसमें मंगलावर का भी विशेष महत्व है । ऐसी मान्यता है कि प्रबोधनी एकादशी से सृष्टि के पालन कर्ता भगवान विष्णु सारी जिम्मेदारियों से मुक्त होकर अपने दिव्य भवन पाताललोक में विश्राम करने के निकल लेते है और अपना सारा कार्यभार महादेव को सौंप देते है। भगवान शंकर पार्वती के साथ पृथ्वी लोक पर विराजमान रहकर पृथ्वी वासियों के दुःख दर्द को समझते है एंव उनकी मनोकामनाओं को पूर्ण करते हैं l
पौराणिक ग्रंथों के अनुसार भगवान शंकर ने जो विषपान किया थावह घटना भी सावन महीने में ही हुई थी तभी से यह क्रमअनवरत चलता  रहा है ।रौद्रावतार भगवान शिव की सौम्य मूर्ति एवं रूप का दर्शन मात्र श्रावण मास में ही संभव है l जैसा कि पुराणों में या विविधग्रन्थों में या लोकमत के रूप में यह प्रसिद्ध है कि भगवान रुद्र के 11 ही अवतार है। जो भाद्रपद से लेकर आषाढ़ माह तक 11महीनों में नाम के अनुरूप मासों में पूजित एवं सिद्ध किए जाते हैं। किन्तु श्रावण माह में शान्तसौम्यसुन्दरप्रफुल्लित एवंसन्तुष्ट भगवान शिव की अनुपम एवं मनमोहक मूर्ति सद्यः प्रसन्न एवं वरदायिनी होती है।इस महीने में भगवान शिव मुँह माँगा वरदान देने के लिए तत्पर रहते हैं। इसमें कोई संदेह नहीं कि इस श्रावण माह में सीधेसादे भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करके जो वरदान चाहें वह माँग लें। भक्त भगवान शिव के इस रूप की पूजा का खूब लाभउठाते हैं ।
भगवान शिव ही ऐसे देव हैं जो स्वयं तो वस्त्र हीन हैं। किन्तु सम्पूर्ण विश्व को अपनी भक्ति का आवरण प्रदान कर सारेदैहिक,  दैविक एवं भौतिक तापों से मुक्त कर देते हैं। स्वयं तो स्थायी निवास के अभाव में दरदर भटकते रहते हैं ।  किन्तुअपने भक्तों को मुक्ति का वरदान प्रदान कर सदा के लिए भ्रम एवं माया से परिपूर्ण सदा कष्टकारी जगत प्रपंच से छुटकाराप्रदान करते हैं एवं पारब्रह्म परमेश्वर अपने रूप में विलीन एवं स्थिर कर देते हैं ।
शिव को सावन ही क्यों प्रिय है ?
महादेव को श्रावण मास वर्ष का सबसे प्रिय महीना लगता है। क्योंकि श्रावण मास में सबसे अधिक वर्षा होने के आसार रहते है, जो शिव के गर्म शरीर को ठंडक प्रदान करती एंव हमारी कृषि के लिए भी अत्यन्त लाभकारी है। भगवान शंकर ने स्वयं सनतकुमारों को सावन महीने की महिमा बताई है कि मेरे तीनों नेत्रों में सूर्य दाहिने, बांये चन्द्र और अग्नि मध्य नेत्र है। हिन्दू कैलेण्डर में महीनों के नाम नक्षत्रों के आधार पर रखें गयें है । जैसे वर्ष का पहला माह चैत्र होता है, जो चित्रा नक्षत्र के आधार पर पड़ा है, उसी प्रकार श्रावण महीना श्रवण नक्षत्र के आधार पर रखा गया है। श्रवण नक्षत्र का स्वामी चन्द्र होता है। चन्द्र भगवान भोले नाथ के मस्तक पर विराज मान है। जब सूर्य कर्क राशि में गोचर करता है, तब सावन महीना प्रारम्भ होता है। सूर्य गर्म है एंव चन्द्र ठण्डक प्रदान करता है, इसलिए सूर्य के कर्क राशि में आने से झमाझम बारिस होती है। जिसके फलस्वरूप लोक कल्याण के लिए विष को ग्रहण करने वाले देवों के देव महादेव को ठण्डक व सुकून मिलता है। शायद यही कारण है कि शिव का सावन से इतना गहरा लगाव है ।
स्वयं सागपातभाँग-धतूरा एवं स्वादहीन खाद्य पदार्थ खाने वाले भगवान शिव अपने भक्तों को ज्ञानवैराग्यआत्मोन्नति,सत्यविवेकश्रद्धाविश्वास एवं प्रेम का विविध छप्पन भोगयुक्त विविध व्यंजन प्रदान करते हैं । स्वयं राखभस्म एवं धूलधूसरित शरीर वाले भगवान शिव अपने प्यारे भक्तों को यशकीर्तिप्रतिष्ठासम्मान आदि काविविध लेप प्रदान कर उन्हें दिव्य सुगन्ध फैलाने वाले बना देते हैं। भयंकर जहर की उग्र ज्वाला से संसार एवं जीव की रक्षाहेतु शंख में उस विष को रखकर पी जाने वाले भगवान साम्बसदाशिव नीलकण्ठ अपने भक्तों को भक्तिसंतोषन्याय एवंसदाचार के निर्मल अमर पेय पीने के लिए प्रदान करते हैं। तथा सदा भयंकर जीवों से घिरे रहने वाले त्रिपुरान्तकारी भगवानशिवशंकर अपने भक्तों को निर्मल गुणआध्यात्मिक चिन्तनकलुषतारहित विचारदूरदृष्टिपूर्णअन्तिम एवं उचितनिर्णय के रूप में सदा साथ रहने वाले परिजन प्रदान करते हैं । निःसंदेह भगवान भोलेनाथ अपने भक्तों को वह सब कुछ प्रदान करते हैं। जो अन्य किसी भी देवी-देवता की पूजा से सम्भवनहीं हैं। और तो और जो बिना अपने जीवन या मृत्यु का विचार किए तपस्या से प्रसन्न होकर भस्मासुर को वरदान दे सकते हैं । प्रसन्न होने के बाद वह औघड़ दानी भगवान शिव क्या नहीं दे सकते हैं ?
कांवर यात्रा को पद यात्रा को बढ़ावा देने के प्रतीक रूप में माना जाता है । पैदल यात्रा से शरीर के वायु तत्व का मन होता है ।कावर यात्रा के माध्यम से व्यक्ति अपने संकल्प बल में प्रखरता लाता है। वैसे साल के सभी सोमवार शिव उपन्यास के माने गएहैंलेकिन सावन में चार सोमवार श्रवण नक्षत्र और शिव विवाह की तिथि पड़ने के कारण शिव उपासना का महत्व बढ़ 
जाता है ।
विल्वपत्र ही क्यों ?
हम सभी ने गर्मियों में बेल का शरबत सेंवन किया होगा। बेल वात, पित्त व कफ को नियन्त्रित करता है तथा पाचन संस्थान को बलवान बनाता है। आयुर्वेद में बेल की बड़ी महिमा बताई गई है। यह एक जगंली पेड़ जो आम-तौर पर लोग अपने घर में इसे नहीं लगाते है। बेल की पत्तियों को जितना तोड़ा जायेगा इस पेड़ का उतना ही विकास होगा। यह प्रकृति की अनमोल कृति बची रही है, इसलिए इसकी पत्तियों को भगवान शंकर पर चढ़ाया जाता है।
बिल्वपत्र कैसे चढ़ायें?
1- बिल्वपत्र भोले नाथ पर सदैव उल्टा रखकर अर्पित करें ।, 2- बिल्वपत्र में चक्र एंव वज्र नहीं होने चाहिए। कीड़ो द्वारा बनायें हुये सफेद चिन्हों को चक्र कहते है और डंठल के मोटे भाग को वज्र कहते है ।, 3- बिल्वपत्र कटे या फटे न हो। ये तीन से लेकर 11 दलों तक प्राप्त होते है। रूद्र के 11 अवतार है, इसलिए 11 दलों वाले बिल्वपत्र चढ़ायें जाये तो महादेव ज्यादा प्रसन्न होंगे ।, 4- बिल्वपत्र चढ़ाने से तीन जन्मों तक पाप नष्ट हो जाते है ।, 5- शिव के साथ पार्वती जी पूजा अवश्य करें तभी पूर्ण फल मिलेगा ।6- पूजन करते वक्त रूद्राक्ष की माला अवश्य धारण करें ।, 7- भस्म से तीन तिरछी लकीरों वाला तिलक लगायें ।, 8- शिवलिंग पर चढ़ाया हुआ प्रसाद ग्रहण नहीं करना चाहिए ।, 9- शिवलिंग की आधी परिक्रमा ही करें ।, 10- शिव जी पर केंवड़ा व चम्पा के फूल कदापि न चढ़ायें ।, 1- ऊॅ अघोराय नामः।, 2- ऊॅ शर्वया नमः ।, 3- ऊॅ महेश्वराय नमः ।, 4- ऊॅ ईशानाय नमः ।, 5- ऊॅ शूलपाणे नमः ।, 6- ऊॅ भैरवाय नमः ।, 7- ऊॅ कपर्दिने नमः ।, 8- ऊॅ त्रयम्बकाय नमः ।, 9- ऊॅ विश्वरूपिणे नमः ।, 10- ऊॅ विरूपक्षाय नमः ।, 11- ऊॅ पशुपते नमः।
राशियों के मुताबिक भोले बाबा को प्रसन्न करें
मेष- ऊॅ मंगलाय नमः का जप करें एंव मीठे जल से अभिषेक करें ।, वृष- ऊॅ तेजोनिधाय नमः का जप करें तथा दही से अभिषेक करें ।, मिथुन- ऊॅ वागीशाय नमः का उच्चारण करें एंव बिल्प पत्र, भाग, धतूरा आदि चढ़ायें ।, कर्क- ऊॅ सोमाय नमः का जप करें व दूध व मिश्री मिलाकर आभिषेक करें ।, सिंह- ऊॅ बभ्रवे नमः मन्त्र का उच्चारण करके जल से अभिषेक करें ।, कन्या- ऊॅ जीवाय नमः मन्त्र का जाप करें एंव कुशा व दूर्वा चढ़ायें ।, तुला- ऊॅ भूमिपुत्राय नमः का उच्चारण करते हुये दूध से अभिषेक करें।
वृश्चिक- ऊॅ महीप्रियाय नमः का जप करते हुये गन्ने के रस से अभिषेक करें ।, धनु-ऊॅ भुजाय नमः का उच्चारण करें तथा कनेर का फूल व धतूरा चढ़ायें ।, मकर- ऊॅ गंगाधराय नमः मन्त्र का जप करते हुये बिल्पपत्र व शमी की पतिया चढ़ायें ।, कुम्भ- ऊॅ नीलकमलाय नमः का जप करें तथा रूद्राष्टक का पाठ करें ।, मीन- ऊॅ भास्कराय नमः मन्त्र का उच्चारण करते हुये दूध, दही, घी आदि से अभिषेक करें ।
शिव जी पर कौन सा पुष्प चढ़ाने से क्या लाभ होगा?
बिल्वपत्र चढ़ाने से- पापों से मुक्ति मिलेगी ।, कमल का फूल चढ़ाने से- धन वृद्धि एंव शान्ति प्राप्त होगी ।, कुशा के चढ़ाने से- मुक्ति एंव सौभाग्य में वृद्धि होगी ।, दूर्वा चढ़ाने से- आयु में वृद्धि तथा दुर्घटना से रक्षा ।, आक का फूल चढ़ाने से- पद, प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी ।, कनेर का फूल चढ़ाने से- शरीर निरोगी होगा और कष्टों में कमी आयेगी ।, शमी पत्र चढ़ाने से- पापों का नाश होगा एंव विरोधियों का दमन होगा ।
सोमवार को क्या चढ़ायें?
सावन के प्रत्येक सोमवार को शिव जी पर कोई विशेष वस्तु अर्पित की जाती है, उसे शिव मुटठी कहते है । पहला सोमवार- एक मुटठी कच्चे चावल चढ़ाने से लाभ होता है । दूसरा सोमवार- एक मुटठी सफेद तिल चढ़ायें । तीसरा सोमवार- एक मुटठी हरी वाली खड़ी मूंग चढ़ायें । चौथा सोमवार- एक मुटठी जौ आर्पित करें । पांचवा सोमवार- एक मुटठी बेसन का सेतुआ चढ़ायें । यदि सावन में पांच सोमवार न पड़े तो अन्तिम सोमवार को दो मुटठी सूखे मेवा व मीठे का भोग चढ़ायें । सावन महीने के हर दिन पूजन करने का भिन्न-2 फल रविवार- इस दिन शिव जी का विधिवत पूजन करने से सन्तान का विकास एंव पाप का नाश होगा । सोमवार- इस दिन शिव जी का पूजन करने से घर की स्त्रिया स्वस्थ्य रहेंगी और धन का लाभ होगा । मंगलवार- इस दिन शंकर जी का पूजन करने से शरीर निरोग होगा एंव भाईयों का आपस में प्रेम बढ़ेगा । बुधवार- इस दिन शंकर जी का पूजन करने से बुद्धि का विकास होगा और सन्तान का पढ़ाई में मन लगेगा । गुरूवार- इस दिन भोले बाबा का पूजन करने से पुत्र-पौत्रादि में वृद्धि होगा व आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होगी । शुक्रवार- इस दिन शंकर जी का पूजन करने से वैवाहिक जीवन में मधुरता आयेगी एंव भौतिक संसाधनों की वृद्धि होगी । शनिवार- इस दिन महादेव जी का पूजन करने से रूके हुये कार्य बनेंगे तथा शत्रुओं का दमन होगा ।
कैसे करें व्रत का पालन
सावन मास में सोमवार के दिन भगवान शिव का व्रत करना चाहिए और वर्त के बाद भगवान श्री गणेश जीभगवान शिव जी,माता पार्वती  नंदी देवी की पूजा करनी चाहिएसावन में सोमवार का व्रत करने वाले को दिन में एक बार भोजन करनाचाहिए और ब्रह्म मुहूर्त में उठ कर पूरे घर की सफाई कर स्नानादि से निवृत्त होने के वाद गंगाजल या पवित्र जल पूरे घर मेंछिड़के साथ ही घर में ही किसी पवित्र स्थान पर भगवान शिव की मूर्ति या चित्र स्थापित करेंतो पूजन सामग्री में जलदूधदहीचीनीघीशहदपंचामृतमोलीवस्त्र,चंदनरोरी चावलफूलबेलपत्रभांगधतूरा,कमलगठाप्रसादपानसुपारी लौंगइलाइची  दक्षिणा चढ़ाया जाता है सावन सोमवार व्रत सूर्योदय से प्रारंभ कर तीसरेपहर तक किया जाता है l शिव पूजा के बाद सोमवार व्रत की कथा सुननी 
आवश्यक है ।
मदन गुप्ता सपाटू , ज्योतिर्विद्, चंडीगढ़। मो- 9815619620


गार्बेज कलेक्टर ने किया भरा बटुआ लौटा कर मिसाल कायम


गार्बेज कलेक्टर ने  किया भरा बटुआ लौटा कर मिसाल कायम
एन टी 24 न्यूज़

चण्डीगढ़
एक निम्न तबके के बाशिंदे बलविंदर ने हज़ारों रुपयों व जरूरी कागजातों से भरा बटुआ लौटा कर मिसाल कायम करते हुए एक बार फिर साबित कर दिया कि ईमानदारी अभी जिन्दा है । प्राप्त विवरण के मुताबिक़ ये बटुआ सेक्टर 28 की आयुर्वेदिक डिस्पेंसरी के इंचार्ज व आयुष मिशन के नोडल इंचार्ज डॉ. राजीव कपिला का था जो उस समय कहीं गिर गया जब वे सोमवार को अपनी सरकारी गाडी की बजाये साईकिल द्वारा सेक्टर २२ स्थित अपने निवास से डिस्पेंसरी को जा रहे थे । ऑफिस पहुँच कर उन्होंने पाया कि पेंट की पिछली जेब से उनका बटुआ नदारद है तो उन्होंने दो बार उसी रस्ते से घर तक अपने कर्मचारी के गाडी से दौड़ लगाई परन्तु बटुआ नहीं मिला । बटुए में लगभग 14 हज़ार रूपए नगद के अलावा कई जरूरी कागजात थे परन्तु ऐसा कोई कार्ड या अन्य कागज़ नहीं था जिससे बटुआ पाने वाला उनसे संपर्क कर पाता। आज अचानक उन्हें समाजसेवी व सेक्टर 27 की आरडबल्यूए  (रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन) की पूर्व प्रधान व अब सलाहकार शिखा निझावन का फ़ोन आया जिन्होंने उनसे बटुआ गुम होने के बारे में पूछा तो डॉ. कपिला ने पुष्टि कर दी व डिस्पेंसरी बुला लिया। शिखा निझावन ने जानकारी देते हुए बताया कि उनके क्षेत्र में गार्बेज कलेक्शन का काम करने वाले बलविंदर, सपुत्र भूप सिंह, को ये बटुआ सेक्टर 27-डी की मार्किट के सामने मुख्य सड़क पर मिला था परन्तु इसमें कोई पता आदि ना होने के कारण उसने ये बटुआ उन्हें सौंप दिया। काफी मगज-पच्ची के बाद एक नं. मिला जिससे बटुए के असली मालिक का पता लग सका। इंदिरा कॉलोनी निवासी बलविंदर के घर में माँ-बाप व पत्नी के अलावा दो बेटे व एक बेटी है तथा अकेला बलविंदर ही कामकाजी है। उसकी ईमानदारी से प्रभावित होकर डॉ. कपिला व शिखा निझावन ने उसे सम्मानित किया व नगद इनाम देकर प्रोत्साहित किया ।


Administrator inaugurates office of Ch​​​​​​​​​​andigarh Smart City Ltd


Administrator inaugurates office of Ch​​​​​​​​​​andigarh Smart City Ltd

 National Tele24 News

Chandigarh
  Sh. V.P. Singh Badnore, Governor of Punjab and Administrator, UT, Chandigarh today inaugurated the office of Chandigarh Smart City Limited at over bridge Sector 17 Chandigarh in presence of Sh. Davesh Moudgil, Mayor, Sh. Arun Kumar Gupta, Home Secretary, UT, Chandigarh, Sh. K.K. Yadav, IAS, Commissioner, MCC-cum-CEO, Chandigarh Smart City Ltd, Dr. Saurabh Mishra, IAS, Additional Commissioner other senior officers and councilors of MCC
  While addressing the gathering, the Administrator said that the Smart City Mission was announced by the Government of India in June 2015. Chandigarh was selected in fast track round of smart City challenge for the Smart City Mission. He said that under the Smart City Mission project worth 6100 crores have been proposed. Projects to be implemented by SPV are worth Rs. 5700 crores, projects worth 4900 crores are expected to be carried out in PPP model. The Smart city project also involves Projects worth Rs. 400 crores under convergence rest of the projects are to be implemented through.
   The Administrator said that the Area Based Development (ABD) proposal aspires to address the key issue that emerged out of citizen engagement and focuses on the theme of “Prevention is better than cure”. The ABD Area of Chandigarh as a model smart area has a huge potential of becoming a model smart area with the various features. The Administrator asked the officers to start sharing some of projects, which NGOs or corporate houses can do under CSR activities like beautification of sites, maintenance of public utilities etc. While sharing about the model smart area under ABD proposal, Sh. Davesh Moudgil, Mayor of Chandigarh said that there are various features including Model of sustainability and low-carbon mobility with innovation transportation solutions ensuring last-mile connectivity. Model for healthy living with active lifestyle choices; walkable, disable-friendly and well-connected; compact and mixed-use area with investments in green infrastructure, he added.
The Commissioner further said that there is a model of social equity that emphasizes investments and enhancement of public space (public realm, streets, plazs or building etc) catering to the needs and comfort of all irrespective of age, gender or income levels. And also a vibrant regional centre building upon region’s knowledge industry and providing pro-innovation and business infrastructure and environment, the Commissioner added.
Talking about the PAN city proposal, Sh. K.K. Yadav, IAS, Commissioner MCC said that Pan City Proposal is to improve public life and safety, and livability using Intelligent Multi-modal command & control centre, OFC as backbone of smart city communication, city Surveillance and ATCS for 40 Major Junctions. He said that the city has also decided to implement some of the proposal of Area Based Development as pan city, which include A part of fund from Smart City Mission would be set apart to leverage loan from AFD for 24x7 water supplying whole city, public bike sharing has been planned to scale it up to city level, all the STPs are Proposed to be upgraded to tertiary level with BoD 5, Instead of Area Based Treatment improvement options pan city works are being undertaken.The Smart City office constructed as state of art office with modern facilities having provisions of two floors measuring 15310 square feet in total at a total cost of Rs. 6.74 crores. The CEO office, PA to CEO room, Conference room, seven rooms of HODs, server room, 24 work stations, reception area, lift & toilets, circulation area and pantry has been provided in first floor. Similarly, meeting room, two main offices/cabin, six rooms of HODs, 40 work stations, circulation area, lift & toilet and pantry have been provided in the second floor.



युवा कांग्रेस ने किया हरसिमरन के खिलाफ प्रदर्शन


युवा कांग्रेस ने किया हरसिमरन के खिलाफ प्रदर्शन



एन टी 24 न्यूज़
चण्डीगढ़
चण्डीगढ़ युवा कांग्रेस ने गत रोज संसद में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ अभद्र भाषा इस्तेमाल करने के खिलाफ डडूमाजरा में आज नारेबाजी की व प्रदर्शन किया। बाद में पुतला भी फूंका। इस मौके पर युवा कांग्रेस के उपाध्यक्ष लव कुमार व  संजीव कुमार, सोशल मीडिया प्रभारी विनायक बंगिया, सुनील यादव, जानू मलिक, आशीष  गजनवी, गौरव वशिष्ठ व उमेश आदि शामिल थे।


सुरेश कुमार बने सी इ यू एम् सी के प्रधान


सुरेश कुमार बने सी इ यू एम् सी के प्रधान
एन टी 24 न्यूज़
चंडीगढ़
सीवरेज इम्प्लायिस्ज़ यूनियन एमसी चंडीगढ की सालाना इलेक्शन मतदान द्वारा वाटर वर्कस सेक्टर 32 में हुई | जिसमें प्रधान पद के लिए दो उमीदवारों ने अपने नाम कन पत्र भरे जिसमें श्री सुरेश कुमार जिनका चोन निशान शेर और  जगबीर  सिंह जिनका चोन निशान चढ़ता सूरज था | जिसमें  सुरेश कुमार प्रधान को 63 वोट पढ़े और जगबीर सिंह को 13 वोट | जिससे सुरेश कुमार 50 वोटों से विजेता रहे | सुरेश कुमार लगातार चौथी बार प्रधान बने |



प्रसिद्ध वैज्ञानिक व लेखक एस.एस सहोता नहीं रहे


प्रसिद्ध वैज्ञानिक व लेखक एस.एस सहोता नहीं रहे : अंतिम संस्कार कल

कैंसर की बीमारी से जूझते हुए अपने अनुभवों पर आधारित एक किताब भी लिखी जिसे मैडिकल फ्रैटरनिटी के बीच खूब सराहा गया व कैंसर के मरीजों के लिए भी ये बहुत उपयोगी साबित हुई

एन टी 24 न्यूज़
मोहाली
सेवानिवृत्त वैज्ञानिक एस.एस सहोता का गत वीरवार मोहाली के एक निजी  अस्पताल में स्वर्गवास हो गया । सहोता चण्डीगढ़ स्थित सीएसआईओ, सेक्टर 30 से वर्ष 2002 में रिटायर्ड हो गए थे । वे 76 साल के थे । वे पिछले कुछ समय से कैंसर जैसी घातक जानलेवा बीमारी से जूझ रहे थे जिसका इलाज मोहाली के एक अस्पताल में चल रहा था जहां बीती 19 जुलाई को जीवन व मौत की लड़ाई लड़ते हुए उनका देहांत हो गया । अपनी रिटायरमेंट के बाद से ही उन्हें पंजाबी लिटरेचर में विशेष दिलचस्पी हो गई और उन्होनें हयूमन बिहेवियर और जिदंगी की सच्चाई पर आधारित कई कविता-कहानियां लिखी। इसी बीच उन्होनें कैंसर की बीमारी से जूझते हुए अपने अनुभवों पर आधारित एक किताब भी लिखी जिसे मैडिकल फ्रैटरनिटी के बीच खूब सराहा गया व कैंसर के मरीजों के लिए भी ये बहुत उपयोगी साबित हुई । उनका अतिंम संस्कार मोहाली के क्रिमेशन ग्राउंड में कल 22 जुलाई को दोपहर 12 बजे किया जाएगा ।
                                                                           

Unvieling of Portrait of Dr Mulk Raj Anand at PU


Unvieling of  Portrait of Dr Mulk Raj Anand at PU


NT24 News

Chandigarh
Prof B N Goswamy, eminent historian and Emiritus Professor, Deptt of Art, History and Visual Arts, Panjab University and recipient of Padma Bhushan 2008 and PU Gian Rattan Award 2018, unvieled the portrait and write up of Dr Mulk Raj Anand in the foyer of the auditorium , Arts Block I, Panjab University, Chandigarh, here today in the presence of  Prof Arun K Grover, VC,PU. Prof Goswamy said that Dr Anand was truly Rennaisance man whose rare sense of art,literature and politics remains unparallel to this day. He shared  his cherished memories  about Dr Anand. He  informed that Dr Anand promoted art in a big way and even motivated all towards art like he was an agent to do so. He valued Dr Anand in high esteem. He further added that The Fine Arts  Museum here at PU is having one of the most valuable and finest collections of Art pieces which has great contribution of Dr Anand. In the 1960’s he served as Tagore Professor of Literature and Fine Arts ,PU, he added.
    Dr Deepti Gupta, Chairperson Deptt of English presented her gratitude to the guest of honour. Deans,all senior PU offials, faculty, wardens and staff members were present on the occasion.






Meeting with officers regarding " Chandigarh Smart City Limited "


Meeting  with officers regarding   " Chandigarh Smart City Limited " 

NT24 News

Chandigarh,
The Punjab Governor and Administrator, UT, Chandigarh, Shri V.P. Singh Badnore in a meeting  with officers after inaugurating the  "Chandigarh Smart City Limited" office at over bridge, Sector-17, Chandigarh on Saturday, July 21, 2018.

क्या एक महीने में तीन ग्रहण किसी बड़े भूकंप की पूर्व सूचना हैं ?


 क्या एक महीने में  तीन ग्रहण किसी  बड़े भूकंप की पूर्व सूचना हैं ?

एन टी 24 न्यूज़
चंडीगढ़
इस साल कुल मिला कर 5 ग्रहणों का योग बनता है जिसमें से 31 जनवरी चंद्र ग्रहण , 15/ 16 फरवरी सूर्यग्रहण , 13 जुलाई सूर्यग्रहण घटित हो चुके हैं । अब केवल 27/ 28 जुलाई को सबसे लंबा  चंद्रग्रहण तथा 11 अगस्त को सूर्य ग्रहण लगेंगे। यहां ज्योतिषीय दृष्टि से विचारणीय प्रशन है कि 13 जुलाई से लेकर 11 अगस्त के मध्य तीन ग्रहण पड़ रहे हैं। इन लगातार 3 ग्रहणों का फलित क्या है ? ज्योतिषीय नियमों के अनुसार ,ग्रहण लगने के 41 दिन पहले व 41 दिन बाद तक भूकंप आने की प्रबल संभावना रहती है। दूसरे ज्योतिषीय नियम के अनुसार जब भी मंगल या शनि ब्रहमांड में एक दूसरे से 180 डिग्री दूर होंगे या ये एक दूसरे की राशि में होंगे या उनकी आपस में एक दूसरे पर दृष्टि होगी तो भी भूकंप अवश्यंभावी हो जाते हैं।भूकंप की संभावना तब और बढ़ जाती है जब सूर्य नीच राशि तुला में हो। इसके अलावा जब कोई बड़ा ग्रह राशि परिवर्तन करता है या वक्री अथ्वा मार्गी होता है तब भी धरती कहीं न कहीं डगमगाने लगती है । यदि इस साल के अंतिम ग्रहण से हम गणना करें तो 10 सितंबर तक की अवधि में सुनामी, भूकंप जैसी बड़ी आपदा आ सकती है क्योंकि एक मास में तीन ग्रहण आपदा का ही संकेत देते हैं। इस वर्ष का राजा सूर्य और मंत्री शनि है तथा 2018 चंद्रकारक होने से जल द्वारा विनाश की संभावना को अधिक दर्शाता है। उल्लेखनीय है कि 6 सितंबर को शनि मार्गी होगा। 
     यदि आप इतिहास में भूकंपीय आंकड़े या विनाशकारी तारीखें ढूंढे तो आपको 26 तारीख अवश्य नजर आएगी। चीन ,जापान,ताईवान, युगोस्लाविया, ईरान, अफगानिस्तान, पुर्तगाल भारत में गुजरात, नेपाल आदि में सुनामी जैसी आपदाओं की तारीखें हमेशा 26 रही हैं। गत सालों मे 26 अप्रैल को नेपाल हिल गया तो 26 अक्तूबर को पाकिस्तान और उत्तरी भारत । सुनामी भी 26 दिसंबर,2004 को आई थी । अंक 8 शनि का अंक है। इस साल का मंत्री शनि है। भूकंपों का  कारण शनि की गति रही है। आस पास ग्रहण लगे हों या कोई बड़ा ग्रह अपनी गति बदल रहा हो, धरती का आंतरिक संतुलन अवश्य बिगड़ जाता है। अतः अगस्त व सितंबर  तक भूकंपों, बाढ़ों, सुनामी आदि की आशंका बनी रहेगी। आने वाले महीनों में 17, 26 जैसी तिथियों में अधिक सावधान रहना चाहिए । मोदी  जी का भी नंबर 8 है, प्रधानमंत्री पद की शपथ भी 26 मई को ली थी और अपना तो गणतंत्र भी 26 जनवरी का है । हमें सागर के तटीय क्षेत्रों एवं हिमालय के पहाड़ी क्षेत्रों उत्तरा खंड, उत्तर पूर्वी खंड में सावधान रहना चाहिए। भूकंपों की पुनरावृति ऐसी ग्रह स्थिति में संभावित रहती हैं ।
क्या कहते हैं वैज्ञानिक और ज्योतिषी ?
मदन गुप्ता सपाटू, ज्योतिर्विद्
    देश के चार बड़े सस्थानों  ने भी 2004 से लेकर 2013 तक आए 423 भूकंपों का अध्ययन  करने के बाद  अनुमान लगाया है कि इस वर्ष 8 से अधिक तीव्रता वाला भूकंप आ सकता है। इन संस्थानों में वाडिया इस्टीटयूट देहरादून, हैदराबाद, केरल तथा आई आई टी खड़गपुर के वैज्ञानिक शामिल हैं । भूकंप कब और कहां आएगा , इस बारे कोई भी वैज्ञानिक सटीक भविष्यवाणी देने में अस्मर्थ है परंतु ज्योतिष इसका कुछ अनुमान लगा सकता है । आठवें तथा नौवें  महीने में , 8,17,26 जैसी  कोई तिथि हो सकती है भूकंप की ।  अतः इन दिनों के आस पास हिमालयन प्रदेशों  में आपदा प्रबंधन को सतर्क रहने की आवश्यकता है ।  मदन गुप्ता सपाटू, ,98156 19620



Friday, 20 July 2018

बहन सुदीक्षा होंगी निरंकारी सद्गुरु

बहन सुदीक्षा होंगी निरंकारी सद्गुरु

एन टी 24 न्यूज़ 
चण्डीगढ

  संत निरंकारी मिशन के सामयिक सद्गुरु माता सविन्दर हरदेव जी महाराज के आदेश व आशीर्वाद से परमपूज्य बहन सुदीक्षा जी को सद्गुरु एवं संत निरंकारी मिशन के आध्यात्मिक प्रमुख के रूप में घोषित किया गया है । यह जानकारी सन्त निरंकारी मण्डल, प्रेस एवं पब्लिसिटी के मैम्बर इंचार्ज, श्री कृपा सागर जी, ने दी  उन्होने आगे बताया कि औपचारिक समारोह बुराड़ी रोड दिल्ली में स्थित निरंकारी आध्यात्मिक स्थल, ग्रांउड में सद्गुरु माता सविन्दर हरदेव जी महाराज की छत्रछाया में सम्पन्न होगा ।