बीएएसएफ का नया कीटनाशक किसानों को देगा आवश्यक
उच्च-क्षमता वाले उत्पाद
चंडीगढ़,
19 जून, 2018:
बीएसएएफ द्वारा आज सेफिना नामक
कीटनाशक के लॉन्च के साथ भारत के किसान अपनी फसलों की सुरक्षा कर सकेंगे और
पैदावार बढ़ा सकेंगे । यह नया समाधान, बीएएसएफ के
नये क्रियाशील अवयव,
इंस्कैलिस से तैयार किया गया है । इंस्कैलिस एक नये
रासायनिक वर्ग ‘पाइरोपीन’ का पहला कीटनाशक है ।
प्रमुख कीटनाशकों के नियंत्रण हेतु नये तरह का एक्शन प्रदान करने वाला, सेफिना एकीकृत कीटनाशक नियंत्रण प्रोग्राम के
तहत प्रतिरोध से लडऩे के लिए किसानों को एक शक्तिशाली समाधान उपलब्ध कराता है ।
सेफिना,
छेद करने वाले और चूसने वाले कीटों जैसे-जसिड्स और व्हाईट लाई
(दोनों वयस्क एवं शुरूआती निस) को नियंत्रित करने हेतु कपास एवं अन्य सब्जी वाली
फसलों पर उपयोग हेतु पंजीकृत है ।
चंडीगढ़ में लॉन्च हेतु आयोजित कार्यक्रम के
अवसर पर,
क्रॉप प्रोटेक्शन
एशिया पैसिफिक के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट, गुस्तावो
पैलेरोसी कार्निरो ने कहा,
‘‘भारत के फसल उत्पादक अब हमारी नवीनतम तकनीक से लाभान्वित
होने वाले दुनिया के पहले कृषक समुदाय हैं । कृषि कार्य धरती का सबसे बड़ा कार्य
है । बीएएसएफ में,
हम किसानों की आवश्यकताओं को समझने हेतु उनकी राय जानने और
उनके साथ मिलकर काम करने के लिए समर्पित हैं, ताकि हम अपनी
दक्षता का उपयोग कर इस विशाल चुनौती का सफलतापूर्वक सामना करने में उनकी मदद कर
सकें ।’’
इंसेक्टिसाइड्स के वैश्विक विपणन
प्रबंधक,
जोएल डी. जॉनसन ने कहा, ‘‘सेफिना का असर दिखाने का अनूठा तरीका छेदने-चूसने वाले कीटों के नियंत्रण हेतु
सटीक समाधान तैयार करने हेतु सहयोगात्मक एवं खोजपरक विधि का परिणाम है । उन्होंने बताया, यह नई खोज
वर्तमान मानकों की तुलना में उपयोग की कम-से-कम रासायनिक मात्रा के साथ तरह-तरह के
फसली और अफसली कीटाणुओं के उपचार हेतु दुनिया भर के अपने ग्राहकों की सहायता करने
के प्रति हमारी वचनबद्धता की पुनर्पुष्टि है ।’’
सेफिना के क्रियाशील अवयव इंस्कैलिस को
बीएएसएफ और मेजी द्वारा साथ मिलकर विकसित किया गया और जापानी कंपनी मेजी सीका
फार्मा कंपनी लिमिटेड (मेजी) एवं किटासातो इंस्टीट्युट के डॉ. सतोषी ओमुरा, जो वर्ष 2015 में औषधि के क्षेत्र
के नोबेल पुरस्कार विजेता भी हैं, द्वारा आरंभिक रूप से
इसकी खोज की गयी। यह सहयोग ऐसे नये-नये क्रियाशील अवयवों को खोजने, तैयार करने और उन्हें लाने के बीएएसएफ के निरंतर प्रयासों
का हिस्सा है,
जिससे कि किसान अधिक टिकाऊ तरीके से फसली कीटों को
नियंत्रित कर सकें।
बीएएसएफ इंडिया लिमिटेड के
चेयरमैन और प्रबंध निदेशक,
डॉ. रमण रामचंद्रन ने कहा, ‘‘बीएएसएफ,
भारतीय उद्योग एवं कृषि को उनकी संभावना को अधिकाधिक बढ़ाने
में सहायता करने हेतु वचनबद्ध है। भारतीय फसल उत्पादकों के लिए सर्वाधिक उन्नत
समाधानों की सुलभता सुनिश्चित होनी चाहिए, ताकि वे बेहतर
पैदावार प्राप्त कर सकें ।’’
भारत में, बीएएसएफ ने बाजार से निकटता सुनिश्चित करने हेतु लगभग 200 फसल सुरक्षा विशेषज्ञों की समर्पित टीम लगा रखी है, और यह कपास, सोयाबीन, मक्का, चावल, गेहूं, फल एवं सब्जियों सहित
सभी प्रमुख फसलों के लिए उन्नत फसल सुरक्षा समाधान उपलब्ध कराने वाले भारत के
अग्रणी प्रदाताओं में से एक है। बीएएसएफ ने स्थानीय एवं वैश्विक कृषि शोध पर जोर
देने के साथ वर्ष 2015 में पुणे में अपना कृषि शोध स्टेशन स्थापित किया। यह कंपनी, जैविक संश्लेषण, उन्नत
प्रक्रिया एवं संरूपण शोध,
आधुनिक कृषि समाधानों हेतु डिस्कवरी केमिस्ट्री एवं
मॉलिक्युलर मॉडलिंग पर जोर देते हुए नवी मुंबई, भारत के अपने
ठाणे साईट पर वैश्विक शोध एवं विकास केंद्र का परिचालन भी करती है। दुनिया भर में, बीएएसएफ हर वर्ष फसल सुरक्षा शोध पर लगभग 500 मिलियन डॉलर का निवेश करता है।
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