100 विद्याथियों में कुलपति डा. राज बहादुर ने किए डिप्लोमे
प्रदान
एन टी 24 न्यूज़
चण्डीगढ
सैक्टर 16 स्थित गांधी
स्मारक भवन में प्राकृतिक चिकित्सा का प्रथम दीक्षांत समारोह आयोजित किया। समारेह
में मुख्य अतिथि बाबा फरीद विश्वविद्यालय के कुलपति डा. राज बहादुर ने लगभग 100 विद्याथियों को उनके डिप्लोमा प्रदान किए। इस अवसर डा. राज बहादुर ने कहा
कि उन्हें बहुत खुशी है कि प्रथम दीक्षांत समारोह में उन्हें डिप्लोमा बाँटने के
लिए बुलाया गया। ये गांधी स्मारक भवन और उनकी जिन्दगी में मील पत्थर साबित होगा
उन्होंने खुल कहा प्राकृतिक चिकित्सा प्राचीन समय से चली आ रही। इस चिकित्सा की न
केवल मुक्त कण्ठ से प्रशंसा की बल्कि बताया कि समुद्र मथंन के समय चैदह रत्नों में
से धनवन्तरी भी प्रकट हुए थे । जिन्होंने इस पद्वति को मानवीय चिकित्सा के लिए
श्रेष्ठ बताया उल्लेखनीय है कि बाबा फरीद मेडिकल सांइन्स यूनिवर्सिटी के वाइस
चान्सलर डा. राज बहादुर किसी परिचय के मोहताज नहीं है। इस चिकित्सा के बारे में खुलासा
करते हुए उन्होंने कहा कि यह परम्परा सदियो से चलन में है। तथा पंचतत्व यानि पानी, गगन,वायु, अग्नि, पृथ्वी से निर्मित है। शरीर को इन्ही तत्वों में विकार होने से उत्पन्न
बिमारियों को ठीक करके ही शरीर को निरोग रखा जा सकता है।
डा. राज बहादुर ने यहां प्राकृतिक चिकित्सा की तारीफ की वहीं कहा कि गम्भीर बिमारी पर वह
रोगी पर प्रयोग न कर उसे तुरन्त सम्बधित डॉक्टर के पास भेजें । डा. राज बहादुर ने कहा कि ये डिप्लोमा लेकर
छात्र-छात्रायें इसे न केवल दीवार पर टागें इसका समाजे के कल्याण के लिए प्रयोग
करें । उन्होनें डिप्लामा को डिग्री में बदलने के लिए किसी विश्वविद्यालय से जोडने
के लिए मदद का आश्वासन लिया । कार्यक्रम में विशेष अतिथि के तौर पर शामिल हुए
निदेशक सूचना व लोक संपर्क यु.टी. राकेश
पोपली ने कहा कि ये प्राकृतिक चिकित्सा हर तरह से मददगार है l चण्डीगढ के अलावा
पंजाब के किसी युर्निवसिटी से संबध करवाने में इसका प्रयास करेंगे अध्यक्षीय भाषण
में शारदा जी ने बताया कि प्राकृतिक चिकित्सा प्रदान करने के लिए पट्टीकल्याणा
(पानीपत) हरियाणा में एक बढा हस्पताल चलाया जा रहा है । समिति के सचिव देवराज त्यागी
ने इस मौके पर बताया कि पद्धिति दिन प्रतिदिन लोकप्रिय होती जा रही है । इस प्रथम दीक्षांत
समारोह में अनेकों प्राकृतिक चिकित्सकए पत्रकार, समाज सेवक, तथा कलाकार उपस्थित
थें । कुछ विशिष्ट व्यक्ति नलिन आचार्य. डा. पूजा, डा. आनन्द राव, प्रज्ञा शारदा,कंचन त्यागी, प्रेम विज, सोहन सिंह काजल, एन- शर्मा, डा.संदीप पोब्बी रहे । मंच संचालन डा.
दलजीत कौर ने किया । इस अवसर पर उपस्थित विद्यार्थी भी काफी खुश थे तथा उन्होंने
बताया कि इस चिकित्सा से जुड कर उन्हें आंतरिक सकून मिला है समिति की तारीफ करते
हुए उन्होंने कहा कि आने वाला समय इस प्रणाली का है । ये न केवल स्वरूप तथा निरोग
रखेगी बल्कि इसकी वो अपने भविष्य के रोज़गार के
तौर पर भी देख रहे है ।
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