प्रीत भुल्लर जी से थिएटर के इतिहास और बॉडी
लैंग्वेज की सीखीं बारीकियां
एन टी 24 न्यूज़
विनय कुमार
चण्डीगढ़
शहर में चल रहे थिएटर फॉर थिएटर द्वारा
आयोजित महाकुंभ में वर्कशॉप सेशंस में युवा कलाकारों के लिए मौका था फिल्म और
थिएटर कलाकार प्रीत भुल्लर जी से थिएटर के इतिहास और बॉडी लैंग्वेज की बारीकियां
जानने का | यह प्रीत भुल्लर जी का थिएटर के प्रति समर्पण और जज्बा ही है, जो फिल्मों में पदार्पण करने के बाद आज भी वह
थिएटर को बतौर निर्देशक अपनी सेवाएं दे रहे हैं और व्यस्तता के चलते हुए भी
उन्होंने सिर्फ युवा कलाकारों के लिए इस वर्कशॉप का हिस्सा बनने की इच्छा जाहिर की
| अमृतसर की पावन पृष्ठभूमि से
ताल्लुक रखने वाले प्रीत भुल्लर ने प्रोफेशनल रंगमंच की शुरुआत केवल धालीवाल और
सुदेश शर्मा सरीखे दिग्गज रंग कर्मियों के साथ की | एक
अद्भुत अदाकार, प्रतिभावान निर्देशक और दूरदर्शी शख्सियत
होने के साथ-साथ प्रीत भुल्लर जी ने मार्शल आर्ट्स का प्रोफेशनल प्रशिक्षण हासिल
किया और अपनी अदाकारी और मार्शल आर्ट्स के बलबूते उन्हें अनेकों बार विभिन्न
सामानों से भी नवाजा गया | प्रीत भुल्लर ने वर्कशॉप में
बताया कि थिएटर का नाम सिर्फ अदाकारी ही नहीं ,उसका इतिहास
जानना भी एक कलाकार के लिए मायने रखता है | और बॉडी लैंग्वेज
के बिना तो रंगमंच अधूरा ही है, बॉडी लैंग्वेज का
थिएटर से जुड़ाव बहुत पुराना है, जिसका ज़िक्र भरतमुनि जैसे
महाकवि ने अपने महाकाव्य "नाट्यशास्त्र" में और स्टेनिस्लविस्की जैसे
पश्चिमी थिएटर दिग्गजों ने भी बखूबी किया है |
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