दो दिवसीय
वर्कशॉप के दूसरे दिन वॉइस एंड स्पीच एक्सपर्ट अनूप शर्मा
“ केवल
लाइन बोलना ही अभिनय नही उसमे भाव भी ज़रूरी है. भाव छूटा तो दर्शक रूठा ”
एन टी 24 न्यूज़
विनय कुमार
चंडीगढ़
शुक्रवार को आयोजित दो दिवसीय
वर्कशॉप के दूसरे दिन वॉइस एंड स्पीच एक्सपर्ट श्री अनूप शर्मा ने युवा रंगकर्मियो
को स्पीच की कुछ ऐसी ही बारीकियां बताई. यह वर्कशॉप बाल भवन सेक्टर 23 में 30
दिवसीय विंटर नेशनल थिएटर फेस्टिवल में आयोजित
की गई. फेस्टिवल के पांचवे चरण में आयोजित इस वर्कशॉप में पंजाब यूनिवर्सिटी
के थिएटर डिपार्टमेंट के एलयुमनाई और गोल्ड मेडलिस्ट श्री अनूप जी ने अभिनय एवं आम
जीवन में वॉइस और स्पीच के महत्व के बारे में बात की और युवा रंगकर्मियों को
डाइलॉग डिलीवरी के टिप्स दिए. मूल रूप से अंबाला के नज़दीक ग्राम उगाला के निवासी
अनूप जी अभिनय की तरफ अपने झुकाव को पिछले जनम का सबंध मानते है. सिनेमा और रंगमंच
के क्षेत्र में अपने अभिनय का लोहा मनवाने वाले अनूप शर्मा जी ने वॉइस और स्पीच को
अभिनय का अभिन्न अंग बताते हुए कहा कि वह किसी भी अभिनेता की ताकत है और उसे
सहेजना एक्टर का धर्म. साथ अनूप जी ने युवाओ को अपनी स्पीच सुधारने के लिए निरंतर
साहित्य पढ़ने और ज़हीन लीगो को सुनने की सलाह दी.वर्त्तमान समय में उत्सव कलामंच के
माध्यम से चंडीगढ़ क्षेत्र में कला की निरंतर सेवा करते श्री अनूप जीका मानना है कि
अभ्यास ऐक्टर का स्वभाव होना चाहिए. जिस दिन आपका अभ्यास करने का मन ना हो तो समझ
लीजिए कि आप अपनी कला से दूर होते जा रहे है. जसपाल भट्टी जी के एक्टिंग स्कूल के
एक्टिंग डिपार्टमेंट के पूर्व डीन और बहुत से अभिनेताओं और गायकों को ट्रेनिंग
देने वाले अनूप शर्मा जी के अनुसार अपनी स्पीच को अभ्यास से बेहतर बनाया जा सकता
है. उन्होंने इस अवधारणा को खारिज़ किया कि सिगरेट सेवन से आवाज़ का बेस अच्छा
होता है, ऐसा नहीं है. उल्टा धूम्रपान से स्टैमिना
पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है जो किसी भी कलाकार के लिए घातक है l मौके पर प्रसिद्ध
रंगकर्मी संगीता गुप्ता ने अनूप शर्मा को स्मृति चिन्ह प्रदान किया तथा युवा
रंगकर्मियों को बताया कि 30 दिवसीय कार्यशाला में रंगमंच की सभी तकनीक पर काम करना
व कला विद्या को सिखाना मुश्किल काम है. परंतु इस कार्यशाला से शहर के रंगमंच व
रंगकर्मियों को अत्यंत लाभ होगा l
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