अपनी
मांगों को पूरा करवाने और सरकार के वायदा खिलाफी के खिलाफ अर्थी फूंक कर आवाज को
किया बुलंद
एन टी 24 न्यूज़
विनय कुमार
चंडीगढ़
मुलाज़िम वर्ग की माँगों की प्राप्ति के लिए
पंजाब सरकार की वायदा खिलाफी के विरोध में पंजाब मुलाज़िम एंड पैनशनरज़ा संघर्ष
समिति के दिए गए बुलाऐ अनुसार आज मोहाली में शिक्षा बोर्ड चौक पर मुलाजिमों ने
भारी रैली मुज़राहरा किया। इसके बाद पंजाब सरकार की अर्थी फूँक कर ऐलान किया कि
पंजाब सरकार के विरुद्ध आने वाले दिनों में संघर्ष को और तेज़ा किया जायेगा।
फैडरेशन नेताओं ने कहा कि वोटों मांगने के लिए आने वाले नेताओं के विरुद्ध ज़ोरदार
रोश मुज़ाहरे किये जाएंगे। अगला प्रोग्राम जल्दी ही मीटिंग करके ऐलान किया जायेगा।
दिए हुए प्रोग्राम अनुसार आज मुक्तसर, तरन तार और अन्य भी कई जिलों
में जबरदस्त अर्थी फूँक मुज़ाहरे हुए। आज की इस रैली को संबोधन करने वाले
मुलाजिमों के प्रमुख वक्तों में मुलाज़िम जत्थेबंदियों के मुख्य नेता सज्जन सिंह,
पवन गोडयाल, शोभा राम, गुरप्रीत सिंह, अनिल कुमार, पससफ के सचिव करतार पाल, सचिवालय के नेता
प्रेम चंद शर्मा, जिला मोहाली के प्रधान प्रेम चंद,
इरीगेशन के नेता उम्मीद रावत, गवर्नमैंट
टीचर यूनियन के सूबा प्रधान हरजीत सिंह बसोता, प्रधान
मंगा सिंह, पससफ के प्रधान गुरविन्दर सिंह खमाणों समेत
अन्य कई नेताओं ने संबोधन किया । नेताओं ने यह भी ऐलान किया कि मुलाज़िम
जत्थेबंदियों के प्रमुख नेता साथी सज्जन सिंह मज़ादूर दिवस वाले दिन 1 मई को चंडीगढ़ में मुलाज़िम वर्ग की माँगों के हक में और सरकार की
मुलाज़िम विरोधी नीति के खिलाफ मरणावर्त शुरू करेंगे। चल रहे संघर्ष की मुलाज़िम
वर्ग की मुख्य माँगों जिनमें सभी कच्चे मुलाजिमों को एक्ट 2016 लागू करके तुरंत पक्का किया जाये, निकाले
मुलाज़िम और सुविधा मुलाज़िम वापिस लिए जाएँ, पे -कमीशन
बगैर किसी देरी से 23प्रतिशत तनख्वाहें में वृद्धि के साथ
तुरंत लागू किया जाये, 125 प्रतिशत को बेसिक पे में
मर्ज़ा किया जाये, डी.ए. की तीन किश्तों तुरंत बकाया समेत
दीं जाएँ, आशा वर्कर, पुरानी
पैंशन स्कीम तुरंत लागू की जाये, मिड डे मील और आंगनवाड़ी
मुलाजिमों को कम से कम 18000 /- रुपया लागू किया जाये और
अन्य कई अहम माँगों शामिल हैं । नेताओं ने यह भी ऐलान किया कि संघर्ष माँगों की
प्राप्ति तक जारी रहेगा, क्योंकि मुलाजिमों माँगों
स्वीकृत करने पर चुनाव आचार संहिता लागू नहीं होता । उन्होंने कहा कि 1992,
1996, 2009 में साथी सज्जन सिंह के मरणावर्त समय पे -कमीशन चुनाव
आचार संहिता लागू हुए थे और कच्चे मुलाजिमों को पक्का किया गया था। अब भी सरकार को
यह करने के लिए मुलाज़िम जमात का संघर्ष मजबूर कर देगा ।
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