Friday, 26 April 2019

Nt24 News : विशेषज्ञों ने पंजाब के मालवा जिले में कैंसर से मृत्यु के बढ़ते मामलों ....


विशेषज्ञों ने पंजाब के मालवा जिले में कैंसर से मृत्यु के बढ़ते मामलों के लिए कीटनाशकों को वजह बताने को झूठी अफवाह बताया

एन टी 24 न्यूज़
विनय कुमार
चंडीगढ़
पंजाब के मालवा जिले में कैंसर के मामले बढऩे के लिए कीटनाशकों को जिम्मेदार बताने की अफवाह का खंडन करते हुए क्रॉप केयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया और पर्यावरण एवं कृषि केंद्र ने खाद्य सुरक्षा में फसल सुरक्षा उत्पाद एवं उनके बारे में मिथ्या धारणाएंके माध्यम से सच सामने रखने का समेकित प्रयास किया है। आज चंडीगढ़ में आयोजित कार्यक्रम में इस पर जोर दिया गया कि कैंसर की वजह केवल कीटनाशक का प्रयोग नहीं बल्कि इसके कई कारणों से हो सकते हैं। इस आयोजन के बारे में दूर-दूर तक जानकारी पहुंचाने के लिए क्षेत्रीय मीडिया पर जोर दिया गया। इस अवसर पर प्रसिद्ध विष-विशेषज्ञों और शोधकर्ताओं की एक टीम ने मीडिया को संबोधित किया। इसमें शामिल थे डॉ. अजीत कुमार अध्यक्ष-तकनीक समिति, क्रॉप केयर फेडरेशन ऑफ इंडिया, डॉ. बलविंदर सिंह, पंजाब कृषि विश्वविद्यालय, लुधियाना, डॉ. तेजस प्रजापति, एम. डी. डिप्लोमा, क्लिनिकल टॉक्सिकोलॉजी (आस्ट्रेलिया), टॉक्सिकोलॉजी सलाहकार सागर कौशिक, अध्यक्ष, कॉर्पोरेट कार्य, यूपीएल और डॉ. अजीत कुमार, डॉ. अजीत कुमार ने कहा कि उचित कृषि प्रक्रिया (जीएपी) के अनुसार कीटनाशकों का प्रयोग सेहत के लिए खतरनाक नहीं है और भारत में इस संबंध में ठोस नियामक व्यवस्था है। श्रोताओं को संबोधित करते हुए डॉ. तेजस प्रजापति ने बताया कि कैंसर और इससे मृत्यु की दर में बढ़ोतरी की वजह सामाजिक आर्थिक कारण हैं और आने वाले समय में यह बड़ी चुनौती  होगी। उन्होंने बताया कि कैंसर की दर, कैंसर के प्रकार और कैंसर से मृत्यु के मामलों में पूरी दुनिया में बहुत भिन्नता है और कैंसर से मृत्यु के सभी मामलों में कम से कम 50 प्रतिशत के लिए कम से कम 8 पर्यावरण या लाइफस्टाइल से जुड़े जोखि़म जिम्मेदार हैं। ‘‘अब तक कैंसर की सबसे बड़ी वजह तम्बाकू का सेवन है। इसे ध्यान में रखते हुए सही रणनीति बनाएं तो ये खतरे कम हो सकते हैं जिससे पूरी दुनिया में कैंसर का बोझ कम करने में आसानी होगी,’’ उन्होंने बताया। ‘‘कीटनाशकों का कृषि कार्य में बहुत महत्वपूर्ण योगदान है परंतु मानवता और पर्यावरण के हित में इनके उपयोग में बहुत विवेक से काम लेना होगा। कीट नियंत्रण के वैकल्पिक उपायों के साथ जीएम फसलों के उपयोग पर जोर देने से कीटनाशक पर निर्भरता कम होगी,’’ डॉ. बलविंदर सिंह ने बताया। ‘‘इसलिए कीटनाशक के प्रयोग के बाद फसल में उसके अवशेष पर निगरानी रखना आज देश की प्राथमिकता होनी चाहिए। साथ ही, इस दिशा में किसानों, वैज्ञानिकों, नीति निर्माताओं, उद्यग जगत, प्रशासन और उपभोक्ता सब को आपसी सहयोग से काम करना होगा जिसका आने वाले समय में जरूर लाभ मिलेगा।’’ पंजाब में कैंसर के बढ़ते प्रकोप और इससे मृत्यु के बारे में सही सूझबूझ विकसित करने के लिए कृपया संलग्न डॉक्युमेंट पढ़ें ।

1 comment:

Anonymous said...

great story